प्रयागराज ब्यूरो । विभिन्न कारणों से शहरी एरिया में करीब एक लाख एमएलडी पानी बेवजह रोज बर्बाद हो जाता है। इसका मुख्य कारण जगह-जगह लीकेज को माना जा रहा है। इस लीकेज से सड़कों को भी नुकसान पहुंच रहा है। क्योंकि इसे ठीक करने के लिए अधिकांश जगहों पर रोड को खोदना पड़ता है। कभी कभी तो लीकेज प्वाइंट लोकेट नहीं होने से कई जगह सड़कों की खुदाई करनी पड़ जाती है। इससे आम पब्लिक को परेशानी होती है। मगर, अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि जलकल विभाग ऐसा उपकरण लाने जा रहा है जिससे लीकेज के प्वइंट को लोकेट किया जा सकेगा। वह भी बगैर रोड की खुदाई किए। इससे वाटर सप्लाई से लेकर बर्बादी तक को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी।

15-वें वित्त से होगा बजट का प्रबंध
शहर में बिछाई गई पाइप लाइन में कहां लीकेज है अब यह पता लगाने में देर नहीं लगी। क्योंकि करीब 24 लाख रुपये खर्च करके विभाग लीकेज डिटक्टर की खरीदारी करेगा। इस बजट का प्रबंधक 15-वें वित्त से किया जाएगा। मशीन आने के बाद क्षतिग्रस्त व लीकेज पाइप के स्थान को खोज कर स्क्रीन पर बता देगी। यह भी सर्च कर लेगी कि लीकेज कितनी दूरी पर है। स्क्रीन हो जाने पर विभाग तत्काल उसे ठीक कर लेगा। इतना ही नहीं, प्लानिंग तो दूषित जलापूर्ति को भी रोकने की है। लीकेज के कारण पाइप में गंदे पानी का रिसाव होने लगता है। इससे लोगों के घरों में व मोहल्लों में दूषित जलापूर्ति होने लगती है। ऐसे पता लगाने के लिए विभाग अब इन्फेक्शन कैमरे का सहारा लेगा। इस कैमरे को रोबोट कार में सेट करके पाइप लाइन में छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद कैमरा दूषित पाली आपूर्ति के कारण व रिसाव के प्वाइंट को भी सर्च करके सिग्नल देगा। जिसे विभाग के लोग तुरंत समझ जाएंगे और समस्या ठीक करने का काम शुरू हो जाएगा। इस इन्फेक्शन कैमरे की खरीद पर करीब 1.70 करोड़ रुपये का खर्च किए जाएंगे।


1600
के करीब किमी बिछी है पेयजल की पाइप
02
लाख दस हजार है पेयजल कनेक्शन धारी
402
एमएलडी पानी प्रति दिन की रोज होती है
1490
किमी तक बिछाई गई सिटी में सीवर लाइन
02
लाख से अधिक घरों में है सीवर कनेक्शन
24
लाख से मंगाए जाएंगे 08 मेटल डिटेक्टर


शहरी एरिया में लीकेज व शुद्ध पेयजल व्यवस्था को और भी दुरुस्त करने की प्लानिंग है। आधुनिक उपकरण आ जाने के बाद काफी सुधार होगा। लीकेज आदि को सर्च में में देरी नहीं लगी। इससे सम्बंधित शिकायतों के निस्तारण में भी काफी बल मिलेगा।
शिवम मिश्रा
अधिशासी अभियंता जलकल विभाग