अचानक यह क्या हो गया

अभिषेक भी नहीं समझ पा रहा था कि अचानक यह क्या हो गया। उसने अपने पैरेंट्स को सारी बात बताई। उन्हें भी यकीन नहीं हुआ। पिता नवीन शर्मा को लगा कि यह कैसे हो सकता है। उसे कोई क्यों किडनैप करेगा। उन्होंने खुद ही फोन लिया और आयुष के मोबाइल पर कॉल करने लगे.फोन नॉट रिचेबल के बाद स्वीच ऑफ हो चुका था. 

पुलिस से भी नहीं मिली मदद

अब घर वालों के पास पुलिस के पास जाने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं था। रात में वह कर्नलगंज पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस से गुहार लगाई कि वह तत्काल इस मामले में कार्रवाई करे। पुलिस से आश्वासन मिला कि कार्रवाई होगी। इसके बाद नवीन अपने घर वापस लौट गए। रात के 12 बजने वाले थे। आयुष को घर से निकले चार घंटे हो चुके थे। यह जानकारी मिलते ही उसकी बहन तनु भी मायके में लौट आई। सबने पूरी रात जागकर गुजारी।

सुबह मिली सलामती की जानकारी 

ऊपर वाले का शुक्र था कि सुबह एक बार फिर फोन की घंटी बजी। इस बार फोन खुद आयुष का था। उसकी आवाज सुनते ही घर वालों ने चैन की सांस ली। आयुष ने बताया कि रात में उसे बदमाशों ने कोई इंजेक्शन लगा दिया था, जिससे वह अचेत हो गया था। सुबह वह गाड़ी में बैठा था। इस दौरान वह मौका देखकर वहां से भाग निकला। बताया कि वह इस समय छपरा में है। फैमिली मेम्बर्स आयुष को लेने ट्यूजडे को छपरा के लिए चल दिए। अब उसके वापस लौटने के बाद ही राज खुलेगा कि उसको किसने किडनैप किया था और कैसे वह किडनैपर्स के चंगुल से बच निकला। सिटी के कटरा के रहने वाले नवीन शर्मा बिजनेसमैन हैं.