ऑपरेशन के बाद प्राइवेट लैब की रिपोर्ट ने बताया था पॉजिटिव
एसआरएन में शिफ्ट होने के बाद महिला का सैंपल दूसरी बार प्राइवेट में चेक कराया तो रिपोर्ट आयी निगेटिव
सूचना के बाद भी महिला को एसआरएन के कोरोना वार्ड में रखने पर उठे सवाल
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सरकार की तरफ से अधिकृत दो डायग्नोस्टिक लैब की रिपोर्ट ने चार दिन पहले ऑपरेशन से मां बनी महिला के सामने ऐसा चक्रव्यू रच दिया है, जिससे निकलना उसके साथ उसके बच्चे के लिए चैलेंज हो गया है। एक डायग्नोस्टिक सेंटर ने जांच रिपोर्ट को पॉजिटिव बता दिया तो उसे एसआरएन के कोरोना वार्ड में रख दिया गया है। जबकि दूसरे डायग्नोस्टिक सेंटर ने रिपोर्ट निगेटिव जारी कर दी है। इससे प्राइवेट एजेंसियों को कोरोना जांच के लिए अधिकृत किया जाना ही सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है। सुकून इस परिवार के लिए सिर्फ इतना है कि नवजात के साथ उसके पिता का सैंपल गवर्नमेंट एजेंसी के जरिये भेजा गया था और उसकी रिपोर्ट निगेटिव है।
रेलवे इम्प्लाई की पत्नी है महिला
इस महिला का नाम शालिनी और उम्र करीब 32 साल है
प्रेग्नेंट होने पर उसे डिलीवरी के लिए रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था
यहां के डॉक्टर्स ने महिला को हालत बिगड़ने पर शकुंतला हॉस्पिटल रिफर कर दिया
21 तारीख को भर्ती हुई महिला का सैंपल 22 को कोर डायग्नोस्टिक कोरोना जांच के लिए भेजा गया
वर्तमान में बिना कोराना जांच के कोई आपरेशन किये जाने पर रोक है
जांच के लिए सैंपल सभी हॉस्पिटल कोर डायग्नोस्टिक को ही भेज रहे हैं
कोर डायग्नोस्टिक से रिपोर्ट आने में देरी हुई तो डॉक्टर्स ने आपरेशन से डिलीवरी करा दी
23 की शाम रिपोर्ट में बताया गया कि महिला कोरोना पॉजिटिव है
इसके बाद महिला को एसआरएन के कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया
महिला का आपरेशन करने वाले सभी स्टॉफ को होम क्वारंटीन कर दिया गया
प्राइवेट हॉस्पिटल शकुंतला में ओपीडी बंद करा दी गयी
दो दिन में बदल गयी कहानी
प्राइवेट अस्पताल ने एसआरएन शिफ्ट होने से पहले उसका एक और सैंपल ले लिया
इस सैंपल को भी गवर्नमेंट जांच एजेंसी एसआरएल डायग्नोस्टिक को निजी खर्च पर भेजा गया
25 को सैंपल की रिपोर्ट आयी तो पता चला कि महिला कोरोना निगेटिव है
इस रिपोर्ट से एसआरएन प्रबंधन को अवगत करा दिया गया
महिला को एसआरएन हॉस्पिटल के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया है। नियमानुसार उसकी जांच 12 दिन बाद कराई जाएगी। उसके पति ओर नवजात की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
-प्रो। एसपी सिंह
प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज
पहली जांच कोर डायग्नोस्टिक में 23 को करायी गयी थी। रिपोर्ट में महिला को कोरोना पॉजिटिव बताया गया। दूसरी एसआरएल डायग्नोस्टिक में 25 को करायी गयी। इसकी रिपोर्ट निगेटिव है। मैनें इसकी पूरी जानकारी सीएमओ समेत मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को दे दी है। इस स्थिति में महिला को कोरोना वार्ड में भर्ती कराना ठीक नही है।
डॉ। अनुपम जायसवाल
डायरेक्टर, शकुंतला हॉस्पिटल