- पैसेंजर्स को बहुत रूलाती हैं ट्रेनें

- पांच से दस घंटा ट्रेनों का लेट होना तो है आम बात

- आज तक राइट टाइम का शेड्यूल नहीं बना सका है रेलवे

- वहीं किराया बढ़ाने की हो चुकी है तैयारी

ALLAHABAD: इंडियन रेलवे की ट्रेनें पैसेंजर्स को कश्मीर से कन्याकुमारी तक पहुंचाती तो जरूर हैं, लेकिन डेस्टिनेशन तक पहुंचाने से पहले रूलाती भी बहुत हैं, जब ट्रेनें घंटों लेट हो जाती हैं। ट्रैफिक लोड, स्टॉफ की कमी, इंजन और डिब्बों के मेंटिनेंस में लापरवाही के कारण ट्रेनों की लेटलतीफी अब आम बात हो गई है। रेल मंत्रालय ने ख्भ् जून से किराया क्ब्.ख् प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी तो कर ली है, लेकिन ट्रेनें राइट टाइम नहीं हो पा रही है। संडे को इलाहाबाद जंक्शन से गुजरने वाली ज्यादातर ट्रेनें घंटों लेट रही चलिए बताते हैं संडे को पैसेंजर्स को करना पड़ा कितनी परेशानियों का सामना।

आठ से दस घंटे लेट रहती हैं ट्रेनें

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, अलीपुरद्वार से चलकर दिल्ली को जाने वाली महानंदा एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय सुबह के छह बजकर फ्0 मिनट से आठ घंटे की देरी से चल रही है। क्ब् बजकर फ्0 मिनट पर प्लेटफार्म नंबर एक पर आने की संभावना है। आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है ये वो मैसेज है, जो पर डे इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म पर सुनाई देता है। करीब-करीब सभी ट्रेनों के लिए इसी तरह का मैसेज होता है। किसी ट्रेन को दो घंटे, तीन घंटे तो किसी को आठ से दस घंटे लेट बताते हुए असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया जाता है। लेकिन क्या केवल खेद व्यक्त करने भर से रेलवे की जिम्मेदारी पूरी हो जाती है?

पैसेंजर्स की मुश्किलें

संडे को आई नेक्स्ट ने ट्रेनों के एराइवल और डिपार्चर टाइम रूट चार्ट को चेक किया। हम इलाहाबाद जंक्शन पर पहुंचे जहां प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर दस नंबर तक सैकड़ों पैसेंजर्स प्लेटफार्म पर पड़े हुए थे। प्लेटफार्म पर ये इसलिए नहीं पड़े थे कि इन्हें घर से निकाल दिया गया है या फिर प्लेटफार्म की खूबसूरती के कारण मजे लेने के लिए लेटे हुए थे। बल्कि रेलवे के फ्लॉप सिस्टम के कारण प्लेटफार्म पर लेटने को और इंतजार करने को मजबूर थे। क्योंकि जिन ट्रेनों से इन्हें अपने डेस्टिनेशन तक जाना था, वो लेट थीं। कोई ट्रेन दो घंटे लेट थी तो कोई छह से आठ घंटे।

बदबू से परेशान फिर भी करते दिखे इंतजार

प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे लोगों में किसी को दिल्ली जाना था, किसी को मुंबई, तो किसी को हावड़ा जाना जरूरी था, इसलिए प्लेटफार्म पर पड़े रहना ही एक मात्र विकल्प था। चूंकि ट्रेन के आने का समय धीरे-धीरे बढ़ रहा था, इसलिए प्लेटफार्म से कहीं दूर भी जाना ठीक नहीं था। जबकि प्लेटफार्म की स्थिति ये थी कि रेलवे लाइन से उठ रही दुर्गध, प्लेटफार्म पर फैली गंदगी और ट्रेन के टॉयलेट से आ रही बदबू और उमस से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। फिर भी लोग मजबूरी में किसी तरह वहीं पर खड़े व बैठे हुए थे।

