प्रयागराज (ब्‍यूरो)। श्रीहनुमान जन्मोत्सव पर मंगलवार को शहर के तमाम मंदिरों में बजरंग बली का पूजन अर्चन किया गया। सुबह से मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़ ने फूल माला और प्रसाद चढ़ाकर प्रार्थना की। कई मंदिरों में उनका भव्य अभिषेक और श्रृंगार भी किया गया। प्रयागराज के संगम तट स्थित लेटे श्री बड़े हनुमान मंदिर में मंगलवार सुबह से ही आस्था का सैलाब उमड़ा। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर दूर राज्यों से हजारों भक्त हनुमान जी के दर्शन और पूजन करने पहुंचे। चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा पर श्री बड़े हनुमान जी का महाभिषेक किया गया। दूध, दही, घी, शहद, रस और पंचामृत से बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज ने हनुमान जी का अभिषेक किया।

पट खुलते ही उमड़े भक्त
संगम स्थित श्रीलेटे हनुमान मंदिर का मंगलवार को पट खुलते ही भक्तों ने बड़े हनुमान जी के दर्शन किए। सुबह दस बजे श्रीबड़े हनुमान जी का महाभिषेक शुरू किया। बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज ने भव्य तरीके से महाश्रृंगार और महाभिषेक किया। 51 ब्राह्मण और आचार्यों की उपस्थिति और मंत्रोच्चारण से बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरीजी महाराज ने 108 लीटर दूध, 31 लीटर दही, 11 किलो गो घी, 11 किलो शहद, 11 किलो रस और 51 किलो पंचामृत से अभिषेक किया। बलबीर गिरी ने सबसे पहले पुष्प प्रभु को चढ़ाए। इसके बाद जल, दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, पंचामृत, अश्वगंधा, गुलाब और गंगाजल से अभिषेक किया। सुबह दस बजे से 12 बजे तक अभिषेक हुआ। भक्तों में भी गजब का उत्साह देखने को मिला। इस दौरान मंदिर परिसर श्रीराम के जयकारों से गूंजता रहा।

भव्य तरीके से सजा मंदिर
पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक पुष्प से सजाया गया। वहीं, श्रद्धालुओं के लिए पंडाल की व्यवस्था की गई। सुबह ही मंदिर परिसर में पूड़ी सब्ज़ी भंडारा भी शुरू कर दिया गया। वहीं, शाम 4.30 बजे महंत बलबीर गिरी जी महाराज ने श्री बड़े हनुमान की महाआरती की और तत्पश्चात मंदिर परिसर सामूहिक सुंदरकांड का पाठ किया गया। बलबीर गिरि ने बताया कि यह इस प्रकार का मंदिर है जहां हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। यहां पर स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा 20 फीट लंबी है। संगम किनारे बना ये एक अनूठा मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के दर्शन के बाद ही पूरा होता है।

भव्य तरीके से मनाया गया जन्मोत्सव
मंगलवार को पंडित मुल्ला कॉलोनी, स्टैनली रोड स्थित, ज्ञान गुण सागर वाहिनी के कार्यलय में वाहिनी के अध्यक्ष कुश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शोभा यात्रा एवं हनुमान चालीसा का एकादश पाठ आयोजित हुआ। कार्यक्रमों में वाहिनी की मुख्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों समेत बड़ी संख्या में अन्य सदस्यों ने उपस्थित होकर हनुमान चालीसा का एकादश पाठ किया। कुश श्रीवास्तव ने बताया कि हनुमान जी वानरों के राजा केसरी और उनकी पत्नी के छह पुत्रों में सबसे बड़े और पहले पुत्र थे। उन्होंने बताया की इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त हुआ था, उनमें बजरंग बली भी थे। उन्होंने बताया कि, हनुमान जी का अवतार भगवान श्रीराम की सहायता हेतु हुआ था। कहा की वह बच्चों में बजरंगबली से मिलने वाली ऊर्जा, चरित्र, शिक्षा एवं ऐसी असंख्य विषयों के प्रति जागृति उत्पन्न करना चाहते हैं जिससे उन्हें अपने जीवन में उत्तम चारित्रिक कार्यों को करने की प्रेरणा मिले और राष्ट्र का मान बढ़े। आयोजन में सुनील छेत्री, राष्ट्र्र गौरव तिवारी, अमिताभ श्रीवास्तव, अवनीश श्रीवास्तव, शैलेंद्र मधुर, आभा मधुर, सुरेश, रवि, शरद, हिमांशु, आलोक द्विवेदी, शिवम कौशल, दिव्यांश, शिवम द्विवेदी, पवन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

कष्टों के बारे में बताते रहे भक्त
बजरंग बली ऐसे भगवान हैं जो अपने भक्तों के कष्टों को हर लेते हैं। यही कारण है कि सिविल लाइंस स्थित श्रीहनुमत निकेतन सहित शहर के कई मंदिरों में देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला लगा रहा। उन्होंने भगवान की प्रतिमा के आगे शीश झुकाकर अपने कष्टों से अवगत कराया। साथ ही इनसे छुटकारा पाने की प्रार्थना भी की।