एनसीआर मुख्यालय में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन

ALLAHABAD: साहित्य एवं संस्कृति के जरिये रेल अधिकारियों व कर्मचारियों को राजभाषा से जोड़ने के लिए एनसीआर मुख्यालय में मंगलवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। अध्यक्षता जीएम एमसी चौहान ने की।

शुभारंभ जीएम एमसी चौहान व एनसीआर महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष अमिता चौहान ने दीप प्र”वलित कर किया। लखनऊ की सुफलता त्रिपाठी ने मां सरस्वती को नमन करते हुए काव्य संध्या का आरंभ किया। मध्य प्रदेश के कवि गौरी शंकर धाकड़ ने 'वंदना काठियावाड़ के संत की, युग प्रर्वतक तेज गंणवंत की' पेश किया। अखिलेश द्विवेदी ने 'लाल चुनरिया सर पर ओढ़े होठों पर भी लाली है, हाथ लिए त्रिशूल स्वयं को कहती शेरावाली है' सुनाया। वाहिद अली वाहिद ने 'राम का नेह जो देखना है तो मनमंदिर में अभिराम को देखो, अभिराम को देखने से पहले निज मन के क्रोध और काम को देखो, तुलसी की दृष्टि से राम को देखो' सुनाया। राजेन्द्र मालवीय ने 'शहर से शहर की दूरी हम मिटाते हैं, जी हां हम रेल चलाते हैं' प्रस्तुत किया।