- इसलिए हालमार्क लाइसेंस लेने से कतरा रहे हैं ज्वैलरी व्यापारी

- अब तक महज 70 ने कराया रजिस्ट्रेशन, नंबर दो का माल खपाने की कवायद

प्रयागराज- शहर के ज्वैलरी व्यापारी इस समय काफी सहमे हुए हैं। उनकी स्थिति एक तरफ कुआं तो दूसरी ओर खाई वाली है। अगर वह हालमार्क लाइसेंस नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और ले लेते हैं तो उन्हें अपने पास मौजूद सोने के स्टॉक का पूरा ब्यौरा देना होगा। ऐसे में उनके पास पहले रखे नंबर दो के माल का क्या होगा? यह बड़ा सवाल है। यही कारण है कि बहुत से ज्वैलरी व्यवसायी हालमार्क लाइसेंस लेने से कतरा रहे हैं। लाख कोशिशों के बावजूद उनकी संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।

लाइसेंस लेते ही आ जाता है मेल

अब तक जिले में 70 ज्वैलरी व्यापारियों ने हालमार्क लाइसेंस लिया है। इसके अलावा पांच का आवेदन पेंडिंग है। हजारों व्यापारियों के बीच लाइसेंसधारियों की इतनी कम संख्या अपने आप में कई सवाल खड़े कर रही है। सोर्सेज बताते हैं कि जिन व्यापारियों ने हालमार्क लाइसेंस लिया है उनके पास बीआईएस से सीधे मेल आता है। जिसमें उनसे हालमार्क और नान हालमार्क सोने के स्टॉक की पूरी जानकारी मांगी जाती है। जानकारी देने के बाद बीआईएस की टीम स्वयं सर्वे करने व्यापारी के यहां जाती है। हिसाब में ऊपर-नीचे निकला तो फिर कार्रवाई तय मानी जाती है।

30 अगस्त सोना खपाने की कवायद

जिन व्यापारियों के पास नंबर दो का सोना मौजूद है। वह सभी इसे खपाने की कोशिश में हैं। सरकार ने भी तीस अगस्त तक की छूट दे रखी है। इस समय सीमा के भीतर अगर व्यापारी अपना नाम हालमार्क सोना खपा लेता है तो वह बड़े नुकसान से बच जाएगा। हालांकि यह आसान नहीं है। क्योंकि पब्लिक भी जागरुक हो गई है और किसी भी हाल में बगैर हालमार्क सोना लेने को तैयार नहीं है। क्योंकि ऐसा करने पर भविष्य में उसे फिर से इसकी गुणवत्ता को प्रूव करना होगा।

अब नहीं पहले जैसा व्यापार

बता दें कि सोने का व्यापार अब पहले जैसा नहीं रह गया है। अभी तक तमाम व्यापारी सोने की गुणवत्ता का कोई प्रूफ

नहीं देते थे। केवल जुबान के भरोसे लोगों को 18, 20 और 22 कैरेट का सोना दे दिया जाता था। लेकिन अब सरकार ने हालमार्किंग अनिवार्य कर दी है। जिसके तहत सोने को बेचते समय उसकी गुणवत्ता का उल्लेख हालमार्क के जरिए करना होगा। व्यापारी अब केवल हालमार्क सोना ही बेच सकेंगे।

क्या है नियम

- बीआईएस हालमार्किंग के तीन हिस्से होते हैं। इसमें बीआईएस लोगो, कैरेट की शुद्धता और गुणवत्ता को माप कर छह अंकों का नंबर दर्ज किया जाता है।

- सोने के गहने सिर्फ बीआईएस में रजिस्टर ज्वैलर्स ही बेच सकते हैं और सरकार द्वारा अधिकृत सेंटर से ही हालमार्किंग कराई जा सकती है।

- नियमों का उल्लंघन करने पर दो साल की कैद या न्यूनतम दो लाख तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

- बीआईएस केयर ऐप और बीआईएस वेबसाइट पर भी जाकर प्रमाणित ज्वैलर्स की सूची देखी जा सकती है।

- ddgw@bis.gov.in ईमेल के जरिए ग्राहक शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

हमारे पास अभी तक केवल 70 लोगों ने हालामार्क लाइसेंस कराया है। यह संख्या कम है। धीरे-धीरे ज्वैलर्स आने लगे हैं। पहले क्वेरी करते हैं और फिर बाद में लाइसेंस लेने आते हैं।

पवन तिवारी, संचालक, हालमार्क सेंटर