1992 से अब तक के फर्जीवाड़े को रखा गया है केन्द्र में
जमीनो को कब्जाने, उनका स्वरूप बदलने और मनमाने तरीके से बेचने का है मामला
ALLAHABAD: सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस (पूर्व में एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट) के वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारियों ने जमीनो पर कब्जा करके करोड़ों रुपये की सम्पत्ति कमायी। इनके खिलाफ प्रदेश सरकार ने जांच करवाई तो शुआट्स के लाल ब्रदर्स का पर्दाफाश होता चला गया। करेंट में लाल ब्रदर्स और उनका परिवार अपनी करनी के चलते कानून की गिरफ्त में है। उधर, जिला प्रशासन ने सरकार से एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के खिलाफ कैग, ईडी, सीबीआई और टैक्स डिपार्टमेंट से जांच की मांग की है। जिससे काले कारनामों की पूरी हकीकत खुलकर सामने आ सके।
लपेटे में बॉस का पूरा परिवार
एसडीएम करछना राजा गणपति आर की जांच में जो बिन्दु सामने आये हैं। उसकी उम्मीद किसी भी शैक्षिक संस्थान के कर्ताधर्ताओं से नहीं की जा सकती। इनके द्वारा जमीनों को अवैध ढंग से कब्जाने, उनका स्वरुप बदलने और उन्हें मनमाने तरीके से बेचने का संगीन आरोप है। जिला प्रशासन की आरंभिक जांच से साफ है कि भूमि घोटाले के विलेन शुआट्स के बॉस प्रो। आरबी लाल, उनके भाई प्रो। विनोद बी। लाल, भाई प्रो। एसबी लाल, पत्नी सुधा लाल, बेटे, बहु आदि हैं। इनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के लिए वर्ष 1992 से अब तक के घोटाले को मुख्य तौर पर केन्द्र में रखा गया है।
जांच के दायरे में आने वाली मुख्य जमीने
200.53 एकड़ भूमि मौजा महेवा पूरब पट्टी उपरहार
53.275 एकड़ भूमि मौजा इंदलपुर
02 बीघा 01 बिस्वा भूमि मौजा अभयचन्दपुर
02 बीघा 09 बिस्वा भूमि मौजा डांडी
75.5 बीघा भूमि मौजा महेवा
3.5 बीघा भूमि मौजा काजीपुर
42.6 एकड़ भूमि मौजा अभयचंदपुर जिसमें नेत्रहीन संस्थान स्थापित है।
यीशू दरबार की 26 बीघा जमीन
जांच के ये होंगे आधार
भूमि अधिग्रहण कानून को ताक पर रखकर मालिकाना हक बदलना।
जमीनो को मनमाने ढंग से औने पौने दाम पर बेचना।
राजस्व के कानूनों का खुला उल्लंघन।
फर्जी तरीके से सोसाइटी बनाकर कृत्य को अंजाम देना लेना।
इलाहाबाद हाईकोर्ट समेत अन्य न्यायालयों में फर्जी तरीके से मुकदमे दाखिल करना।