प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आरओ, एआरओ का पेपर लीक हुआ था। छात्रों के इस आरोप को लोक सेवा आयोग ने मान लिया है। इसके बाद लोक सेवा आयोग के सचिव ने सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया है। केस अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया गया है। सिविल लाइंस पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस कार्रवाई में आयोग ने लेटलतीफी क्यों किया इस पर सवाल उठना लाजमी है। केस सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, धोखाधड़ी, कूटरचना, आईटी एक्ट की धाराओं में दर्ज की गई है।

ये है पेपर लीक मामला
आरओ, एआरओ का पेपर 11 फरवरी को हुआ था। प्रथम पाली की परीक्षा समाप्त नहीं हुई थी। इसके पहले ही प्रथम पाली के एक पेपर का हल वायरल होने लगा। इसके बाद दूसरी पाली का भी पेपर वायरल हुआ। जबकि दूसरी पाली का भी पेपर समाप्त नहीं हुआ था। इसके बाद पेपर लीक होने का हल्ला मच गया। मगर लोक सेवा आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया।

12 फरवरी को शुरू हो गया विरोध
परीक्षा के दूसरे दिन 12 फरवरी से प्रतियोगी छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए आंदोलन शुरू कर दिया। इसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर छात्र अपना विरोध दर्ज कराते रहे। सैकड़ों छात्रों ने लोक सेवा आयोग गेट घेरा। सैकड़ों छात्रों ने सिविल लाइंस धरना स्थल पर अनशन शुरू कर दिया।

2 मार्च को रद की गई परीक्षा
19 दिन चले आंदोलन, धरना प्रदर्शन के बाद दो मार्च को परीक्षा रद करने की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री योगी ने अपने एक्स हैंडल पर पेपर को रद किए जाने की आधिकारिक घोषणा की। इसके बाद छात्रों का आंदोलन समाप्त हुआ।

छात्रों के ई मेल से बना दबाव
छात्रों के विरोध को देखते हुए आयोग ने एक आंतरिक कमेटी जांच के लिए बनाई थी। इस दौरान आयोग ने ई मेल से शिकायत दर्ज कराने की बात कही थी। जिसका असर रहा कि हजारों छात्रों ने आयोग की मेल पर शिकायत भेजी है। आरोप लगाया है कि पेपर लीक किया गया। प्रश्न पत्र का हल वायरल हुआ।

आयोग के सचिव ने दर्ज कराया केस
लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया। तहरीर के मुताबिक प्रथम प्रश्न पत्र सामान्य अध्ययन के 103 प्रश्न और उसके उत्तर जिस पर कोई सीरीज अंकित नहीं है लेकिन बी सीरीज के प्रश्न पत्र से मेल खाते हैं, और द्वितीय प्रश्न पत्र हिन्दी के पेपर के 25 प्रश्न व उसके उत्तर जिस पर कोई सीरीज अंकित नहीं है मगर सी सीरीज के प्रश्न पत्र से मेल खाते हैं। 11 फरवरी को परीक्षा समय पूर्व सावर्जनिक होने की सूचना समाचार पत्रों व सोशल
मीडिया के माध्यम से संज्ञान में लाई गई है। इस संबंध में आयोग के ई मेल पर अब तक प्राप्त प्रत्यावेदन साक्ष्य से प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि कि द्वितीय प्रश्न पत्र के प्रश्न और उत्तर 11 फरवरी को परीक्षा शुरू होने के पूर्व सावर्जनिक होने के तथ्य स्पष्ट होते हैं। प्रथम प्रश्न पत्र के प्रश्न और उत्तर भी सावर्जनिक होने के साक्ष्य मिले हैं। जिसका तकनीकि सत्यापन व प्रकरण की गहन विवेचना, उसमें शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना आवश्यक है।

लोक सेवा आयोग के सचिव की तहरीर पर आरओ, एआरओ पेपर लीक प्रकरण के संबंध में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
श्वेताभ पांडेय, एसीपी सिविल लाइंस