प्रयागराज ब्यूरो । 'हिट एण्ड रनÓ कानून से नाराज पब्लिक ट्रांसपोर्टरों ने पब्लिक को ही पैदल कर दिया। शहर में सवारी वाहनों के नहीं चलने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई। टैक्सी टैंपो स्टैंडों पर साधनों के इंतजार में लोगों को ठंड में पसीने छूट गए। गिने चुने जो कुछ साधन चल जरूर रहे थे, मगर अपर्याप्त रहे। सुबह से शाम तक लोगों को इन स्टैंडों पर साधन के लिए भटकते हुए देखा गया। जिन चौराहों पर टैक्सी और टैंपो की वजह से चलना दुश्वार था, सोमवार को वहां पब्लिक तो भी पर वे वाहन नदारद थे। अचानक सड़कों से गायब हुए इन वाहनों के इंतजार में खड़े लोगों का माथा काफी गर्म रहा। यात्रियों की परेशानी यहीं से समझी जा सकती है कि समस्या को लेकर किए गए सवाल का जवाब भी रूखे अंदाज में दे रहे थे। गैर जनपदों को चलने वाली प्राइवेट बसों को खड़ी करके चालक नाराजगी जता रहे थे। हालांकि एक भी चालक नाराजगी को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। चालकों का बस एक ही जवाब था स्टैंड व्यवस्थापक या यूनियन से बात करिए। उधर नए कानून से चालकों की नाराजगी को देखते हुए टैक्सी टैम्पो, बस और ट्रक व ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से बैठक की। पदाधिकारियों ने बनाए गए कानून में बदलाव की मांग के साथ सरकार को घुड़की भी दिए।

करीब 90 प्रतिशत चालकों ने किया विरोध
रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौत को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने मोटर विहिकल एक्ट में बदलाव किया है। जानकार कहते हैं कि इस नए नियम में एक्सीडेंट में व्यक्ति की मौत पर सजा व लाखों के जुर्माने का प्राविधान दिया गया है। नए नियम में एक्सीडेंट होने पर घायल को छोड़कर भागने वाले चालक के ऊपर सात लाख रुपये तक का जुर्माना व दस साल की सजा का प्राविधान दिया गया है। इस कानून के आने की खबर मिलते ही पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन करने वाले चालक खफा हो गए हैं। नाराज पब्लिक ट्रांसपोर्टर की करीब 90 प्रतिशत गाडिय़ों को चालक खड़ी कर दिए। टैक्सी व विक्रम के नहीं चलने से स्टैंडों पर सफर के लिए वाहनों के इंतजार में लोग भटकते रहे। ठंड के इस मौसम में सवारी वाहनों के इंतजार में खड़े परेशान लोगों का मूड ऑफ दिखाई दिया। गिने चुने जो टैक्सी विक्रम चल रहे थे उनमें सीट से ज्यादा सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी थीं। बावजूद इसके हर चौराहे पर साधन के इंतजार में दर्जनों लोग ठंड के बीच घंटे खड़े नजर आए।

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ई-रिक्शा चालकों की रही बल्ले-बल्ले

हिट एण्ड रन के विरोध में टैक्सी टेंपो के चालकों गाडिय़ां खड़ी किए ट्रैफिक संचालक का भार ई-रिक्शा पर आ गया। गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी में लोग ई-रिक्शा के चालकों को मुंह मांगी कीमत देने को विवश दिखाई दिए। हालांकि ई-रिक्शा की संख्या भी रोज की अपेक्षा सोमवार को सड़कों पर काफी कम दिखाई दी। ऐसे में ई-रिक्शा चालकों का भाव भी काफी बढ़ा रहा। सड़कों पर साधन की कमी का फायदा उठाते हुए चलने वाले ज्यादातर ई-रिक्शा चालक सवारियों से मुंह मांगा किराया वसूल किए।


संयुक्त बैठक में नियम पर उठाए सवाल

कानून के विरोध में शाम के वक्त टैम्पो, विक्रम टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन, ट्रक आपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन व बैट्री ई-रिक्शा एसोसिएशन और बस यूनियन के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से बैठक की।

इस बैठक में हिट एण्ड रन नियम का धुर विरोध किया गया। पदाधिकारियों ने कहा कि इस नियम के लागू होते ही चालकों के लिए खतरा बढ़ जाएगा।

नियम में है कि एक्सीडेंट होने पर यदि चालक भाग जाता है तो उसके ऊपर सात लाख तक का जुर्माना व दस साल तक की सजा होगी।

ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल मिश्र ने कहा कि एक्सीडेंट के बाद यदि चालक नहीं भागे तो पब्लिक गुस्से में उसे पीटकर जख्मी कर देगी, उसकी मौत भी हो सकती है।

यदि पब्लिक की पिटाई से चालक की मौत हुई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? उसके परिवार के सामने जीवकोपार्जन का संकट उत्पन्न हो जाएगा।

यह नियम सिर्फ पब्लिक व भार ट्रांसपोर्ट वाहनों पर ही कार जैसे निजी वाहनों के चालकों पर भी प्रभावी होगा। इसलिए तय किया गया कि इस नियम के लिए में पब्लिक से सपोर्ट की वह सभी अपील करेंगे।

कहना था कि वाहनों का लाखों रुपये का इंश्योरेंस वाहन मालिक इसी लिए कराते हैं कि एक्सीडेंट पर बीमा कंपनी मृतक या घायल के परिवार को सहायता प्रदान करे।

फिर हिट एण्ड रन में जान बचाकर भागने वाले चालक को सजा व जर्माने का नियम क्यों?
पदाधिकारियों ने कहा कि नेताओं व मंत्रियों एवं अधिकारियों की गाड़ी चलाने वाले चालकों को भी इस नियम का विरोध करना चाहिए। क्योंकि नियम के दायरे में वह भी आएंगे।


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हिट एण्ड रन नियम लागू होने के बाद चालकों की असुरक्षा बढ़ जाएगी। एक्सीडेंट के बाद चालक ट्रक के हों या अन्य गाडिय़ों के भागें नहीं गुस्से में पब्लिक उन्हें पीट-पीट कर मार ही डाले। नियम में कहा गया है कि भागने वाले चालक पर सात लाख तक का जुर्माना व दस साल की सजा का प्राविधान किया गया है, जो कि चालकों की सुरक्षा के लिहाज से गलत है। हमारी मांग है कि नियम में बदलाव किया जाय। चालक की गलती के बगैर भी एक्सीडेंट होते हैं, उसका भी दोषी चालक को ही ठहराया जाना गलत है।
आकाश शुक्ला
प्रदेश मुख्य सचिव ट्रक आपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन

देश के विकास व आर्थिक मजबूती में वाहन चालकों का बड़ा योगदान है। सरकार द्वारा बनाए गए नियम में एक्सीडेंट पर लाखों के जुर्माने व सालों सजा के प्राविधान का हम विरोध करते हैं। हर एक्सीडेंट चालक की गलती से ही नहीं होते। हादसे ऐसे भी होते हैं जिसमें टैक्सी टैम्पो, बस या ट्रक व कार चालक की गलती नहीं होती। इन बातों का भी ध्यान सरकार को देना चाहिए। गरीब तबके के चालक लाखों रुपये का आर्थिक दण्ड कहां से जमा करेंगे?
विनोद चंद्र दुबे
अध्यक्ष टैम्पो विक्रम टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन

चालकों के लिए बनाए गए यह नियम किसी भी मायने में सही नहीं हैं। यह नियम एक तरह से चालकों व उनके परिवार का मानसिक उत्पीडऩ है। अपनी सुरक्षा करने का हक संविधान हर व्यक्ति को देना है। एक्सीडेंट के बाद यदि जान बचाकर चालक भागते हैं तो यह चालकों की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। सरकार इस बात की क्या गारंटी देगी कि चालक के नहीं भागने पर पब्लिक उन्हें मारेगी पीटेगी नहीं? इस नियम में बदलाव की जरूरत है।
रमाकात रावत
महामंत्री टैम्पो विक्रम टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन

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हिट एण्ड रन के नियम से नाराज टैम्पो टैक्सी चालक आज गाडिय़ां लेकर नहीं आए। तीन चार वही चालक चल रहे हैं जो शहर के हैं और पैसे की बहुत जरूरत है। बाकी मिश्रा भवन चौराहा स्टैंड से चलने वाले 95 प्रतिशत चालक वाहन लेकर नहीं आए। चालकों में सरकार के द्वारा बनाए गए नियम को लेकर नाराजगी है। यूनियन के पदाधिकारी बैठक कर रहे हैं, जो निर्देश होगा उस पर हम और चालक अमल करेेंगे।
मो। अंजुम
व्यवस्थापक टैक्सी स्टैंड मिश्रा भवन