मेले में आकर्षण का केन्द्र बनी रंजीत सिंह नगाड़ा पार्टी

पूर्वजों ने बनवाया था दो हजार रुपए में नगाड़ा

ALLAHABAD: आपने शादी-4याह में हर जगह नगाड़े की धुन पर बारातियों को नाचते हुए दे2ा होगा। लेकिन यह नगाड़ा इतना ही बड़ा होता है कि उसे कंधे में लटकाकर बजाया जाता है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के परिसर में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेले में बज रहे नगाड़े को दे2ा लेंगे तो आप 5ाी हैरान रह जाएंगे। चार फिट ल6बा यह नगाड़ा दिन5ार कलाकार बजाते रहते हैं। 2ास बात यह है कि यह नगाड़ा 5ाी चार पीढ़ी पुराना है और इसकी कीमत महज दो हजार रुपए है। इसकी धुन पर ब्रज की रासलीला व होली गीत हर किसी को आकर्षित कर रहा है।

पांच सौ मीटर नगाड़े की रेंज

सांस्कृतिक केन्द्र के शिल्प मेले के परिसर में जब नगाड़ा बजाया जाता है तो उसकी धुन केन्द्र के मु2य द्वार तक बड़ी आसानी से और स्पष्ट सुनी जा सकती है। लेकिन नगाड़ा पार्टी के मु2िाया रंजीत सिंह का दावा है कि पांच सौ मीटर तक नगाड़े की गूंज सुनाई देती है। नगाड़े की विशेषता बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि परदादा चौधरी साहब ने चार फिट का दो नगाड़ा बनवाया था। जिसे 5ौंस की 2ाल से बनवाया गया था। यह चमड़ा 2ाराब ना हो इसके लिए पलवल के कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित र2ा जाता है।

बीस वर्षो से मेले की शान

केन्द्र में आयोजित राष्ट्रीय शिल्प मेले में बीस वर्षो से रंजीत सिंह नगाड़ा पार्टी आ रही है। शुरुआत के दस वर्षो तक रंजीत के साथ दो अन्य सदस्य ही आते थे लेकिन उसके बाद टीम में दस नए सदस्यों को शामिल किया गया जिन्हें लगातार दो घंटे तक नगाड़ा बजाने में विशेषज्ञता हासिल हो। यही वजह है कि इस बार के मेले में मु2िाया सहित दस कलाकार पहुंचे हैं। श्री सिंह ने बताया कि यहां आने से पहले तीन कलाकारों का चयन आडिशन के जरिए किया गया था। तीनों कलाकारों को एक-एक घंटा लगातार नगाड़ा बजाने की वजह से चयनित किया गया था।

-शिल्प मेले में प्रतिदिन के हिसाब से एक कलाकार को एक हजार रुपए का होता है 5ाुगतान।

-हरियाणा के पलवल जिले के रंजीत सिंह नगाड़ा पार्टी में मु2िाया रंजीत सिंह सहित है दस सदस्य।

-नगाड़े के साथ 2ाड़ताल व मजीरा का इस्तेमाल कर बृज की रासलीला व होली गीतों की करते हैं प्रस्तुति।

-हरियाणा के पलवल, मनेसर व हिसार जिलों में शादी 4याह के सीजन में पार्टी के दोनों नगाड़ों की डिमांड 2ाूब होती है।