स्वरूपरानी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड और बर्न में अचानक अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया। मरीजों को लेकर परिजन बाहर भागने लगे। 15 मिनट के भीतर पूरा हॉस्पिटल का माहौल बदल गया। डॉक्टर्स और नर्सिग स्टॉफ भी इससे अछूता नहीं था। कारण था किराए पर सांसें उपलब्ध कराने वाले आक्सीजन सिलेंडर की पाइप लाइन का लीक कर जाना।

-एसआरएन हॉस्पिटल में आक्सीजन पाइप लाइन में लीकेज

-तेज आवाज ने भरा मरीजों में खौफ, परिजनों के साथ वार्ड से भागे

-डॉक्टर व नर्स को भागते देख बर्न वार्ड भी हुआ खाली

<स्वरूपरानी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड और बर्न में अचानक अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया। मरीजों को लेकर परिजन बाहर भागने लगे। क्भ् मिनट के भीतर पूरा हॉस्पिटल का माहौल बदल गया। डॉक्टर्स और नर्सिग स्टॉफ भी इससे अछूता नहीं था। कारण था किराए पर सांसें उपलब्ध कराने वाले आक्सीजन सिलेंडर की पाइप लाइन का लीक कर जाना।

-एसआरएन हॉस्पिटल में आक्सीजन पाइप लाइन में लीकेज

-तेज आवाज ने भरा मरीजों में खौफ, परिजनों के साथ वार्ड से भागे

-डॉक्टर व नर्स को भागते देख बर्न वार्ड भी हुआ खाली

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: शाम के पांच बज रहे थे। स्वरूपरानी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज गर्मी से बेहाल थे। किसी के हाथ या पैर में तकलीफ थी तो कोई आपरेशन के बाद रेस्ट कर रहा था। अचानक आक्सीजन सिलेंडर के पीछे से ट्रेन चलने के दौरान इंजन चलने जैसी तेज आवाज उनके कानों तक पहुंची। आवाज इतनी तेज थी कि सबकी सासें अटक गई। सब सन्नाटे में आ गए। डॉक्टर और नर्स भी घबरा गए। हल्ला मचा कि वार्ड खाली कर दिया जाय। इसके बाद तो किसी मरीज ने भी यह नहीं सोचा कि अंजाम क्या होगा? सब के सब वहां से भाग खड़े हुए। बर्न वार्ड तक के मरीज भीषण गर्मी में कमरे से बाहर निकल आए। करीब क्भ् मिनट का तक खौफ का यह मंजर बना रहा। उसके बाद वहां पहुंचे एक्सपर्ट ने फाइन बेल्ट को ठीक करके प्राब्लम को जड़ से मिटाया तब जाकर लोगों की जान में जान आई।

आक्सीजन हब की लाइन में प्राब्लम

कोरांव के रहने वाले धीरज द्विवेदी ने बताया कि उसकी चाची बर्न वार्ड में भर्ती हैं। वह बार्ड के बाहर ही खड़ा था। अचानक वहां लगे आक्सीजन हब सिलेंडर के पास से तेज आवाज आने लगी। पाइप लाइन में प्राब्लम होने से चंद सेकंड के अंदर आवाज बेहद तेज और डरावनी हो गई। आक्सीजन गैस तेजी से लीक हो रही थी। आवाज बहुत कुछ वैसी ही थी जैसे ट्रेन के स्टॉपेज लेने से पहले एयर रिलीज करने पर होती है। यह सुनकर सबकी हालत पतली हो गई। वार्ड में बने रहना खतरे से खाली नहीं था, लिहाजा जो जिस हाल में था, उसी दशा में भागने लगा। केयर टेक करने के लिए मौजूद लोगों ने मरीजों को सहारा दिया और उन्हें लेकर बाहर आ गए। धीरज की मानें तो वह भी डर गया था लेकिन, उसने क्0क् नंबर पर फोन करके फायर ब्रिगेड को इसकी जानकारी दे दी। बर्न वार्ड में भर्ती सबाना की बहन शबनम ने बताया कि वह कौशांबी से आई है। उसकी बहन अंदर भर्ती थी। सभी लोग भाग रहे थे। वह भी डर गई और अपनी बहन को लेकर भागने पर मजबूर हो गई।

स्टाफ ने कहा भागो

घटना के समय इमरजेंसी वार्ड के दो रूम में भ्0 से ज्यादा मरीज थे। सामने ही डॉक्टर का स्टाफ रूम बना है। पहले ही बेट पर कीडगंज की शकुंतला देवी भर्ती थीं। शकुंतला के घर वालों ने बताया कि उनका पेट का आपरेशन हुआ है। वार्ड के अंदर गैस निकलने की सूचना मिलते ही हम लोग डर गए थे। तभी जब जूनियर डॉक्टर्स और नर्सो ने कहा कि गैस लीकेज हो गया है। जल्दी से भागोवार्ड खाली करोयह सुनते ही हर कोई डर गया। शकुंतला के घर वालों ने उसके हाथ में लगा ड्रिप निकाला और उसे टांग कर बाहर ले जाने लगे। यह देख वार्ड में भर्ती मरीज वहां से भागने पर मजबूर हो गए।

पहुंच गई पुलिस

करीब क्भ् मिनट तक खौफ का यह आलम बना रहा। मरीज के साथ तीमारदार भी भाग रहे थे। डॉक्टर और नर्स भी परेशान थे। एसआरएन पुलिस चौकी की पुलिस वहां पहुंच गई। जांच में पता चला कि आक्सीजन पाइप में लगा फाइन बेल्ट टूट गया है। क्भ् मिनट के बाद पहुंचे एक्सपर्ट ने उसे ठीक कर दिया। जिसके बाद सभी ने राहत ली। गैस लीकेज होने से तेजी से बदबू आ रही थी। करीब एक घंटे तक लोग परेशान रहे। सभी ने अपने मुंह पर तौलिया और रुमाल बांध रखा था। इसका असर घंटों तक बना रहा। महिलाएं ज्यादा परेशान थीं। माहौल नार्मल होने के बाद डॉक्टर एक बार फिर से सबको समझाने में जुट गए।

एक नजर में एसआरएन हॉस्पिटल

-मंडलीय हॉस्पिटल का दर्जा प्राप्त है इस हॉस्पिटल को

-मेडिकल कॉलेज के अंडर में रन होने वाले इस हॉस्पिटल में हर दिन कम से कम तीन हजार मरीज आते हैं

-एक हजार के करीब मरीजों को भर्ती करने की क्षमता है हॉस्पिटल में

-ट्रामा सेंटर भी प्रस्तावित है इसी प्रिमाइस में

घटनाक्रम पर एक नजर

-भ्.क्भ् बजे बर्न वार्ड के मरीजों और उनके परिजनों ने सुनी तेज आवाज

-ट्रेन के इंजन से एयर रिलीज होने जितनी तेज आवाज ने मरीजों को डराया

-इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर्स और नर्सो के चिल्लाने के बाद भागे मरीज

-गैस रखने के लिए बनाए गए चैम्बर की पाइप लाइन में थी लीकेज

-बदबू ने बढ़ाया मरीजों और उनके परिजनों का डर

-ज्यादातर भर्ती मरीज निकल आए वार्ड के बाहर