प्रयागराज ब्यूरो । देश के सबसे पुराने प्रांतीय लोक सेवा आयोगों में से एक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के लिए अब बहुमंजिला भवन का खाका तैयार किया गया है। पुराने परिसर के कुछ भवनों को गिराकर 11 मंजिला भवन बनेगा। इसका नक्शा आयोग ने शासन को भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नया भवन आधुनिक संसाधनों और इलेक्ट्रानिक सिक्योरिटी से युक्त होगा। निर्माण पर करीब 112 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 18 महीने में इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। आयोग का प्रयास है कि 2025 तक यह तैयार हो जाय।
आफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल गिराया नहीं जाएगा
संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) की राजधानी 1904 से 1949 तक इलाहाबाद (प्रयागराज) में थी। उसी दौरान एक अप्रैल 1937 को प्रांतीय लोक सेवा आयोग का गठन हुआ था और सचिवालय भवन (पत्थर बिल्डिंग) के ब्लाक चार में सरोजनी नायडू मार्ग पर मुख्यालय बना। 1949-50 में आयोग को कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल परिसर में स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में यही आयोग का परिसर है। पूर्व परिसर सचिवालय भवन में बाद में राजस्व निदेशालय और पुलिस मुख्यालय बना। अब यह दोनों विभाग लखनऊ स्थानांतरित कर दिए गए और राजस्व निदेशालय की कोर्ट यहां चलती है। आयोग के वर्तमान परिसर के करीब 2300 वर्गमीटर में 11 मंजिला भवन बनाने का नक्शा तैयार किया गया है। इसके निर्माण के लिए यमुना भवन और उसके आसपास के कुछ भवनों को गिराया जाएगा, जबकि चेयरमैन भवन और आफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल परिसर को नहीं गिराया जाएगा। नए भवन में अंडरग्राउंड पार्किंग होगी। उसमें चेयरमैन, सदस्यों और सभी अधिकारियों के हाईटेक कार्यालय होंगे। गोपनीय विभाग ऊपरी मंजिल पर होगा। भूतल पर आदि शंकराचार्य की प्रतिमा लगाई जाएगी। आयोग के चेयरमैन संजय श्रीनेत ने बताया कि भवन भूकंपरोधी होगा। सभी कमरों में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जिससे अधिकारियों को काम करने में सुगमता होगी।

इंटरव्यू के लिए सेपरेट कमरे
अब तक सदस्यों के कमरे में ही साक्षात्कार होता था। नए भवन में साक्षात्कार के लिए द्वितीय तल पर आठ कमरे होंगे। हर साक्षात्कार में कम से कम दो सदस्य और दो विषय विशेषज्ञ होंगे। पूरा परिसर सीसीटीवी की निगरानी में रहेगा। प्रवेश के लिए बायोमेट्रिक अनिवार्य होगा। द्वितीय तल पर परीक्षा हाल बनेगा। इसमें एक साथ करीब 700 परीक्षार्थी बैठ सकेंगे। करीब इतनी ही क्षमता का परीक्षा हाल पुराने भवन में हैं। लखनऊ शिविर कार्यालय और प्रयागराज को मिलाकर करीब चार हजार की क्षमता के परीक्षा हाल हो जाएंगे, तब पीसीएस मुख्य परीक्षा अपने परिसर में ही करा सकेंगे। इसके अलावा कंप्यूटर टाइपिंग परीक्षा के लिए भी दो हाल बनेंगे। प्रत्येक हाल में 50-50 कंप्यूटर उपलब्ध रहेंगे।

यह होंगी सुविधाएं
भूतल में दो मल्टीपर्पज हाल और दो कंप्यूटर परीक्षा हाल होंगे। प्रथम तल पर पूछताछ, टेलीफोन एक्सचेंज, प्रमाणपत्र जांच केंद्र, फायर कंट्रोल रूम, कैफेटेरिया और फोटोकापी रूम होंगे। द्वितीय तल पर साक्षात्कार रूम, परीक्षा हाल और परीक्षार्थियों के लिए प्रतीक्षालय होगा। बेसमेंट में 41 कार, 292 बाइक आदि की पार्किंग होगी।