प्रयागराज (ब्यूरो)एमएलएन मेडिकल कॉलेज की पूर्व रिसर्च अधिकारी डॉ। शांति चौधरी की स्वास्थ्य संबंधी पांच पुस्तकों का विमोचन मंगलवार को हिंदुस्तानी अकादमी में किया गया। दीप प्रज्जवलन एवं आकाशवाणी के निदेशक लोकेश शुक्ल द्वारा सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। मुख्य अतिथि पदमश्री डा राज बवेजा ने पोषण, कार्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, हमारी आँखे और हमारी त्वचा विषय पर इन पुस्तकों के प्रकाशन पर डा शांति को बधाई दी। अपने स्वागत भाषण में हिंदुस्तानी एकेडमी के सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि चिकित्सा जगत एवं साहित्य जगत के समन्वय से प्रकाशित ये पुस्तकें हिन्दी साहित्य के लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रो (डा) जी एस तोमर ने बताया कि हम सबसे पहले भारतीय हैं इसके बाद अलग अलग विधाओं के चिकित्सक हैं। इसलिए हमें भारतीय चिकित्सा विधा पर गर्व होना चाहिए। आयुर्वेद जीवन जीने का विज्ञान है जो स्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ बनाये रखने पर जोर देता है। डा शांति चौधरी ने इन किताबों को लिखने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि समय पर सही डायग्नोसिस न होने पर एक कुशल चिकित्सक के लिए मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। मेरे द्वारा हिन्दी भाषा मे प्रकाशित ये पुस्तकें लोगों में ये जानकारी अवश्य देंगी कि उनके शरीर मे कुछ असमानताएँ हैं जिसके लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क किया जा सके।