लखनऊ भेजा गया स्मार्ट सिटी का अपडेटेड प्लान

अगस्त में फाइनल होगी स्मार्ट सिटी की सेकंड लिस्ट

ALLAHABAD: दूसरी लिस्ट में जगह मिलेगी या नहीं? यह तो अगस्त में सामने आएगा जब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय सूची जारी करेगा। लेकिन, मुकम्मल योजना के साथ इलाहाबाद को स्मार्ट बनाने का प्रपोजल लखनऊ पहुंचा दिया गया है। पुरानी गलतियों से सबक लेकर इस बार इनोवेटिव थॉट पर ज्यादा फोकस है। अफसरों को भरोसा है कि इस बार निराशा हाथ नहीं लगेगी।

1800 एकड़ एरिया, 2000 करोड़ का प्लान

स्मार्ट सिटी प्रपोजल के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट और शहरी विकास मंत्रालय ने पंद्रह मानक निर्धारित किए हैं। निर्धारित मानकों के साथ स्मार्ट सिटी प्रपोजल के लिए 1800 एकड़ एरिया को एरिया बेस डेवलपमेंट में शामिल किया गया है। जिसमें यूनिवर्सिटी, कंपनी गार्डेन, हाथी पार्क, कटरा एरिया के साथ ही वार्ड-27 म्योराबाद, आइईआरटी, प्रयाग स्टेशन व ममफोर्डगंज का एरिया शामिल है। दिन रात की मेहनत के बाद मंगलवार की देर रात स्मार्ट सिटी प्रपोजल को तैयार कर लखनऊ भेज दिया गया। बुधवार को प्रपोजल सचिवालय पहुंच गया। जिसे गुरुवार को दिल्ली स्थित केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में जमा किया जाएगा।

इनोवेटिव प्लान पर है पूरा विश्वास

स्मार्ट सिटी लिस्ट में शामिल होने के लिए इलाहाबाद को 57 अंक लाना था। लेकिन फ‌र्स्ट लिस्ट में इलाहाबाद को 79 अंक मिला था। इस बार 57 नहीं बल्कि अंडर 40 में इलाहाबाद शामिल रहे इसके लिए इनोवेटिव प्लान पर जोर दिया गया है। जिसके तहत हेरिटेज बस चलाने व क्रूज चलाने का भी प्लान शामिल किया गया है।

तो पहले साल मिलेगा 400 करोड़

अगर स्मार्ट सिटी प्रपोजल पास हुआ और इलाहाबाद स्मार्ट सिटी की सेकेंड लिस्ट में शामिल हुआ तो इलाहाबाद को पहले साल में डेवलपमेंट के लिए 400 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसमें 200 करोड़ केंद्र और 200 करोड़ राज्य सरकार देगी। इसके बाद दोनों सरकारें रिव्यू करेंगी। रिव्यू में खर्च के नतीजे सकारात्मक निकले तो अगले साल दोनों सरकारें सौ-सौ करोड़ (कुल 200 करोड़) और देंगी। लेकिन रिव्यू खराब आया तो पैसे रोक दिए जाएंगे। सब कुछ ठीक चला तो चार साल में दोनों सरकार पांच-पांच सौ करोड़ रुपए देंगी।

कमिश्नर, नगर निगम, यूएसटीडीए और कंसल्टेंसी एजेंसी ने पूरी शिद्दत और मेहनत से प्रपोजल तैयार किया है। प्लान को इनोवेटिव रखा गया है। इलाहाबाद के लिए हर बेहतर प्लान व सुझाव को शामिल किया गया है। उम्मीद है इस बार फेल नहीं होंगे।

शेषमणि पांडेय

नगर आयुक्त, इलाहाबाद