प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एचआईवी के मरीजों की संख्या जिले में 2018 के बाद कम हो गई है। बावजूद इसके इस समय एसआरएन अस्पताल स्थित एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरपी) सेंटर से हर माह 5439 मरीज दवा ले जा रहे हैं। इनमें प्रयागराज के साथ कौशांबी के मरीज भी शामिल हैं। बता दें कि यह सेंटर 2007 से खुला है और इसे हाई लोडेड माना जाता है। शासन द्वारा एआरटी सेंटर की विशेष निगरानी की जाती है।
किस साल आए कितने मरीज
2018- 907
2019- 808
2020- 460
2021- 578
2022- 650
नशाखोरी और माइग्रेशन है बड़ा कारण
एचआईवी संक्रमण के पीछे सबसे बड़ा कारण अनसेफ सेक्स माना जाता है। लेकिन इससे भी बड़े कारण नशाखोरी और माइग्रेशन बना हुआ है। एक सीरिंज से कई लोगों द्वारा ड्रग्स या नशे की दवा लेने से एचआईवी आसानी से फैलता है। इसके अलावा जो लोग मुंबई, गुजरात या दिल्ली कमाने जाते हैं, वह वहां पर जाने अनजाने में एचआईवी संक्रमित होते हैं। बाद में वह वापस अपने घर आकर संक्रमण फैलाने का साधन बन जाते हैं।
महसूस होते हैं फ्लू जैसे लक्षण
वास्तव में एचआईवी के तीन चरण हैं और एचआईवी का इलाज नहीं कराने पर कम से कम दस साल के अंदर व्यक्ति को एड्स हो सकता है। इसके पहले चरण से पहले व्यक्ति को दो से चार हफ्तों में एचआईवी के लक्षण महसूस होने लगते हैं जबकि पहले चरण में व्यक्ति को फ्लू, थकान, सर्दी और बुखार जैसे लक्षण महसूस होते हैं। दूसरे चरण में एचआईवी का इलाज शामिल है जहां पीडि़त के लक्षणों को दवाओं के जरिए दबाने की कोशिश की जाती है और एचआईवी की फैलने का कम खतरा होता है। तीसरा चरण वो है जिसमें कोई व्यक्ति एचआईवी की दवा नहीं ले रहा है यानी उसे एड्स का खतरा होता है।
कैसे फैलता हैं एड्स रोग
एचआईवी संक्रमित के साथ असुरक्षित यौन संबंध से।
एचआईवी संक्रमित सीरिंज व सुई दूसरों पर प्रयोग करने से।
एचआईवी संक्रमित मां से शिुशु को जन्म से पहले, प्रसव के समय या प्रसव के शीघ्र बाद।
एचआईवी संक्रमित का अंग प्रत्यारोपण से।

इन लक्षणों से रहिए होशियार
गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते बुखार रहना।
हफ्ते खांसी रहना।
अकारण वजन घटते जाना।
मूंह में घाव हो जाना।
त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले ददोरे/चकते हो जाना।

लोगों में जागरुकता का संचार हो रहा है। वह बचाव के रास्तों को अपना रहे हैं जिससे एचआईवी का संक्रमण कम हो रहा है। हालांकि कोरोना काल में लोगों ने जांच कम कराई है। फिर भ्ी उम्मीद है कि एचआईवी का प्रसार घट रहा है।
डॉ। एके तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज