चित्रकूट जेल कांड के बाद सेंट्रल जेल में अलर्ट, बैरकों की ली गई गहन तलाशी

बंदियों में झड़प और ईट-पत्थर चलने जैसी हो चुकी है वारदात

PRAYAGRAJ: चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार की खबर सुनते ही प्रयागराज पुलिस अलर्ट रही। नैनी सेंट्रल जेल में पुरानी घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई। हालांकि यहां कभी जेल में फायरिंग बमबाजी जैसी घटनाएं नहीं हुई। मगर वर्चस्व की जंग और ईट पत्थर चलने जैसी वारदात यहां आम बातें रही हैं। जेल में बंदियों के बीच यहां आपसी टकराव की घटनाएं पिछले कुछ वर्षो में हो चुकी हैं। आंतरिक अफसरों द्वारा बैरकों की गहन छानबीन की गई। बंदी रक्षकों को भी चौकन्ना रहने की हिदायत दी गई। जेल में बंदी रक्षक कैदियों पर व बंदियों पर पैनी नजर गड़ाए रहे। वाचर टॉवर से बाहरी हिस्सों में भी जेल पुलिस के जवान नजर बनाए रहे।

पिछले वर्ष ही हुआ था विवाद

नैनी सेंट्रल जेल में भी हिंसक वारदातें हो चुकी हैं। हालांकि यहां कभी जेल के अंदर गोली या बमबारी जैसी घटनाएं नहीं हुई। सितंबर 2020 में जेल की सर्किल नंबर पांच में बंदियों के बीच विवाद हुआ था। यह विवाद घूरपुर के दानपुर गांव निवासी अरविन्द पासी व कौंधियारा के शांतिनगर निवासी ज्ञान सिंह के बीच हुई थी। हद तो तब हुई जब शौचालय की ईट निकालकर अरविन्द ने ज्ञान सिंह के सिर पर मार दिया था। वर्चस्व की इस जंग के बाद वार्डन कंचन यादव ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। कुछ दिनों बाद घायल ज्ञान सिंह की मौत हो गई थी।

सेंट्रल जेल का चम्मच कांड

जनवरी 2014 में नैनी सेंट्रल जेल के बैरक चार में भी हिंसक झड़प हुई थी। जेल इतिहास के पुराने पन्नों में इस वारदात की कहानी आज भी अंकित है। इसके आधार जानकार कहते हैं कि प्रतापगढ़ के बंदी

अंबरीश और सोहराब दोनों एक ही बैरक में थे। वर्चस्व को लेकर दोनों आपस में भिड़ गए। बेटे के साथ अंबरीश ने सोहराब की पिटाई कर दी। बाद में सोहराब साथी बंदियों संग अंबरीश व उसके बेटे को जमकर पीटे थे। दोनों पक्षों में जेल के अंदर ईट पत्थर भी चले थे। घायल सोहराब को प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। इसी वर्ष 24 जनवरी को भी जेल में झड़प हुई थी। जेल के सूत्र बताते हैं कि यह झड़प माफिया पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा और नीरज बाल्मीकी के बीच हुआ। दिलीप मिश्रा उस वक्त नंदी बमकांड व नीरज ठेकेदार मर्डर केस के साजिश में अंदर थे। नीरज बाल्मीकि भी जेल में ही था। इतना ही नहीं इसी साल 27 जून को जेल के अंदर एक और हिंसक वारदात हुई। रिजवान उर्फ मोंटू माली समेत तीन बंदी चम्मच लेकर दिलीप पर टूट पड़े थे। हमलावर चम्मच से दिलीप को घायल करने के कोशिश में थे। हालांकि बंदी रक्षकों की सतर्कता से यह मामला शरू होते ही थम गया था। मामले में बंदी रक्ष की तहरीर दो व दिलीप मिश्रा की पत्‍‌नी द्वारा दी गई तहरीर पर केस दर्ज हुआ था। वर्ष 2016 में भी वर्चस्व को लेकर कुछ पुराने बंदी व कैदियों की पिटाई से कुछ बंदी व कैदी आक्रोशित हो गए थे। जेल की परिपाटी से अनजान ये नए बंदी व कैदी जेल के अंदर भूख हड़ताल शुरू कर दिए थे। लगातार अधिकारियों दो दिनों तक चली कोशिश के बाद बंदी व कैदी भूख हड़ताल खत्म किया था।

हर बैरक में की गई चेकिंग

चित्रकूट जेल के अंदर हुई मुठभेड़ में तत्काल जेल अधीक्षक नैनी को वहां पहुंचने के निर्देश दिए गए।

बात मालूम चलते वह सबसे पहले नैनी सेंट्रल जेल में सख्त चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए।

इसके बाद वह चित्रकूट के लिए रवाना हो गए, वहां मामले की पड़ताल कर रही टीम में उन्हें शामिल किया गया

उधर निर्देश के मुताबिक जेल के अंदर बंदी रक्षकों व अफसरों द्वारा बैरकों की गहन तलाशी ली गई।

वाचर टॉवर से बंदी रक्षक जेल के आसपास बाहर होने वाले हलचल व दीवार आदि के पास नजर गड़ा दिए

एक एक बैरक की गहन तलाशी ली गई। बंदियों के बिस्तर से लेकर कोने-कोने तक टीम छानबीन की

नैनी सेंट्रल जेल में जवानों को चौकन्ना रहने के साथ चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि एक रूटीन वर्क है। मगर, आज अभियान के रूप में इसे एक-एक बैरक में चलाया गया।

पीएस पांडेय, अधीक्षक नैनी सेंट्रल जेल