ट्रेन कैंसिलेशन से फेल हो गया प्लान

ट्रैफिक लोड के कारण ही संडे को कई इंपार्टेट ट्रेनें कैंसिल रही। जिससे पैसेंजर्स काफी परेशान हुए। बहुत मजबूरी होने पर दूसरे ट्रेन में धक्का खाते हुए सवार हुए। वहीं कुछ ने अपनी प्लानिंग को कैंसिल कर दिया यानी ट्रेवलिंग ही कैंसिल कर दिया।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर नहीं है ध्यान

रेल एडमिनिस्ट्रेशन अगर इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे तो टाईम मैनेजमेंट किया जा सकता है। ट्रेनें राइट टाइम चलने लगे तो रेलवे का इनकम भी बढ़ेगा और पैसेंजर्स को परेशान नहीं होना पड़ेगा। लेकिन ये कब होगा, इसका जवाब रेल मंत्रालय को पब्लिक को देना ही होगा।

संडे को कुछ इस तरह लेट रहीं ज्यादातर ट्रेनें

क्8क्0क् मूरी एक्सप्रेस- तीन घंटा

क्8म्फ्ख् गरीब नवाज एक्सप्रेस- दो घंटा

ख्ख्80भ् भुवनेश्वर नई दिल्ली डेढ़ घंटा

क्फ्क्क्ख् लाल किला दो घंटा

क्ख्भ्0भ् नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस तीन घंटा

क्ख्फ्07 हावड़ा जोधपुर डेढ़ घंटा

क्ख्ब्87 आनंद विहार सुपरफास्ट दो घंटा

क्ख्फ्ख्क् हावड़ा मुंबई मेल तीन घंटा

क्फ्0ब्0 हावड़ा दिल्ली जनता छह घंटा

क्भ्ब्8फ् सिक्किम महानंदा आठ घंटा

क्भ्म्फ्ख् गुवाहाटी बारमेर तीन घंटा

क्ब्ख्क्8 ऊंचाहार एक्सप्रेस तीन घंटा

ख्ख्ब्ब्ख् इंटरसिटी एक्सप्रेस पौने तीन घंटा

संडे को अचानक कैंसिल की गई ये ट्रेनें

- फ्007 उद्यान आभा एक्सप्रेस संडे को इलाहाबाद नहीं आई

- फ्008 उद्यान आभा एक्सप्रेस ख्ब् को इलाहाबाद नहीं आएगी

- भ्ब्क्0भ् इलाहाबाद से मुगलसराय और

- भ्ब्क्0म् मुगलसराय से इलाहाबाद पैसेंजर संडे को कैंसिल रही

- भ्क्क्89 इलाहाबाद से इटारसी और

- भ्क्क्90 इटारसी से इलाहाबाद पैसेंजर संडे को कैंसिल रही

- क्ब्ख्09 लखनऊ से विंध्याचल इंटरसिटी एक्सप्रेस इलाहाबाद से ही लौट गई विंध्याचल नहीं गई

छह घंटे तक खड़ी रहीं दर्जनों ट्रेनें

- फतेहपुर के करबिगवां स्टेशन के पास सैटरडे की शाम को मालगाड़ी के पैंट्रो में फंसकर ओएचई तार टूट गई थी। जिससे प्रयागराज एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, रीवांचल एक्सप्रेस, शिवगंगा, पुरुषोत्तम, ब्रह्मापुत्र मेल, महाबोधि, सीमांचल, पूर्वा, दिल्ली जनता, लिच्छवी, दूरंतों के साथ ही करीब डेढ़ दर्जन मालगाडि़यां छह घंटे के लिए खड़ी हो गई थी। छह घंटे तक हजारों पैसेंजर्स परेशान हुए थे। रात में साढ़े ग्यारह बजे के बाद ट्रेनें चली, लेकिन ट्रेनों के लोड के कारण ट्रेन और लेट हुई।