प्रयागराज ब्यूरो । माघ मेला बसाने का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है। इस बार घाटों पर नई डिजाइन के चेंजिंग रूम बनाने की योजना है। चेंजिंग रूम की ऊंचाई साढ़े पांच फिट से अधिक रखी जाएगी। ताकि महिलाएं इसमें आसानी से खड़ी हो सकें। बसावट का जो नक्शा तैयार है उसके अनुरूप माघ मेला का विस्तार एरिया 770 हेक्टेयर होगा। सब कुछ ठीक रहा तो पूरा मेला में सिटी हाउसिंग कल्चर यानी कतारबद्ध तरीके से टेंट लगाए जाएंगे। तरीके और सलीके से टेंट लगाने से मेला की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे। खास और अहम बात यह है कि इस बार 54 दिनों तक चलने वाले इस मेला का फैलाव विगत वर्षों की अपेक्षा काफी अधिक होगा।

110 किमी बनेंगी मेला में सड़कें
पूरे एरिया को पांच सेक्टर में बांटा जाएगा। इसमें ए-1 अरैल तो ए-5 सेक्टर नाग वासुकी के पास बनाया जाएगा। मतलब यह कि मेला का फैला अरैल से लेकर नाग वासुकी मंदिर तक होगा। इस पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए 110 किलो मीटर चेकर्ड की सड़कें बनाई जाएंगी। चूंकि गंगा की धारा इस बार भी दारागंज तरफ ही है। इस लिए मेला क्षेत्र में प्रवेश के लिए टोटल छह पांटून पुल बनाए जाएंगे। पांटून पुल बनाने का काम पीडब्लूडी सीडी-4 डिपार्टमेंट को सौंपा गया है। मेला क्षेत्र में शौचालयों का निर्माण बसावट और एरिया के व आवश्यकता के अनुरूप किया जाएगा। टॉयलेट को दुर्गंध मुक्त करने के लिए ओडर फ्री साल्यूशन का प्रयोग किया जाएगा। दिन में कम से कम दो बार टॉयलेट की सफाई का इंतजाम किया जाएगा। मेला क्षेत्र में कहीं पर भी खुले में खौच करने पर पूर्ण पाबंदी होगी। संत महात्माओं के अखाड़ों व कैंपों में भी टायलेट व्यवस्था मस्ट की गई है। सभी महत्माओं के अखाड़े में डस्टविन की व्यवस्था होगी। महात्माओं से प्रशासन अपील करेगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके यहां कैंप में रुकने वाले श्रद्धालु व कल्पवासी डस्टबिन में ही कचरा डालें। ताकि मेला को स्वच्छ बनाए रखने में जन सहयोग मिल सके।

सोलर स्ट्रीट लाइट का होगा प्रयोग
माघ में बनाई जाने वाली सड़कों के किनारे सोलर लाइट पर नया प्रयोग किया जाएगा।
कुल 165 सोलर हाईब्रिड एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। बताते हैं कि इससे मेला क्षेत्र में बिजली की बचत तो होगी ही।
महाकुंभ के लिए सोलर स्ट्रीट लाइट की सफलता का टेस्ट भी हो जाएगा। खास बात यह है कि रेलवे स्टेशन की तरह माघ मेला में 10 वाटर एटीएम लगाए जाएंगे।
इस वाटर एटीएम से लोगों को आरओ का पानी मुहैया होगा। इसे मेला के कुछ प्रमुख चौराहों पर लगाया जाएगा।
काली एवं त्रिवेणी मार्ग पर बनाए जाने वाले पांटून पुल पर डिलीनियएटर्स लगाए जाएंगे। जो रात में लोगों गाइड करने का काम करेंगे।


शीर्ष अफसरों की बैठक में माघ मेला भौगोलिक प्लान तैयार हो चुका है। जल्द ही माघ मेला बसाने का काम शुरू होगा। सबसे पहले पांटून पुल व सड़कों का निर्माण होगा। फिर पुलिस के थाने व चौकियां बसाई जाएंगी। इसके पूर्व काली सड़क पर प्रशासनिक कार्यालयों का निर्माण कराया जाएगा।
दयानंद प्रसाद, अपर मेला अधिकारी