कंपनी गार्डेन में जॉगिंग ट्रैक को लेकर नहीं लगा है इंस्ट्रक्शन बोर्ड
हाईकोर्ट के आदेश से पब्लिक अनजान, मस्ती का साधन बना ट्रैक
ALLAHABAD: हाईकोर्ट ने कंपनी गार्डेन के जॉगिंग ट्रैक पर बिना स्पोटर्स शूज जॉगिंग पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया है, लेकिन पब्लिक इससे अनजान है। आलम यह है कि गद्देदार ट्रैक बच्चों की उछल कूद का प्लेटफार्म बन गया है। जिन्हें जॉगिंग नहीं करनी होती वह भी इस ट्रैक का मजा लेने के लिए चहलकदमी करने चले आते हैं।
क्वालिटी पर उठे सवाल
आदेश से अनजान पब्लिक जॉगिंग ट्रैक की क्वालिटी पर भी सवाल उठा रही है। पब्लिक का कहना है कि अब केवल जॉगिंग ट्रैक पर चलने के लिए इस गर्मी में हमेशा स्पोर्ट्स शूज तो नहीं पहना जा सकता। क्या जॉगिंग ट्रैक की क्वालिटी इतनी खराब है कि चप्पल पहन कर चलने से टूट जा रही है। हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद रविवार को आईनेक्स्ट ने कंपनी गार्डेन में जागिंग ट्रैक पर भ्रमण कर रहे लोगों से बातचीत की।
उखड़ रहा रबराइज्ड जॉगिंग ट्रैक
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में जागिंग ट्रैक खराब होने की बात कही है। वह पूरी तरह से सत्य है। करीब एक करोड़ रुपये की लागत से तीन किलोमीटर एरिया में बना रबराइज्ड जागिंग ट्रैक जगह-जगह से उखड़ रहा है। कई जगह ट्रैक पर गड्ढे हो गए हैं।
कहीं नहीं दिखा कोई बोर्ड
कंपनी गार्डेन में लाखों रुपये खर्च कर इंटरनेशनल लेवल का जॉगिंग ट्रैक तो बन गया, लेकिन कहीं ये साइन बोर्ड नहीं लगाया गया कि ये जॉगिंग ट्रैक है और इस पर बेमतलब चलना मना है। इसकी वजह से गार्डेन में सैर पर निकले लोग गद्देदार जॉगिंग ट्रैक पर चलते हैं और मजा लेते हैं। बच्चे भी खूब उछल कूद मचाते हैं। रविवार को भी कई लोग जॉगिंग ट्रैक पर चलते हुए नजर आए। उन्हें रोकने या टोकने वाला कोई नहीं था। यही नहीं कहीं कोई साइन बोर्ड भी नहीं दिखाई दिया, जिस पर लिखा हो कि ट्रैक पर बिना स्पोटर्स शू के चलना मना है।
आई कनेक्ट
गर्मी और बारिश में स्लीपर या सैंडिल पहनता हूं। कोचिंग के लिए निकला था, एक्स्ट्रा टाइम था तो सोचा चलो थोड़ा वाकिंग कर लेते हैं। जॉगिंग ट्रैक पर चलने में मजा आया तो चल रहा हूं।
अभिलाष
कंपनी गार्डेन पर डे आता हूं। जब देखता हूं कि दौड़ने वाले लोग नहीं हैं तो ट्रैक पर चलता हूं। गद्देदार ट्रैक पर आनंद आता है। बगैर स्पोर्ट्स शू के चलने से ट्रैक खराब हो रहा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
अजीत
इस ट्रैक पर बगैर स्पोर्ट्स शू के नहीं चलना है, ऐसा कहीं निर्देश तो नहीं है और न ही किसी ने बताया है। अब ऐसी स्थिति में ये जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति स्पोर्ट्स शू ही पहने।
अभिषेक
स्पोर्ट्स शू की जगह चप्पल, सैंडिल या फिर लेदर शू पहन कर चलने से जॉगिंग ट्रैक खराब हो रहा है, ये मैं नहीं मानता हूं। गड़बड़ी जागिंग ट्रैक की गुणवत्ता में भी हो सकती है।
आशुतोष
कंपनी गार्डेन में बना जॉगिंग ट्रैक किस वजह से उखड़ रहा है। इसकी जानकारी मुझे नहीं है। चीफ इंजीनियर ही बता पाएंगे।
गुडाकेश शर्मा
जनसम्पर्क अधिकारी
एडीए
(चीफ इंजीनियर ने काल नहीं रिसीव की.)