प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लूकरगंज की 12 साल की श्रेया ने हेल्थान हाफ मैराथन का दो किमी रेस का फार्म फिलअप किया था। सुबह पांच बजे ही वह अपने मां सुरभि और पिता देवेंद्र के साथ यूनिवर्सिटी ग्राउंड पर पहुंच गई थी। यहा पर पैरेंट्स ने जबरदस्त भीड़ देखी तो उन्होंने श्रेया को दौड़ लगाने से मना किया लेकिन उसका उत्साह देखकर उन्हे हार माननी पड़ी। आखिरकार पिता देवेंद्र को बेटी के साथ दो किमी दौडऩा पड़ा। उनका कहना था कि बच्चों की खुशी के लिए दौडऩे में कोई बुराई नही है। इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहती है। उधर मैदान में सुरभि को भी बेटी के साथ दौडऩा पड़ा।

बड़ी बहन को भी दौड़ा दिया
इसी तरह कटरा के रहने वाले ऋषभ अपनी बड़ी कीर्तिका के साथ हेल्थान में पहुंचे थे। यहां पर भीड़ देखकर उनका उत्साह दोगुना हो गया हालांकि बड़ी बहन उन्हे केवल छोडऩे आई थी। लेकिन लोगों का उत्साह देखकर उसने भी मौके पर दो किमी का फार्म भरकर आन स्पाट बिब ले ली। कीर्तिका का कहना था कि दो किमी दौड़कर मजा आ गया। इतने लोगों के साथ दौडऩे का एक अलग अनुभव रहा। उन्होंनें कहा कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इस आयोजन की जितनी बडाई की जाए कम है। इससे लोगों में दौडऩे की इच्छा में इजाफा होता है।

दोस्त ने बढ़ाया हौसला
सिविल लाइंस के रहने वाले दीपक और सुजीत दोनों दोस्त हैं। दोनों ने पांच किमी की रेस में दौडऩे के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन दौड़ शुरू होने के बाद एक किमी पूरा होते ही दीपक थक कर रुक गए। उनका कहना था कि वह पांच किमी क दूरी पूरी नही कर सकते हैं। लेकिन सुजीत ने उनका हौसला बढाया। दोनों एक साथ दौड़कर पांच किमी की दूरी तय की। सुजीत का कहना था कि हम टाप थ्री में भले नही आए हैं लेकिन पांच किमी की रेस पूरी करना हमारा पहला मकसद था जिसे हमने पूरा कर लिया है।

काश हम भी दौड़ सकते
इसी तरह मोहित, विवेक, अभिषेक और तरुण भी अपने बच्चों को लेकर आए थे। उनका कहना था कि उनके बच्चे अलग अलग कैटेगरी में दौड़ रहे हैं। अगर उनका भी बचपन होता तो वह दौड़ सकते थे। कोशिश करेंगे नेक्स्ट हेल्थान का हिस्सा बनें। इसके लिए वह तैयारी करेंगे। खुद को दौडऩे की आदत डालेंगे। उनका कहना था कि निरंतर अभ्यास करने के साथ आप मैराथन दौडऩे का सपना पूरा कर सकते हैं।