प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- हमारे आसपास पक्षियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। इनका संरक्षण बेहद जरूरी है। अगर आपको भी ऐसा लगता है तो आज ही जागरुक हो जाइए। अपने घर के आसपास के एरिया में महज 15 से 20 मिनट खड़े होकर पक्षियों की प्रजाति और उनकी संख्या की गणना कीजिए। फिर इसे आनलाइन पक्षियों की गणना और संरक्षण को बढ़ावा देने वाली वेबसाइट पर अपलोड कर दीजिए। आपकी यह मुहिम विलुप्त होते पक्षियों की संख्या को बचा सकती है।

चार दिन चलेगा अभियान

पक्षियों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था ईबर्डडाटओआरजी के द्वारा बर्ड काउंटिंग कराई जाती है। इस बार पहला ऐसा वाकया है जब प्रयागराज में भी बर्ड काउंट किया जा रहा है। यह अभियान द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट ( जीबीसी)- 2024 के नाम से चलाया जा रहा है। इसके पहले दिन बर्ड लवर और नेचर फोटोग्राफर डॉ अर्पित बंसल ने बताया कि प्रयागराज के पक्षी प्रेमियों ने कॉलेज ऑफ ऑफ फॉरेस्ट्री शुआट्स परिसर में पक्षियों की अनेक प्रजातियां दूरबीन से खोजीं। पिछले वर्ष दस हजार पक्षी प्रेमियों ने ई बर्ड कार्यक्रम में भाग लिया था जिसमें असम, त्रिपुरा, पूर्वी बंगाल, लद्दाख, अंडमान शामिल हुए थे। प्रयागराज में इसकी शुरुआत पहली बार आज हुई। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रोफेसर डॉ एंथोनी जोसेफ राज ,डीन, फॉरेस्ट्री ने सबका स्वागत किया। पक्षी प्रेमी रेलवे के मटीरियल मैनेजर प्रताप सिंह शमी ने डॉ अर्पित बंसल को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस शहर के युवा पक्षी प्रेमियों को इससे प्रोत्साहन मिलेगा। इस दौरान पक्षी प्रेमियों द्वारा पदयात्रा की गई।

क्या है बर्ड काउंट इंडिया

बर्ड काउंट इंडिया एक संस्था है जो पक्षियों की मौजूदा संख्या को डेटा के आधार पर बताती है। देशभर से आए डेटा के आधार पही यह संस्था सर्वे जारी करती है। डॉ। बंसल इस संस्था में यूपी के रीजनल कोआर्डिनेटर हैं। इसके अलावा वह ई बर्ड डाट ओआरजी वेबसाइट में भी यूपी के रीजनल कोआर्डिनेटर हैं। वह इस वेबसाइट में इंडिया के बर्ड एक्सपट्र्स की संख्या में सातवें नंबर पर हैं।

वेबसाइट पर डालिए जानकारी

अगर आप अपने आसपास पक्षियों की संख्या की गिनती करते हैं तो इसे भी वेबसाइट पर डाल सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको ईबर्डडाटओआरजी वेबसाइट पर एक एकाउंट बनाना होगा। डॉ। बंसल कहते हैं कि इसी वेबसाइट के मोबाइल ऐप में पासवर्ड के जरिए भी पक्षियों की गिनती को अपलोड किया जा सकता है। ऐसा करने से आने वाले समय में प्रयागराज में पक्षियों की संख्या का सही आंकलन किया जा सकेगा।