प्रयागराज ब्यूरो । सैन्य इंजीनियरों की पदोन्नति पिछले सात वर्ष से लंबित है। पदोन्नति के लिए विभागीय प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक नहीं हो रही है। इससे सैन्य इंजीनियरों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई इंजीनियर बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो गए और उन्हें पेंशन कम मिल रही है। पदोन्नति की मांग को लेकर देशभर के सैन्य इंजीनियर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को मध्य वायु कमान बमरौली में चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर इंजीनियरों ने विरेाध प्रदर्शन किया।
एसएससी कराता है भर्ती
सेना में सहायक अभियंता (एई) की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और अवर अभियंता (जेई) की भर्ती कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) से होती है। पूर्व में अवर अभियंताओं की भर्ती विभागीय होती थी। वर्षों पहले विभागीय भर्ती से चयनित हुए जेई कुछ वर्ष पहले एई बन चुके हैं। एई से अधिशासी अभियंता में उनकी पदोन्नति होनी है। लेकिन पिछले सात वर्षों से पदोन्नति नहीं की गई है। इन सहायक अभियंताओं का आरोप है कि यूपीएससी से चयनित एई को समय से पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन जो जेई से एई बने हैं, उनको पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इससे उनका वेतन कम है और पेंशन भी कम बनेगी। पदोन्नति की मांग को लेकर आल इंडिया एमईएस सिविलियन इंजीनियर्स एसोसिएशन की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। मध्य वायु कमान बमरौली में एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार मिश्रा और सचिव अभिषेक कुमार दुबे के नेतृत्व में इंजीनियरों में दोपहर को बांह में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मांग पूरी होने तक उनका विरोध जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालों में प्रदीप यादव, अजय त्यागी, जितेंद्र चतुर्वेदी, राजेंद्र पांडेय, अतुत श्रीवास्तव, वैभव पांडेय, राम निवास, महेश्वर नाथ, राकेश यादव, महावीर मिश्रा, गोविंद चौधरी आदि थे।