प्रयागराज ब्यूरो । रोड पर पान व गुटखे की पीक मारने वालों पर जुर्माना शून्य, कूड़ा फेंकने वालों का खूब कटा चालान- फ्लैग
शहर में चौकाने वाले हैं नगर निगम के जिम्मेदारों द्वारा की गई कार्रवाई के आंकड़े
शहर में पान और गुटखा खाने वालों की संख्या लाखों में भले हो पर रोड पर कोई पीक नहीं मारता। यह बात गले से नीचे भले नहीं उतर रही हो पर सोलह आने खरी है। नगर निगम के जिम्मेदारों को एक भी ऐसे व्यक्ति रोड पर पीक मारते हुए नहीं मिला। चौंकाने वाली यह सच्चाई खुद विभाग के द्वारा किए गए चालान और जुर्माने के आंकड़े बयां कर रहे हैं। दर्जनों व सैकड़ों में ही सही, रोड पर कूड़ा फेकने के चालान की संख्या विधि विभाग के रजिस्टर में अंकित है। मगर पान व गुटखा खाकर थूने वालों के खिलाफ न तो एक भी चालान हुआ और न ही जुर्माने की कार्रवाई की गई। अब इसे नगर निगम की उदारता कहेंगे या अनदेखी? आप खुद तय करिए।

विश्वास नहीं पर हकीकत है यही
नगर निगम प्रयागराज की लंबाई व चौड़ाई मात्र 80 वार्डों की थी। वक्त के साथ इसकी संरचना में विकास हुआ। शहर का विस्तार होने के बाद यहां वार्डों की संख्या बढ़कर 100 हो गई। इस शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए नगर निगम एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया है। रोड पर कूड़ा लोग नहीं फेकें, इसके लिए नित तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। घरों के आसपास या सामने रोड पर कूड़ा फेकने वालों के चालान नियम बनाया गया है। इसी नियम के तहत रोड पर कूड़ा फेकने वालों के खिलाफ जुर्माना व चालान के निर्देश नगर निगम के जिम्मेदारों को दिए गए। इसी रूल्स के तहत नगर निगम को कुछ और भी अधिकार प्राप्त हैं।

पांच सौ रुपये तक लग सकता है जुर्माना
नियम है कि जिम्मेदार रोड पर कूड़ा फेकने वालों पर 500 रुपये तक का जुर्माना वसूल सकते हैं। जुर्माने की रकम नहीं देने पर चालान काटने का भ प्राविधान है। गौर करने वाली बात यह है कि रोड पर कूड़ा फेकने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई दर्जनों व सैकड़ों में हर महीने की गई। मगर अफसरों को कार्रवाई के लिए एक भी आदमी ऐसा नहीं मिला जो रोड पर पान व गुटखे की पीक मार रहा हो। पान व गुटखे खाने के बाद रोड पर पीक मारने वालों के खिलाफ कार्रवाई की स्थिति जीरो बताई गई। यदि इस पर विश्वास कर लें तो आप कह सकते हैं कि शहर में कोई भी व्यक्ति रोड पर पानी, गुटखे का पीक नहीं मारता। यह बात दीगर है कि इस शहर में पान और गुटखा खाने वालों की तादाद हजारों नहीं लाखों में है। गुटखा व पान के शौकीनों की गिनती कर पाना खुद नगर निगम के लिए भी संभव नहीं है। यदि पान व गुटखा खाने वालों की संख्या इतनी अधिक होने के बावजूद रोड पर कोई पीक नहीं मारता तो यह नगर निगम के लिए अच्छी खबर है।

घरों की सफाई के बाद रोड पर कूड़ा फेंकते हैं तो आप के लिए यह खबर बेहद जरूरी है।
इस बैड मैनर की वजह से आप को कोर्ट कचहरी के चक्कर अनायास काटने पड़ सकते हैं।
नगर निगम विधि विभाग के लोग बताते हैं रोड पर कूड़ा फेकने वालों का चालान जिम्मेदार काटते हैं।
काटा गया चालान जोनल कार्यालय से नगर निगम मुख्यालय भेजा जाता है।
यहां से नगर निगम स्वास्थ्य विभाग चालान को विधि कार्यालय भेज दिया जाता है।
विधि विभाग से फाइल जुर्माना के लिए कोर्ट चली जाती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि कोर्ट के द्वारा सम्बंधित व्यक्ति को सम्मन यानी नोटिस दिया जाता है।
नोटिस के बाद रोड पर कूड़ा फेकने वाले शख्स को कोर्ट में हाजिर होना पड़ता है।
अदालत के द्वारा रोड पर कूड़ा फेकने के आरोप में जुर्माने की रकम फिक्स की जाती है। जुर्माने की यह रकम कितनी होगी?
यह बात खुद कोर्ट ही डिसाइड करता है। कोर्ट के आदेश पर इस जुर्माने की रकम लोगों को भरना ही पड़ता है।
जुर्माना जमा नहीं करने पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना के आरोप में सम्बंधित को व्यक्ति को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।