प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज। आपको मालूम है रोड पर मैक्सिम एक्सीडेंट क्यों हो जाते हैं। नहीं। तो जान लीजिए। लेन ब्रेक करने से हादसों की गुंजाइश हो जाती है। ऐसे में रोड पर गाड़ी ड्राइव करते समय इस बात का पूरा ध्यान रखें कि लेन ब्रेक न होने पाए। वरना एक मामूली सी गलती जान पर भारी पड़ सकती है् सड़क पर चलते समय लेन ब्रेक करने की समस्या से हादसों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में जरुरी है कि रोड पर चलते समय लेन ब्रेन न होने पाए इसका पूरा ख्याल रखा जाए।
क्या है लेन ब्रेक
सड़क पर वाहन लेकर चलते समय अक्सर लोग ध्यान नहीं देते हैं कि कब उनका वाहन सड़क के बीचों बीच आ गया। रोड अगर खाली है तो फिर इससे कोई समस्या नहीं होती है। वरना अचानक बीचों बीच कोई वाहन आ जाने से पीछे से आ रहे वाहन की टक्कर हो जाती है। नतीजा एक्सीडेंट हो जाता है। चोट चपेट से लेकर जान की जोखिम हो जाती है।

कब हो जाती है लेन ब्रेक
- वाहन चलाते समय आपस में बात करने पर।
- वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने पर।
- कंसंट्रेट होकर वाहन नहीं चलाने पर।
- ओवर टेक करते समय।
- रोड पर जाम लगने पर।
- अचानक मुड़ जाने पर।
- फास्ट स्पीड में गाड़ी चलाने पर।

ये करें सावधानी
- वाहन चलाते समय आपस में बात न करें।
- ड्राइविंग के दौरान मोबाइल को अबाइड करें।
- रात में बगैर इंडिकेटर दिए न मुड़ें।
- वाहन की स्पीड को कंट्रोल में रखें।
- दिन में बगैर हाथ दिए न मुड़ें।
- ओवर टेक करते समय सतर्क रहें।

यूथ करते हैं लेन ब्रेक
आपने देखा होगा कि मैक्सिम टाइम रोड पर लेन ब्रेक यूथ करते हैं। बाइक, स्कूटी या फिर कार ड्राइव करते समय यूथ तेजी से वाहन चलाते हैं। ओवर टेक करते हैं। जिससे लेन ब्रेक होती है और एक्सीडेंट की संभावना बन जाती है।

जुर्माना लग सकता है पता नहीं
रोड पर फर्राटा भरने वाले यूथ को ये तो पता है कि लेन ब्रेक होने से एक्सीडेंट हो सकता है, मगर लेन ब्रेक करने पर जुर्माना का प्राविधान है इसके बारे में जानकारी यूथ को न के बराबर है। सलोरी एरिया में रहने वाले स्टूडेंट प्रशांत, अवेंद्र, उत्कर्ष और आर्शीवाद ने ये तो कहा कि सड़क पर सुरक्षित चलना चाहिए। स्पीड तेज नहीं होनी चाहिए। मगर स्टूडेंट ये नहीं बता सके कि महज लेन ब्रेक करने पर भी जुर्माना या सजा का प्राविधान है।

जाम की बड़ी समस्या है लेन ब्रेकिंग
शहर में जाम की बड़ी समस्या है। और ये जाम की समस्या महज लेन ब्रेकिंग की वजह से होती है। होता ये है कि आगे निकलने या जल्दबाजी के चक्कर में लोग जाम के दौरान दाहिने बाएं जहां भी जगह पाते हैं वहां से अपने वाहन को आगे निकालने लगते हैं, जिसकी वजह से जाम की समस्या गंभीर रुख अख्तियार कर लेती है।


यातायात विभाग करता है जागरुक
यातायात विभाग यातायात नियमों के प्रति जागरुकता के लिए आए दिन किसी न किसी स्कूल, कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया जाता है। इसके लिए बकायदा एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर पवन पांडेय की ड्यूटी लगाई गई है। बीते वर्ष ट्रैफिक इंस्पेक्टर पवन पांडेय ने सौ से ज्यादा सेमिनार, नुक्कड़ नाटक् का आयोजन ट्रैफिक रूल्स की जानकारी देने के लिए किया।

डिवाइड बनने से राहत
लेन ब्रेकिंग की वजह से होने वाले एक्सीडेंट को रोकने के लिए सड़कों पर डिवाइडर बनाया जा रहा है। डिवाइडर बनने से राहत तो है। मगर इसके बावजूद लोग लेन ब्रेकिंग से बाज नहीं आते हैं। जिसकी वजह से एक्सीडेंट हो जा रहे हैं।


ये है नियम
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 के तहत लेन ब्रेकिंग के लिए जुर्माना और सजा का प्राविधान किया गया है।
बगैर सिग्नल लेन ब्रेक करने पर पांच सौ रुपये जुर्माना
रैश ड्राइविंग पर दो हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।
एक महीने की सजा हो सकती है


500 रुपये जुर्माना बगैर सिग्नल लेन ब्रेक पर।
2000 रुपये जुर्माना रैश ड्राइविंग पर।
1105 एक्सीडेंट हुए 2023 में।
6335 लोगों के चालान हुए 2023 में।


स्टूडेंट्स और शहरियों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी देने के लिए सेमिनार और नुक्कड़ नाटक के कार्यक्रम किए जाते हैं। लोगों में ट्रैफिक रूल्स के प्रति जागरुकता आ रही है। अक्सर लोग जल्दबाजी में ट्रैफिक रूल्स तोड़ देते हैं। जिस पर उन्हें जुर्माना भी देना पड़ता है।
पवन पांडेय, ट्रैफिक इंस्पेक्टर



लेन ब्रेकिंग एक्सीडेंट की मुख्य वजह है। अगर लोग ड्राइविंग करते समय लेन ब्रेक न करें तो एक्सीडेंट का ग्राफ बहुत कम हो सकता है। जाम की समस्या कम हो सकती है। लेन ब्रेकिंग को लेकर सख्ती बरती जा रही है।
शिवराम यादव, एडीसीपी ट्रैफिक