प्रयागराज (ब्यूरो)। मूल रूप से जौनपुर के बक्शा थाना क्षेत्र स्थित अगरौरा निवासी अधिवक्ता मंगला प्रसाद कर्नलगंज एरिया के छोटा बघाड़ा माधुरी भवन में रहते थे। वह हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में एक थे। उनके बेटे द्वारा तीन दिन पूर्व कर्नलगंज में पिता मंगला प्रसाद के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। बताते हैं कि गुमशुदगी दर्ज कर कर्नलगंज पुलिस शांत बैठ गई। इस बीच एक लावारिश बॉडी मिली और पुलिस अज्ञात में उसे पोस्टमार्टम हाउस भेज दी। मंगलवार को अधिवक्ता के बेटे मनोज ने पहचान की तो थाना पुलिस की कार्रवाई पर कई तरह के सवाल उठने लगे। पहचान बाद हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा अधिवक्ता की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। साथी अधिवक्ता के मौत की खबर और पुलिस की लापरवाही को लेकर गमजदा अधिवक्ताओं में काफी रोष है। पुलिस का दावा है कि गुमशुदगी बाद अधिवक्ता के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई थी। जनवरी माह में उनका मोबाइल चला ही नहीं था। कहा गया कि छह दिसंबर को उन्होंने लास्ट कॉल किया था।
बॉडी की पहचान को लेकर पुलिस प्रयासरत थी। इस बीच दशरथ नामक चाय वाला बताया कि एक वृद्ध चाय पीने आए थे। अचानक सीने या पेट में दर्द हुआ तो वह चले गए थे। इसी के आधार पर उनकी तलाश की जा रही थी।
अजीत सिंह चौहान, सीओ कर्नलगंज