प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आने वाले लोक सभा चुनाव में यूथ का एजेंडा क्या होगा? चुनाव को लेकर वह क्या सोचता है और वोटिंग करने के लिए किन तथ्यों को प्रॉयोरिटी देगा? इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश में सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पहुंचा था आईईआरटी। यहां के स्टूडेंट्स से इंटरैक्शन की शुरुआत मुद्दों से ही हुई तो उनका कहना था कि पॉलिटिशियन की एक क्वालिटी होना अनिवार्य है? मसलन वह खुद पब्लिक के बीच किन मुद्दों को लेकर जाता है। चुनाव में उतरने से पहले उसकी छवि क्या रही है? यह ज्यादा मैटर करेगा। इससे यह आइडिया तो हो ही जाएगा कि उसका पास्ट क्या रहा है। इसके अलावा भी युवाओं ने कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। यह भी मुद्दा उठा दिया कि जब यूनिवर्सिटी के चुनाव के लिए क्वालीफाइंग स्पीच की व्यवस्था है तो लोक सभा चुनाव के लिए भी होनी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, वोटिंग की उम्र और ऑनलाइन वोटिंग को मुद्दे के रूप में उठाया और अपना व्यू रखा। बता दें कि यूथ का एजेंडा सामने लाने के लिए ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट कैंपस में 'राजनी-टीÓ का आयोजन कर रहा है।

ऑनलाइन वोटिंग भी हो ऑप्शन
चर्चा के दौरान युवाओं ने कहा कि आज कल हर चीज ऑनलाइन है। ऐसे में ऑनलाइन वोटिंग को भी वोटिंग का भी आप्शन रखना चाहिए। वैसे इसमें खतरे तमाम हैं तो इसे सिक्योर करने पर भी पूरा ध्यान होना चाहिए। इससे हर वो व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेगा जो वोटिंग जाने में सक्षम नहीं है या फिर लाइन में लगने से बचने के लिए वोटिंग ही अॅवायड कर देता है। इसको देखते हुए सरकार को ऑनलाइन वोटिंग को एक आप्शन के जरूर रखना चाहिए।

वोटिंग की उम्र 18 वर्ष ही होनी चाहिए
सरकार के द्वारा वोटिंग करने की उम्र 18 वर्ष ठीक रखी गई है। इससे कम उम्र के युवाओं को जानकारी कम होती है। ऐसे में प्रत्याशी उन्हें अपने प्रति बड़ी ही सहजता से बहला फुसला सकते है। जिसके चलते वो अपना वोट गलत प्रत्याशी को दे सकते है। ऐसे में एक अयोग्य प्रत्याशी के चुनाव जीतने की संभावना बढ़ सकती है। यह हमारी सामाजिक संरचना को देखते हुए अच्छा नहीं है। मेरी राय में वोटिंग राइट का इस्तेमाल करने के लिए 18 साल की उम्र होना ही सही है। चुनाव लडऩे की एज कम करने के भी पक्ष में युवा नहीं हैं क्योंकि इससे फ्रेश चेहरे सामने कम आएंगे और नेताओं के परिवार वालों के लिए रास्ते खुल सकते हैं। ऐसे में योग्य नेता का मिलना मुश्किल हो जाएगा। लिहाजा सरकार को न तो वोटिंग राइट देने के मामले में उम्र करने पर बात करनी चाहिए और न ही चुनाव लडऩे के लिए प्रत्याशी के लिए निर्धारित उम्र से कम करने की अनुमति पर विचार करना चाहिए।

हर किसी को मिले स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ
मरीजों को सरकार द्वारा कई सारी सुविधाएं दी जा रही है। मगर इन सुविधाओं का लाभ हर किसी को नहीं मिल पाता है। जिसको देखते हुए सरकार को एक अधिकारी ऐसा नियुक्त करना चाहिए, जो मुख्यत: इन बातों का ध्यान रखे की सरकार द्वारा चलाई जा रही सारी सुविधाओं का लाभ हर मरीजों को मिल रहा है या नहीं। इससे जिन मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा होगा उनकी संख्या का पता चल जाएगा। जिसके बाद सरकार उन मरीजों तक सरकार द्वारा दी जाने वाली सारी सुविधाओं को आसानी से पहुंचा सकेंगी।

हेट स्पीच देने वालों पर कसे शिकंजा
हेट स्पीच देने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि हेट स्पीच देने से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। इसकी वजह से देश के कई शहर प्रभावित हो सकते हैं। इसी के चलते शांति भंग हो सकती है। इसको देखते हुए हेट स्पीच देने वालों पर सरकार को निगरानी रखनी चाहिए। ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए। क्योंकि इंटरनेट का जमाना कहीं से भी हेट स्पीच दिया जा सकता है। चुनावों के दौरान खास तौर पर हेट स्पीच देने वालों पर नजर रखनी चाहिए। ताकि हेट स्पीच के द्वारा आम जनता को बरगला न सके।

