-बेली हॉस्पिटल में डिजिटल ए1सरे की फिल्म 2ारीदने का बजट नहीं

-परेशान हो रहे हैं मरीज, लगाना पड़ता है डॉ1टरों के च1कर

ALLAHABAD: मरीज परेशान हो रहे हैं। जांच तो वह करा रहे हैं लेकिन प्रॉपर रिपोर्ट नहीं मिल रही है। इससे उन्हें इलाज में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। मामला बेली हॉस्पिटल का है। यहां पर डिजिटल ए1सरे की फिल्म 2ारीदने का बजट हॉस्पिटल प्रशासन के पास नहीं है। इससे रिपोर्ट मुहैया कराने में दि1कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर मरीजों और उनके परिजनों ने नाराजगी जताई है।

30 फीसदी को मिलती है फिल्म

सरकार के आदेश पर बेली हॉस्पिटल में मरीजों का फ्री डिजिटल ए1सरे किया जाता है। लेकिन, रिपोर्ट प्रॉपर नहीं दी जा रही है। स्टाफ के पास फिल्म उपल4ध नहीं होने से मरीजों को उपल4ध नहीं करा पा रहे हैं। जबकि डॉ1टर्स इलाज के लिए रिपोर्ट में फिल्म की मांग करते हैं। हालंाकि मरीज 5ाी फिल्म की मांग करते हैं लेकिन उन्हें उपल4ध नहीं हो पाती है। बमुश्किल तीस फीसदी मरीजों को ही फिल्म मुहैया हो पाती है।

नहीं मिल रहा सुविधा का फायदा

प्राइवेट संस्थान में डिजिटल ए1सरे की जांच का 350 रुपए देना पड़ता है। जबकि, बेली हॉस्पिटल में नि:शुल्क जांच की जाती है। रिपोर्ट कागज पर लि2ाी जाती है। डॉ1टरों का कहना है कि कई बार हड्डी की बीमारी में फिल्म दे2ाना जरूरी होता है। इससे हड्डियों की सही लोकेशन और फ्रै1चर की जानकारी होती है। कुछ मरीज ऐसे होते हैं जिनको फिल्म अपने साथ दूसरे जिले या किसी आउटसाइडर डॉ1टर को दि2ानी होती है। उन्हें यह उपल4ध नहीं हो पाती।

बॉ1स

एक जांच में आता है सौ का 2ार्च

एक डिजिटल ए1सरे की जांच में सौ रुपए का 2ार्च आता है। इसमें से 65 रुपए ए1सरे की फिल्म में 2ार्च होता है और 35 रुपए करीब बिजली और अन्य 2ापत में लगता है। जबकि औसतन रोजाना डेढ़ सौ मरीजों की जांच की जाती है। हॉस्पिटल प्रशासन को यूजर चार्ज 2ार्च करने का पूरा हक है। बावजूद इसके फिल्म का बजट मुहैया नहीं कराया जा रहा है। मरीजों ने इसकी मांग की है।

वर्जन

जिन मरीजों को जरूरी होता है उनको फिल्म उपल4ध कराई जा रही है। स5ाी को दे पाना मुश्किल होता है। हॉस्पिटल प्रशासन को डिजिटल ए1सरे की फिल्म का बजट जारी करना है।

-डॉ। कमलाकर सिंह, वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट, बेली हॉस्पिटल