- मतदान केंद्रों पर चली मनमानी, बूथ के भीतर तक नहीं छोड़ा वोटर्स का पीछा

- वोटिंग एजेंट करते रहे परेशान, पुलिस और मतदानकर्मी बने रहे मूकदर्शक

ALLAHABAD: पंचायत चुनाव की पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग और प्रशासन भले ही सख्ती बरत रहा हो लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही बयां होती है। जिसका जीता-जागता उदाहरण गुरुवार को चौथे चरण की वोटिंग के दौरान सामने आया। जहां, मतदान केंद्रों पर प्रत्याशियों और उनके एजेंट की मनमानी जारी रही। अपने पक्ष में वोटिंग कराने के लिए उन्होंने हर हथकंडे अपनाए। यहां तक कि वोटरों का बूथ के भीतर तक पीछा नहीं छोड़ा। इस बीच पुलिस और मतदानकर्मी मूकदर्शक बने रहे।

पर्दे के पीछे मौजूद थी तीन महिलाएं

हंडिया के लाक्षागृह गांव की वोटिंग यहां के कसौधन के प्राथमिक विद्यालय में चल रही थी। मतदान केंद्रों पर पांच बूथ बनाए गए थे। दोपहर बारह बजे के आसपास मतदाताओं की भारी भीड़ केंद्र के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रही थी तो भीतर पर्दे के पीछे एक साथ तीन-तीन महिलाएं वोट डाल रही थीं। जबकि, नियमानुसार एक बार में एक ही वोटर को अंदर जाने की अनुमति दी जाती है। इन महिलाओं ने आपस में सुलह करके प्रत्याशियों को वोट दिया। यहां मौजूद मतदानकर्मियों ने उनके साथ रोक-टोक नहीं की।

आखिरकार अपने पक्ष में डलवा लिया वोट

दूसरा दृश्य भी इसी मतदान केंद्र का ही है। यहां के एक बूथ के भीतर वोटिंग एजेंटों की सक्रियता नजर आई। उन्होंने वोटरों को अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए जमकर लुभाया। बूथ के भीतर ही एक महिला से एजेंट लगातार प्रार्थना करता रहा। आखिरकार महिला ने उसके प्रत्याशी को वोट देकर अपना पीछा छुड़ाया। इसके बाद भी एजेंटों के हौसले पस्त नहीं हुए। जब इस बारे में मतदानकर्मियों से बात की गई तो उनका जवाब था कि 'भईया, पंचायत चुनाव तो ऐसे ही होता है'।

बेपर्दा हो गया पंचायत चुनाव

वैसे तो नियमानुसार बूथ के भीतर पर्दे के पीछे गोपनीयता के साथ वोट डाला जाता है लेकिन हंडिया गांव के प्राथमिक विद्यालय तारागांव में चल रही वोटिंग के दौरान बूथ नंबर 50 में अलग ही नजारा दिखा। यहां पर मतदानकर्मियों ने पर्दा ही हटा दिया और इसके बाद वोटर बिना किसी आवरण के खुले में वोट डालते दिखे। पूछने पर बताया कि अंधेरा अधिक होने से ऐसा किया गया, हालांकि इसके फटाफट पर्दा फिर से लगाया गया।

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दो सौ मीटर के रेंज में बना लिए बस्ते

चुनाव आयोग का कहना था कि मतदान केंद्र से दो सौ मीटर की दूरी तक किसी भी बाहर व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, बावजूद इसके जगह-जगह प्रत्याशियों ने नियम तोड़ते हुए प्रतिबंधित जोन में बस्ते बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हंडिया, प्रतापपुर, धनूपुर समेत सभी ब्लॉकों में ऐसे नजारे आम नजर आए। सेंटर एकेडमी झूंसी में बनाए गए मतदान केंद्र के बाहर एक निर्दलीय प्रत्याशी के एजेंट ने आरोप लगाया कि उसका बस्ता पुलिस ने नियमों का हवाला देकर हटा दिया। जबकि, कद्दावर प्रत्याशियों के बस्तों को मतदान केंद्र के नजदीक लगाने की अनुमति दे दी गई।