एसएसपी ने किया एसएसआई और राजरूपपुर चौकी इंचार्ज को सस्पेंड

सीएम ने देर शाम एसएसपी को ही कर दिया सस्पेंड

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PRAYAGRAJ : गली खत्म होती थी आरोपित के मकान के पिछले हिस्से से लगकर। इसके अलावा इस गली की रोड के दोनों तरफ दो-दो मकान हैं। बमुश्किल दस फुट चौड़ी इस गली में एक साथ दो बाइकों का निकलना भी मुश्किल है। मृतक पक्ष के पास सिर्फ यही रास्ता था। आरोपित पक्ष विकल्प के रूप में इस रास्ते का इस्तेमाल कर रहा था। आरोपितों के विकल्प का इस्तेमाल करने पर मृतक पक्ष को सख्त एतराज था। एतराज इस स्तर का था कि लेखपाल से लेकर अफसरों तक को इसका पता था। कोई इसे लेकर इतना सीरियस हुआ ही नहीं कि दोनों पक्षों को बैठाकर इसका समाधान निकाल ले। नतीजा तीन अकाल मौत का ग्रास बन गये। आठ जेल पहुंच गये। तीन को सस्पेंशन झेलना पड़ गया।

कानून व्यवस्था को लेकर उठे सवाल

एसएसपी अतुल शर्मा की कार्य शैली चर्चा के साथ विवादों में रही। आम तौर पर वह घटना होने पर पुलिस का पक्ष रखते हुए एक वीडियो वायरल करा देते थे। उनसे बात करना लोहे के चने चबाने जैसा था। लगातार होती घटनाएं जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े करती रहीं। रात में स्नैचर्स का खौफ इस कदर बढ़ चुका था कि पब्लिक घर से निकलने में असुरक्षित महसूस करती थी। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर उन पर तमाम आरोप लगे। इसके बाद भी उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ।

सीएम ने फोन पर ली थी खबर

सूत्रों का कहना है कि संडे नाइट ट्रिपल मर्डर की सूचना तत्काल सीएम तक पहुंचा दी गयी थी। सूत्रों का कहना है कि इस पर रात में ही सीएम ने फोन करके एसएसपी की खबर ली थी। कानून व्यवस्था पर उन्हें खरी-खरी सुनायी थी। तब खुद एसएसपी को भी इसका अनुमान नहीं रहा कि सीएम किस हद तक जाकर फैसला ले सकते हैं। इसके बाद रात में जार्जटाउन एरिया और घूरपुर में मर्डर के साथ भोर में थरवई में डबल मर्डर की सूचना आयी तो चर्चा तेज हो गयी कि एसएसपी हटाये जा सकते हैं। सुबह 12 बजे उन्हें यहां से हटाकर डीजीपी ऑफिस से अटैच कर दिये जाने की सूचना आ गयी। देर शाम उन्हें सस्पेंड करके सीएम ने मैसेज दे दिया है कि कानून-व्यवस्था के मसले पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

दुकान चल निकली तो खोज लिया 'विकल्प'

चौफटका में ट्रिपल मर्डर का कारण करीब दस फिट चौड़ी एक गली है। इसी गली में मृतक पक्ष का परिवार रहता है। गली के दोनों साइड में दो-दो परिवार रहते हैं। हत्यारोपित परिवार के मकान का पिछला हिस्सा इसी गली से लगा है। दोनों पक्ष यहां लम्बे समय से रहते हैं। आरोपित पक्ष के पास निकलने का एक रास्ता घर के ठीक सामने से भी है। मेन रोड से लिंक होने के चलते यहां उन्होंने डेरी के साथ जनरल स्टोर की शॉप डाल दी थी। यह शॉप अच्छी खासी चलने लगी। ग्राहकों के दुकान में होने पर घर के लोगों का निकलना मुश्किल होने लगा तो उन्होंने पीछे यानी गली की तरफ दरवाजा बनाकर रास्ता खोल लिया। इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया। मृतक पक्ष चाहता था कि यह रास्ता आरोपित पक्ष इस्तेमाल न करे। इसे लेकर अक्सर दोनों पक्षों में बहस होती थी। शिकायत धूमनगंज थाने तक पहुंची तो पुलिस ने लेखपाल को बुलाकर नक्शा तक चेक कराया।