प्रयागराज ब्यूरो । दिन-रात लोगों की सुरक्षा में मेहनत करने वाले पुलिस के जवानों को थाने का टॉयलेट टेंशन दे रहा है। टॉयलेट की कंडीशन ठीक नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कत हो रही है। यूरिनल बेसिन के हालात भी बदतर हैं। थानों में सरकारी सफाई कर्मी के नहीं होने से स्वच्छता के लिए जवानों को सेल्फ इंतजाम करना पड़ रहा है। सेल्फ प्रबंध से टॉयलेट व यूरिनल बेसिन की सफाई कराना पुलिस कर्मियों की मजबूरी बन गई है। कुछ थानों में तो हालात काफी ठीक हैं।

खुद से जवान कराते हैं सफाई
कर्नलगंज थाना परिसर में बनाए गए टॉयलेट व यूरिनल बेसिन की व्यवस्था चाक चौबंद है। यहां पर महिलाओं के लिए एक अलग से शौचालय बनाया गया है। जबकि पुरुषों के शौचालय में बनाए गए यूरिनल बेसिन व टॉयलेट अलग है। थाने में बने पुरुष टॉयलेट व यूरिनल बेसिन में रियलिटी चेक के वक्त सफाई व्यवस्था ठीक रही। पूछने पर कुछ जवानों ने बताया कि थाने में सफाई कर्मचारी की व्यवस्था नहीं है। उन्हें खुद से सफाई कर्मियों को पकड़कर सफाई कराना पड़ता है। सफाई कर्मियों को इस काम के लिए पैसा भी वे खुद ही आपस में मैनेज करके देते हैं। मतलब यहां भी टॉयलेट व यूरिनल बेसिन ठीक है, पर सफाई कर्मियों को पैसे देने का टेंशन झेलना पड़ रहा है।

स्वच्छ हैं जार्जटाउन के टॉयलेट
जार्जटाउन थाना गेट के अंदर प्रवेश करते ही दाहिनी तरफ महिलाओं के लिए शौचालय बनाया गया है। पुरुषों के लिए बनाया गया शौचालय परिसर में अंदर की तरफ सबसे पीछे है। परिसर से लेकर टॉयलेट तक की सफाई सेल्फ व्यवस्था करके पुलिस कर्मियों के द्वारा कराई जाती है।

दरवाजे लकदक सीट गड़बड़
जार्जटाउन थाने के टॉयलेट का रियलिटी चेक करने के बाद रिपोर्टर चौक स्थित कोतवाली पहुंचा। कोतवाली गेट के अंदर प्रवेश करते ही दाहिनीं तरफ एक छोटा सा सिंगल शौचालय है। इसी के ठीक सामने यूरिनल बेसिन भी बनाई गई है। यूरिनल बेसिन की भी सफाई व्यवस्था यहां पर ठीक दिखाई दी। जबकि, कोतवाली में गेट के ठीक सामने बैरक की तरफ दाहिनी ओर एक लाइन से कई टॉयलेट बनाए गए हैं। प्रवेश से पहले हाथ मुंह धुलने के लिए लगाई गई बेसिन काफी गंदगी व जर्जर दिखाई दी। इस बेसिन की स्थिति इस बात की चुगली कर रही थी कि इसकी दशा पर वर्षों से ध्यान ही नहीं दिया गया। टॉयलेट बाउंड्री के अंदर पहुंचने एक लाइन से आधा दर्जन टायलेट बनाए गए हैं। टायलेट के दरवाजे का नए और चमक रहे हैं। मगर शीट की स्थिति काफी खराब दिखाई दी। टॉयलेट की शीट गंदगी और फर्श टूटी हुई है। इन आधा दर्जन टॉयलेट में ज्यादातर गंदे मिले। बस एक दो की ही कंडीशन थोड़ी ठीक दिखाई दी। जवानों से पूछने पर पता चला कि यहां भी सरकारी तो दूर कोई संविदा का भी सफाई कर्मचारी नहीं है।