यूथ ने डिस्कशन के दौरान उठाये मुद्दे
जरूरतमंदों को फ्री एजुकेशन सेवा देना चाहिए ताकि हर वर्ग का युवा शिक्षित हो सके
हेट स्पीच देने वालों पर नजर रख इन्हें सख्त से सख्त से सजा देनी चाहिए
परिवाद वाली नहीं राष्ट्रवाद वाली सरकार चाहिए
शिक्षित और योग्य होने के साथ ही उम्मीदवार युवा होना चाहिए
वादे करने वाली नहीं वादों को पूरा करने वाली सरकार चाहिए
ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा देनी चाहिए। ताकि वृद्ध और दिव्यांग मतदाता भी मतदान कर सकें
सरकार द्वारा चलाए जा रहे अवैध कोचिंग और महाविद्यालयों को बंद करवाना चाहिए
सरकार की नीतियों का इप्लॉयमेंट ठीक ढंग से होना चाहिए
मतदान करने की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए
सरकार के रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्तियां करनी चाहिए
कॉलेजों में स्किल डवलप करने वाले कोर्सों को चलाना चाहिए

सरकार को कॉलेजों में स्किल डेवलपमेंट के कोर्सों को चलाना चाहिए। ताकि युवा जैसे ही अपनी पढ़ाई पूरी करके निकले तो उसके हाथ में कुछ हुनर हो। यदि नौकरी नहीं मिलती है तो खुद के व्यापार करने का एक आप्शन उसके पास तैयार रहेगा। जिससे उसके रोजगार और नौकरी के लिए दौडऩा नहीं पड़ेगा।
देवांश रॉय

महिलाओं के लिए जो कानून बनाए गए उनमे थोड़ी और सख्ती होनी चाहिए। इसी के साथ जो कानून बनाए गये है उसके बारे में महिलाओं को जागृत करना चाहिए। जब महिलाएं इन कानूनों के प्रति जागरूक होंगी तो ही वो सरकार से मदद मांग पाएंगी। नहीं तो कानून का लाभ महिलाओं को नहीं मिल पाएगा और कानून सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।
अंजली साहू

इस बार का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो युवा हो। युवा होने के साथ ही साथ शिक्षित भी होना चाहिए। यदि उम्मीदवार शिक्षित और युवा होगा। तो वो शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के साथ ही युवाओं की समस्याओं का निस्तारण जल्द कर देगा। इसको देखते हुए इस बाद का उम्मीदवार युवा और शिक्षित होना चाहिए।
आयूष मिश्रा

आज कल हर चीज इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसको देखते हुए सरकार को ऑनलाइन वोटिंग का आप्शन भी देना चाहिए। ताकि जो व्यक्ति वोटिंग सेंटर पर जाने में असमर्थ हो तो वो ऑनलाइन वोटिंग कर अपने मत का इस्तेमाल कर सकता है। जो कि एक योग्य उम्मीदवार को चुनने में मददगार होगा।
भव्या मिश्रा

सरकार को रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्तियां करनी चाहिए ताकि जो युवा सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है उन्हें सरकारी नौकरी पाने का मौका मिल सके। इसी के साथ जो युवा सरकार द्वारा चुन कर आएगा। वो युवाओं को समझ्ने वाला और नई सोच का होगा। जिससे सरकारी दफ्तरों में नये तरीके से काम होगा।
रणजीत सिंह

सरकार को एक हेल्प डेस्क की सुविधा देनी चाहिए। जिसमेें युवा अपनी सारी समस्याएं सरकार तक पहुंचा सके। यह सुविधा सिर्फ और सिर्फ युवाओं के लिए होने चाहिए ताकि युवाओं की समस्याओं का निस्तारण जल्द से जल्द हो सके। उनके आइडियाज पर भी बात होनी चाहिए ताकि वह खुलकर अपनी बात रखने के लिए सामने आएं।
अंशदीप सिंह

मेरा वोट उसे जिसका एजेंडा यूथ ओरिएंटेड को
मैं पहली बार अपना वोट दूंगी। मैं इसे लेकर काफी एक्साइटेड हूं। इस प्वाइंस पर पूरी तरह से क्लीयर हूं कि मेरा वोट उसी को जाएगा जो यूथ ओरिएंटेड एजेंडे की बात कर रहा होगा। यूथ के लिए एजुकेशन की पॉलिसी डिसाइड करनी हो तो उसे पता हो कि वर्तमान एजुकेशन सिस्टम की प्राब्लम क्या है। मेरे अनुसार यूथ की पढ़ाई का फारमेट ऐसा रखा जाना चाहिए कि वह इसे कम्प्लीट करने के बाद जॉब को ज्वाइन करने की पोजीशन में हो। यूथ के लिए एजेंडा मल्टीनेशनल कंपनियों की रिक्वॉयरमेंट के अनुरूप तय किया जाना चाहिए और इसी के अनुरूप प्रोफेसनल्स को आगे बढ़ाना चाहिए।
सौम्या तिवारी