राज्यपाल ने शिक्षकों को गुणवत्ता पर अधिक फोकस करने को दिया जोर

ALLAHABAD: दुनियाभर में तेजी से शिक्षा के हो रहे व्यवसायीकरण से इसकी गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है। जो कि आने वाली पीढ़ी के लिए घातक है और सभी के लिए चिंता का मुख्य विषय है। ये बाते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने मोती लाल नेहरू इंटर कालेज में आयोजित पुराछात्र समागम व अभिनंदन समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि वह शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित होने से बचाएं। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा से समाज का सर्वागीण विकास संभव है। शिक्षकों को बच्चों को ज्ञान परक शिक्षा देना चाहिए।

शिक्षा ग्रहण करना छात्र का धर्म

समारोह में वर्तमान में शैक्षिक गुणवत्ता पर अपने विचार रखते हुए सूबे के राज्यपाल ने कहा कि छात्र का धर्म शिक्षा ग्रहण करना है। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास होगा। छात्रों को किताबी कीड़ा नहीं बनना चाहिए। ज्ञान के लिए लगन की जरूरत है। छात्र दो घंटे ही सही लेकिन पूरे मनोयोग से पढ़ाई करें। योग की महत्ता के बारे में प्रकाश डालते हुए राज्यपाल शिक्षा के साथ ही योग की उपयोगिता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि योग से शरीर बलवान तो होता ही है, मन भी एकाग्र होता है। अपने पूरे कार्यकाल में 1023 दिनों का लेखा-जोखा भी राज्यपाल ने प्रस्तुत किया। कहा कि लखनऊ में वह 613 कार्यक्रमों में शामिल हुए। इसके बाहर 377 कार्यक्रमों में शिरकत की। इसके साथ ही 17003 नागरिकों से राजभवन में मुलाकात की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक जयंत श्रीवास्तव ने राज्यपाल को स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। संचालन एसडी कौटिल्य ने किया। प्रधानाचार्य रजतचंद्र श्रीवास्तव ने आभार ज्ञापित किया। एनजीबीयू के कुलाधिपति जेएन मिश्र, विधायक प्रवीण सिंह पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी, पं। रामशिरोमणि मिश्र, माता प्रसाद, चौ। राघवेंद्रनाथ सिंह, एमपी सिन्हा मौजूद रहे।

पुरा छात्रों को मिला सम्मान

मोतीलाल नेहरू इंटर कालेज जमुनीपुर में आयोजित कार्यक्रम में कई पुराछात्र शामिल हुए। विद्यालय प्रबंधन ने इन पुरा छात्रों में पीसीएस अधिकारी उमेश मिश्र, विधायक सुरेश त्रिपाठी एवं अधिवक्ता योगेश मिश्र, चंद्रशेखर मिश्र सहित कई अन्य को सम्मानित किया। सालों बाद मिले पुरा छात्रों ने विद्यालय से जुड़ी अपनी पुरानी यादें ताजा की।