प्रयागराज ब्यूरो । विकास की रफ्तार से शहर के लोगों का गला सूख रहा है। यह जानकर आप को अजीब लग रहा होगा। मगर, बात सोलह आने सच है। दरअसल शहर के अंदर महाकुंभ 2025 की तैयारी चल रही है। इसके लिए रोड चौड़ीकरण का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। ऊपर से जगह-जगह फ्लाई ओवर के निर्माण का कार्य गति पर है। इन कार्यों को पूरा करने के लिए यहां खुदाई का काम जारी है। मशीन से कराई जा रही खुदाई के चलते सीवर व पानी सप्लाई की पाइपें टूट जा रही हैं। पाइप के टूटते ही पानी सप्लाई बाधित होती है। पानी की सप्लाई बाधित होने से लोग परेशान हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में परेशान लोगों के द्वारा जलकल विभाग में कम्प्लेन दर्ज कराई जा रही है। एक अप्रैल से अब तक यानी पंद्रह दिनों में करीब 200 शिकायतें विभाग को मिली हैं। इन शिकायतों में कई तरह की समस्याएं शामिल हैं। निस्तारण शिकायत के 48 घंटे में होने का यूं तो नियम है। अब यह इक्जैक्ट बता पाना मुश्किल है कि कितनी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। क्योंकि विभाग के रजिस्टर में निस्तारण का कोई जिक्र नहीं है।

48 घंटे समस्या दूर करने का है नियम
ऑन कॉल लोग दर्ज करा रहे समस्या
नगर निगम सीमा क्षेत्र में इस समय कुछ 100 वार्ड हैं। इन वार्डों में स्थिति भवनों की संख्या विभाग के द्वारा 02 लाख 35 हजार के करीब बताई जा रही है। यह वे भवन हैं जिनके विभाग के द्वारा हाउस टैक्स की वसूली की जा रही है। नियमानुसार हाउस टैक्स तभी लगता है जब नगर निगम में भवन का असेसमेंट हो जाय। मतलब यह कि इन सभी भवनों का विभाग में असेसमेंट है। नगर निगम जलकल जिनका असेसमेंट है उनसे वाटर टैक्स वसूलने का काम करता है। फिर घरों में कनेक्शन हो अथवा नहीं हो। इस हिसाब से जलकल विभाग यह मानता है कि उसके यहां दो लाख 35 हजार वाटर टैक्स के कनेक्शन धारक हैं। जलकल का दावा है कि चूंकि विस्तारित एरिया के 20 वार्डों में अभी वाटर और सीवर की पाइप पूरी तरह नहीं बिछाई जा सकी है। इस लिए मौजूदा समय में 80 वार्डों से स्थित भवनों से ही वाटर व सीवर टैक्स लिया जा रहा है। इनमें गंगापार और यमुनापार के वार्ड भी शामिल हैं।