महाविद्यालयों के द्वार पर लगाए जाएंगे चित्र, प्रदेश सरकार का महत्वपूर्ण फैसला

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने जारी किया निर्देश, सभी गवर्नमेंट कॉलेजों को करना है अनुपालन

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ALLAHABAD: ऐसे समय जब देश की सेना पर सभी की निगाहें डटी हैं। सेना एक तरफ ड्रैगन (चीन) से मोर्चा संभाले हुये है और दूसरी तरफ पाकिस्तान को भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है। यही नहीं सेना के जवान अपने ही देश में आतंकी गतिविधियों से जूझ रहे हैं। तब प्रदेश में सीएम आदित्यनाथ योगी की सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। योगी सरकार ने प्रदेश में स्थापित सभी राजकीय यूजी एंड पीजी कॉलेजेस को निर्देश जारी कर कहा है कि कॉलेजेस के मुख्य द्वारा पर परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र स्थापित करें।

प्राचार्यो को भेजा गया पत्र

डिप्टी सीएम एंड हायर एजुकेशन मिनिस्टर दिनेश शर्मा की ओर से निर्देश जारी होने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ। एसपी खरे ने सभी राजकीय कॉलेजेस के प्राचार्यो को पत्र भेजकर शासन की मंशा से अवगत कराया है। आदेश में कहा गया है कि कॉलेजेस मुख्य द्वारा पर उचित स्थान देखकर परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र स्थापित करें। इसके अलावा उनके नाम समेत पूरा विवरण भी दें। यह भी कहा गया है कि उन्हें जिस वीरता के लिये पुरस्कार दिया गया है। उस शौर्य गाथा का भी उल्लेख किया जाए।

इन्हें मिलता है परमवीर चक्र

परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है जो दुश्मनों की उपस्थिति में उच्च कोटि की शौर्यता प्रदर्शित करने एवं त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। ज्यादातर स्थितियों में यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। पुरस्कार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को की गयी थी, जब भारत गणराज्य घोषित हुआ था। भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं एवं इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था।

राजकीय महाविद्यालयों को परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र मुख्य द्वार पर स्थापित करने हैं। यह काम न्यू एकेडमिक सेशन से ही करना है। कॉलेजेस को कक्षों और गैलरी की दिवारों पर नीति वाक्य भी अंकित करना अनिवार्य है।

डॉ। एसपी खरे, संयुक्त शिक्षा निदेशक, उच्च शिक्षा