डराने लगा एनआरएचएम का जिन्न

-एनआरएचएम घोटाले की सीबीआई जांच के चलते रुके हुए हैं कई विकास कार्य

-शहर के दो हॉस्पिटल्स में पूरा नहीं हो सका माड्यूलर ओटी का काम

<डराने लगा एनआरएचएम का जिन्न

-एनआरएचएम घोटाले की सीबीआई जांच के चलते रुके हुए हैं कई विकास कार्य

-शहर के दो हॉस्पिटल्स में पूरा नहीं हो सका माड्यूलर ओटी का काम

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: चार साल बाद अचानक एनआरएचएम <चार साल बाद अचानक एनआरएचएम ((नेशनल रूरल हेल्थ मिशन<नेशनल रूरल हेल्थ मिशन) ) घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पूर्व सीएम मायावती की घेरेबंदी शुरू कर दी है। जांच का जिन्न बाहर आया तो इलाहाबाद में भी स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को डरा सकता है। वैसे भी एनआरएचएम से जुड़े कई विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं तो कुछ का काम काफी धीमी गति से चल रहा है।

एक एसीएमओ और तीन कर्मचारियों से हो चुकी है पूछताछ

यूपी में मायावती शासन में हुए एनआरएचएम घोटाले की जांच की जद में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी व अधिकारी आ चुके हैं। पूर्व में सीबीआई विभाग के एक एसीएमओ लेवल के अधिकारी से पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा रिटायर्ड सीएमओ, एक चीफ फॉर्मासिस्ट, वरिष्ठ एकाउंटेंट को भी टीम ने बुलाया था। हालांकि, इनसे केवल पूछताछ ही की गई है। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम में नियुक्त एक संविदा कर्मचारी को भी जांच के चलते हटाया जा चुका है।

काम के पहले ठेकेदारों को भुगतान

एनआरएचएम के तहत इलाहाबाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से करोड़ों की लागत से 107 सब सेंटर बनने थे। इनमें से पैकफेड द्वारा तीस सेंटर बनवाए जाने थे। इनका काम रुका हुआ है। बताया जाता है कि सेंटर बनने से पहले ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया था। इसके चलते गवर्नमेंट ने इससे जुड़े संविदा इंजीनियर्स को टरमिनेट कर दिया था। आरईएस द्वारा बनवाए जा रहे 73 में से 58 के लिए जगह मिल गई है लेकिन घोटाले की जांच की वजह से इनका काम काफी धीमा चल रहा है।

<घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पूर्व सीएम मायावती की घेरेबंदी शुरू कर दी है। जांच का जिन्न बाहर आया तो इलाहाबाद में भी स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को डरा सकता है। वैसे भी एनआरएचएम से जुड़े कई विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं तो कुछ का काम काफी धीमी गति से चल रहा है।

एक एसीएमओ और तीन कर्मचारियों से हो चुकी है पूछताछ

यूपी में मायावती शासन में हुए एनआरएचएम घोटाले की जांच की जद में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी व अधिकारी आ चुके हैं। पूर्व में सीबीआई विभाग के एक एसीएमओ लेवल के अधिकारी से पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा रिटायर्ड सीएमओ, एक चीफ फॉर्मासिस्ट, वरिष्ठ एकाउंटेंट को भी टीम ने बुलाया था। हालांकि, इनसे केवल पूछताछ ही की गई है। राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम में नियुक्त एक संविदा कर्मचारी को भी जांच के चलते हटाया जा चुका है।

काम के पहले ठेकेदारों को भुगतान

एनआरएचएम के तहत इलाहाबाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से करोड़ों की लागत से क्07 सब सेंटर बनने थे। इनमें से पैकफेड द्वारा तीस सेंटर बनवाए जाने थे। इनका काम रुका हुआ है। बताया जाता है कि सेंटर बनने से पहले ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया था। इसके चलते गवर्नमेंट ने इससे जुड़े संविदा इंजीनियर्स को टरमिनेट कर दिया था। आरईएस द्वारा बनवाए जा रहे 7फ् में से भ्8 के लिए जगह मिल गई है लेकिन घोटाले की जांच की वजह से इनका काम काफी धीमा चल रहा है।

कब बनेगी माड्यूलर ओटी

डफरिन और बेली हॉस्पिटल में एनआरएचएम फंड से माड्यूलर ओटी स्वीकृत की गई थी। सीबीआई द्वारा जांच शुरू किए जाने के बाद इनका काम भी अधर में लटक गया। निर्माण कंपनी यूपीपीसीएल ने इन्हें शुरू करने के लिए सपा सरकार से अनुमति मांगी है। इसके अलावा बेली हॉस्पिटल में ट्रामा सेंटर, डफरिन हॉस्पिटल में सौ बेड वार्ड, रामनगर, मांडा व फूलपुर में तीस-तीस बेड के मैटरनिटी वार्ड आदि काम भी धीमी गति से चल रहे हैं।

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टेली मेडिसिन सेंटर खंगा चुकी सीबीआई

इसी महीने एक बार फिर सीबीआई की टीम ने शहर के दो हॉस्पिटल्स पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। टीम ने एसआरएन और बेली हॉस्पिटल में एनआरएचएम बजट से बने टेलीमेडिसिन सेंटर के रिकार्ड खंगाले थे। सरकारी पैसे से खरीदे गए उपकरणों के बिल और दूसरे कागजात टीम अपने साथ लेकर गई थी। सूत्रों की मानें तो घोटाले की जांच नए सिरे से शुरू होने के बाद कई और नाम सामने आ सकते हैं।