प्रयागराज ब्यूरो । शिवकुटी के एरिया के रहने वाले एक डॉक्टर की डेंगू से मौत हो गई। उनका लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। बीमारी के कारण उनके मल्टी आर्गन फेल हो गए थे। यही उनकी मौत का कारण बन गया। उधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी एलाइजा जांच नही हुई थी, इसलिए इनकी डेंगू से मौत की पुष्टि नही की जा सकती है। हालांकि डॉक्टर का नाम यूडीएसपी पोर्टल पर चढ़ा हुआ था। उनकी एनएसवन जांच हुई थी जिसका रिजल्ट पाजिटिव आया था।

२० सितंबर को कराया गया भर्ती

डॉ। देवेंद्र नाथ त्रिपाठी शिवकुटी के रहने वाले थे। तेज बुखार और बदन दर्द के चलते उन्हें २० सितंबर को रामबाग के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खून की जांच में उनकी एनएसवन जांच रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई। ऐसे में उनका नाम शासन के यूडीएसपी पोर्टल पर चढ़ा दिया गया था। स्थिति अधिक खराब होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर भर्ती किया गया। हालत में सुधार नही होने पर २२ सितंबर को परिजनों ने मरीज को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान २३ सितंबर की शााम उनकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह का कहना है कि मरीज की एलाइजा जांच नही होने की वजह से इसे सस्पेक्टेड डेंगू केस माना जाएगा।

हर जगह डेंगू दे रहा दस्तक

धीरे धीरे डेंगू रफ्तार पकड़ रहा है। अब तक उसके १०८ मरीज हो चुके हैं। रविवार को एक और मरीज जांच में पाजिटिव पाया गया है। यह केस झूंसी का है। वर्तमान में ६ मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और दो का इलाज घर पर चल रहा है। सरकारी आदेश के मुताबिक एनएसवन जांच वाले मरीजों का रिकार्ड भी पोर्टल पर लोड किया जा रहा है। इस जांच वाले मरीजों की संख्या काफी अधिक हो चुकी है, हालांकि इन्हे सस्पेक्टेड मरीजों की श्रेणी में रखा जा रहा है। शहर के लोगों का कहना है कि डेंगू फैलने के बावजूद कही भी फागिंग नजर नही आ रही है। इसकी वजह से बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

निजी अस्पतालों को आदेश दिया गया है कि वह मरीज की एनएसवन जांच की जानकारी स्वासथ्य विभाग को उपलब्ध कराएंगे। इसका रिकार्ड पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। मरीज के निवास के आसपास के एरिया में फागिंग और एंटी लार्वा छिड़काव कराया जा रहा है।

डॉ। आशु पांडेय, सीएमओ प्रयागराज