शादी का कार्ड लेकर बैंकों का चक्कर काटते रहे लोग

कैश की कमी से जूझते रहे बैंक, लोगों को मजबूरी में किया वापस

दो हजार के नोट बदलकर लोगों ने किया संतोष, पेट्रोल पंपों के लगे चक्कर

ALLAHABAD: नोट बंदी दिन प्रतिदिन लोगों का इम्तेहान ले रही है। आरबीआई वित्त सचिव की घोषणा के बावजूद शुक्रवार को बैंकों में शादी के कार्ड पर ढाई लाख रुपए नहीं बांटे गए। बैंकों ने कैश नहीं होने का रोना रोया तो कुछ बैंकों ने इस मामले में आरबीआई से कोई सर्कुलर नहीं आने की बात कही। लोगों को केवल आश्वासन दिया गया। इस बीच शाम तक जनता बैंकों के चक्कर काटती रही। कुल मिलाकर नोट बंदी के बाद दसवें दिन भी लोग बैंकों के बाहर कतार में नजर आए।

बीस की जगह दस हजार ही बांटे

जिले के बैंक लगातार पैसों की कमी से गुजर रहे हैं। शुक्रवार को एक बार फिर यही आलम रहा। लोग सुबह से कतारों में लगे रहे लेकिन न तो नोट बदली हुई और न ही कैश मिला। चेक में जिन लोगों ने बीस हजार की रकम लिखी थी, उन्हें रिक्वेस्ट करके बैंकों ने दस हजार रुपए ही बांटे। इससे जनता ने नाराजगी व्यक्त की। कई बैंकों में सुबह दो घंटे ही नोट बदलवाए गए, उसके बाद काउंटर बंद कर दिए गए। इससे जगह-जगह लोगों ने हंगामे किए, जिससे पुलिस को एक्शन में आना पड़ा। बैंक अधिकारियों ने बताया कि आरबीआई से करेंसी आने के बाद लोगों की मांग पूरी की जाएगी।

इज्जत की दुहाई भी काम न आयी

आरबीआई ने शादी का कार्ड दिखाकर ढाई लाख रुपए खाते से निकलवाने की घोषणा की थी, जिसका पालन शुक्रवार को नहीं हो सका। कैश नही होने की वजह से कई बैंकों में लोग कार्ड लेकर इज्जत की दुहाई देते रहे। इलाहाबाद बैंक मेन ब्रांच में पहुंचे पीएचक्यू कर्मचारी भानु प्रताप को कैश नही होने से निराश होना पड़ा। उनके बेटे का तिलक 21 नवंबर को होना है। चित्रकूट से आए देवी दयाल की बेटी की शादी है। एसबीआई मेन ब्रांच ने सर्वर स्लो होने की बात कहकर उन्हें शाम को आने को कहा। लेकिन, वह बैंक में भटकते रहे। इसी तरह सैकड़ों की संख्या में लोग सरकार की ढाई लाख के भुगतान की मांग को लेकर पैसे की आस में घडि़यां गिनने को मजबूर रहे।

नियमों को लेकर भी असमंजस

जिन बैंकों के पास कैश है, वह भी ढाई लाख रुपए देने में आनाकानी करते रहे। उनका कहना था कि अभी आरबीआई से कोई इंस्ट्रक्शन नहीं आया है। नियमानुसार लोगों को शादी का कार्ड और आईडी देनी है। इसके अलावा एफिडेविट और अन्य प्रूफ देने की बात भी सामने आ रही है। लेकिन, जब तक गवर्नमेंट की गाइड लाइन नही आ जाती। पेमेंट करना मुश्किल है। क्या पैसे मांगने वाला वाकई दिक्कत में है, इसका परीक्षण करने संबंधी नियम भी संभवत: आरबीआई जारी करेगा। इसी सबके इंतजार में कई बैंकों ने शाम तक लोगों को कैश उपलब्ध नही कराया।

फिर भी कम नहीं हुई परेशानी

पिछले दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को चालू एटीएम की संख्या बढ़ा दी गई। यहां से अधिकतम दो हजार रुपए ही निकाले जा सके। एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई आदि बैंकों के एटीएम में सुबह से लंबी लाइने लगी रहीं। लोग अपनी बारी का इंतजार करते रहे। वहीं, बैंकों में कैश बदलने की लिमिट घटाकर दो हजार करने के बाद लोगों ने नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि सरकार को इतनी जल्दी कैश बदलने की लिमिट घटानी नहीं चाहिए थी। बैंक अधिकारियों का कहना था कि खाते से रुपए निकालने वालों को अधिक तरजीह दी जा रही है।

घर में शादी है। पता चला था कि आज से ढाई लाख रुपए मिलेंगे लेकिन बैंक वालों ने कैश देने से मना कर दिया। कहा है कि शाम को आना। बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहा है। हमे अपना पैसा लेने में ही दिक्कत हो रही है।

कुसुम देवी

इतनी जल्दी लिमिट कम नहीं करनी चाहिए थी। साढ़े चार हजार रुपए से अधिक की जरूरत थी लेकिन बैंक ने केवल दो हजार के नोट ही बदले। अब बच्चे की फीस कैसे जमा होगी।

देवेश कुमार

कई एटीएम बंद पड़े हैं। जहां एटीएम चल रहे हैं वहां लंबी लाइन लगी है। ऑफिस छोड़कर बहुत ज्यादा देर बाहर नही रह सकते हैं। बैंकों को एटीएम की संख्या बढ़ानी चाहिए।

संजय सिंह

डाकघरों में पैसा खत्म हो चुका है। मेरा खाता यही पर है। तीन दिनों से चक्कर काट रहे हैं। कहते हैं बैंक ने पैसा नही दिया है। जब आएगा तो आकर ले जाना।

धीरेंद्र

बैंक के पास कैश नहीं है। जो लोग बीस हजार मांग रहे हैं उन्हें दस हजार रुपए दिए जा रहे हैं। जिनके घर में शादी है उन्हें कैश आने पर मदद की जाएगी। लोगों को इंतजार करने को कहा गया है।

नारायण ताताचारी, एजीएम, इलाहाबाद बैंक

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देर शाम एसबीआई ने बांटा शादी का पैसा

आरबीआई इंस्ट्रक्शन आने के बाद शुक्रवार की देर शाम एसबीआई की मेन ब्रांच में शादी का कार्ड दिखाने पर खाताधारकों को कैश मुहैया कराया गया। डिप्टी ब्रांच मैनेजर यूएन त्रिपाठी ने बताया कि शादी का कार्ड, पहचान पत्र दिखाने पर अधिकतम ढाई लाख रुपए की रकम दिए जाने के आदेश मिले हैं। ग्राहकों को एक केवाईसी फार्म भरना पड़ रहा है। एकाउंट लड़के या लड़की के माता-पिता का होना चाहिए। इसको लेकर दिन डूबने के बाद भी जरूरतमंदों की लाइन लगी रही और एक-एक कर उनको कैश मुहैया कराया गया।