- कोठों के कई कमरों में मौजूद हैं ऐशो आराम के सामान

- बदनाम गलियों में खाकी का साया, कारोबारियों ने ली राहत की सांस

- 33 कोठा संचालिकाएं व उनके 10 गुर्गे भेजे गए जेल

ALLAHABAD:

मीरगंज की बदनाम गालियों में खंडहर से नजर आने वाले मकान जिनको कोठा कहा जाता है, वहां ऐशो आराम के कई साधन मौजूद हैं। पुलिस को रेड में कई कमरों में एसी व एलसीडी टीवी भी लगे मिले। सीलन भरे कुछ कोठों के कमरों में फ्रिज, वाशिंग मशीन के साथ ही आरओ भी लगा मिला। फिलहाल रेड के बाद से बदनाम गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है और सिर्फ खाकी ही नजर आ रही है। धरपकड़ के बाद पुलिस ने 33 कोठा संचालिकाओं व उनके 10 गुर्गो को सोमवार को जेल भेज दिया। बची रह गई 76 महिलाओं व उनके 20 बच्चों को खुल्दाबाद थाने के सामने नारी संरक्षण गृह में रखा गया है।

महिलाओं को भेजा जाएगा आगरा

नारी संरक्षण गृह में रखी गई 76 महिलाओं को जल्द ही आगरा भेजा जाएगा। वहां पर उनको नारी संरक्षण गृह में रखा जाएगा और एनजीओ के माध्यम से फिर से बसाने की कोशिशें होंगी। फिलहाल पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि नारी संरक्षण गृह में रखी गई महिलाओं में से कोई कोठा संचालिका तो नहीं है।

अफसर गए थे स्पाई कैमरा लगाकर

मीरगंज में रविवार को रेड की तैयारी लगभग एक महीने से चल रही थी। मुश्किल यह थी कि साबित कैसे किया जाएगा कि किस मकान में कोठा चलता है। इसके लिए तरकीब निकाली गई और अफसरों व पुलिस वालों को ग्राहक बनाकर बदनाम गलियों में भेजा गया। जितने भी लोग कोठों को देखने गए, उनके पास स्पाई कैमरा भी था। इससे कोठों को चिन्हित करने और जिस्म का धंधा करने वाली महिलाओं की रिकार्डिग की गई। जब एक-एक मकान चिन्हित हो गया तब जाकर रेड डाली गई। पुख्ता सुबूत होने का ही नतीजा था कि भीतर से बंद दरवाजों को गैस कटर की मदद से काटकर खोला गया। तमाम शोरशराबे के बावजूद किसी की हिम्मत खुलकर बोलने की नहीं हुई।

आईएएस भी गए थे कोठों को खंगालने

कोठों को चिन्हित करने का काम अकेले पुलिस वालों ने ही नहीं किया। इस काम में एक आईएएस अफसर ने भी मदद की। जब बदनाम गलियों में ग्राहक बनकर जाने से कई पुलिस वाले हिचकने लगे तो एक आईएएस आगे आए। स्पाई कैमरा लगाकर वह खुद ही ग्राहक बनकर बदनाम गलियों में पहुंच गए थे।

एक दर्जन लड़कियां नाबालिग

कोठों से एक दर्जन नाबालिग लड़कियां भी पकड़ी गई हैं। सभी का मेडिकल करवाया गया है और उनको भी बाकी की महिलाओं के साथ ही रखा गया है। कोठों से आक्सीटोसिन के इंजेक्शन भी मिले हैं। सभी महिलाओं से परिवार वालों के नाम मांगे गए ताकि उनको वापस भेजा जा सके लेकिन इसके लिए कोई तैयार नहीं हुआ। आखिरकार तय हुआ कि अब सभी को आगरा भेजा जाएगा। जहां काउंसिलिंग के बाद पुनर्वास का काम करवाया जाएगा। फिलहाल नारी संरक्षण गृह में महिलाओं और बच्चों का बिलखना जारी है।

सात हैं मालिक

जिन कोठा संचालिकाओं को जेल भेजा गया है, उनमें से सात घर की मालकिन भी हैं। वह यह आधार बना रही हैं कि उनको घर से बेदखल किया जा रहा है। वह कानूनी कदम भी उठा सकती हैं। यह बात पुलिस को पहले ही पता थी। इसी वजह से एक-एक मकान को चिन्हित करने व रिकार्डिग का निर्णय लिया गया था। रिकार्डिग को कोर्ट में सुबूत के तौर पर पेश किया जाएगा।

कई स्टेट की हैं महिलाएं

कोठों से पकड़ी गई महिलाएं राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार के साथ नेपाल की भी हैं। हालांकि पुलिस को इस बात का भरोसा कम ही है कि वह अपना असली नाम व पता बता रही हैं।

फिर न लौट आएं दलदल में

जिन महिलाओं के पुनर्वास की तैयारी की जा रही है, उनके फिर से दलदल में लौट आने की आशंका से इंकार भी नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से बदनाम गलियों में चिन्हित 17 कोठों को सील कर दिया गया है और पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। गलियों में रंगरूटों की तैनाती की गई है। रंगरूटों की ड्यूटी दो शिफ्ट में लगाई जा रही है। पुलिस का पहरा 24 घंटे रहता है।

दुकानदार हैं खुश

सर्राफा कारोबारी कोठों के सील होने से काफी खुश हैं। सभी का कहना है कि कोठों के बंद होने से बाजार में रौनक बढ़ेगी और कारोबार बढ़ेगा। हालांकि छापे की कार्रवाई के दौरान कई महिलाएं वहां से भाग गई थीं। ऐसी महिलाएं अभी शहर में ही हैं और फिर से लौटने की कोशिश करेंगी। ऐसी महिलाओं को रोक पाना पुलिस के लिए आसान नहीं होगा।