-सरकार को लगे न लगे, लेकिन पब्लिक को लगा तगड़ा झटका

-बैंक बंद होने से 350 करोड़ का नुकसान

-बसों के न चलने से 50 से 70 हजार लोग नहीं कर सके सफर

-वर्कशॉप में खड़ी रहीं 195 बसें

-कानपुर, लखनऊ और गोरखपुर-वाराणसी रूट पर नहीं चली बस

ALLAHABAD: बुधवार को जब लखनऊ-वाराणसी-गोरखपुर और कानपुर रोड पर दौड़ने वाली बसें वर्कशॉप में खड़ी रहीं। रोजाना करोड़ों का ट्रंाजेक्शन करने वाले बैंकों में लेन-देन बंद रहा। एटीएम भी जवाब दे गए और एक घंटे के लिए ऑटो नहीं चले। वहीं, कुछ पेट्रोल पंपों पर पब्लिक को पेट्रोल नहीं मिला। कर्मचारियों का देशव्यापी आंदोलन सरकार को हिलाने और झुकाने के लिए था। अब सरकार हिले या नहीं, लेकिन कर्मचारियों के आंदोलन और एक दिवसीय हड़ताल का पब्लिक पर जोरदार झटका लगा।

नहीं चली 195 बसें

केंद्र सरकार द्वारा रोड सेफ्टी बिल 2014 लागू किए जाने और उसमें शामिल नियमों के विरोध में रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बिल में संशोधन की मांग को लेकर कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से बुधवार को सिविल लाइंस, प्रयाग और लीडर रोड डिपो के करीब 195 बस वर्कशॉप में ही खड़े रहीं, जिन पर पर डे करीब 50 से 70 हजार लोग सफर करते हैं।

एक घंटे नहीं चले ऑटो

इलाहाबाद टेंपो विक्रम टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन ने भी हड़ताल का समर्थन किया। एक घंटे तक हड़ताल जारी रखा। साढ़े 12 से डेढ़ बजे तक कचहरी से स्टेशन, स्टेशन से रामबाग, दारागंज के साथ ही किसी भी रोड पर ऑटो नहीं चले। एक घंटे तक ऑटो संचालन ठप करने के साथ ही ड्राइवर्स ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया।

कई पंपों पर नहीं मिला पेट्रोल

हड़ताल में टैंकर ड्राईवर्स के भी शामिल होने से सिटी के करीब एक दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों पर टैंकर नहीं पहुंचे, जिससे पंप खाली हो गए। कुछ पेट्रोल पंप तो मंगलवार की रात में ही खाली हो गए थे। टैंकरों के न चलने और पेट्रोल न पहुंचने से गुरुवार को भी क्राइसेस बनी रहेगी।

बैंक कर्मियों ने बंद कराए प्राइवेट बैंक

भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं बुधवार को बंद रहे। कहीं भी काम नहीं हुआ, जिसकी वजह से सिटी के इकोनॉमिकल स्ट्रक्चर को जबर्दस्त झटका लगा। करीब 350 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन इफेक्टेड हुआ। सिविल लाइंस स्थित पीएनबी बैंक के बाहर यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के नेतृत्व में बैंक कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया। प्राइवेट बैंक खुले हुए थे, जिसका बैंक कर्मियों ने विरोध किया। सिविल लाइंस एरिया में स्थित प्राइवेट बैंक की शाखाओं को बंद कराया गया।

डिपो पर पसरा रहा सन्नाटावर्कशॉप में खड़ी रही बसें

1. सिविल लाइंस डिपो- 80 बस

-20 हजार पैसेंजर्स नहीं कर सके ट्रेवल

-बनारस और गोरखपुर रूट पर निकलती हैं सिविल लाइंस डिपो की बसें

2. प्रयाग बस डिपो- 60 बस

-जिससे करीब 15000 लोग नहीं कर सके सफर

-फैजाबाद और लखनऊ रूट पर चलती हैं प्रयाग डिपो की बसें

3. लीडर रोड बस डिपो- 55 बसें

-जिससे पर डे करीब 13 हजार 750 पैसेंजर्स करते हैं ट्रैवलिंग

-कानपुर और महेवाघाट रोड पर चलती हैं लीडर रोड डिपो की बसें

नोट- यूपी रोडवेज की एक बस से रोजाना करीब 250 पैसेंजर्स के सफर करने का मानक निर्धारित है। 195 बस न चलने से करीब साढ़े 48 हजार पैसेंजर्स सफर नहीं कर सके।

कर्मचारियों की मांगें

- 44 श्रम कानूनों की जगह चार श्रम कानून किए जाने का विरोध

- नौकरी से हटाए जाने के दौरान तीन महीने का नोटिस दिया जाए

- श्रम कानूनों में किए गए मनमाने संशोधन वापस लिए जाएं

- रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल 2015 में ड्राइवरों के खिलाफ ज्यादा सख्ती का विरोध

- निजी क्षेत्र के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस और संचालन का अधिकार देने का विरोध

- केंद्र व राज्य सरकार के विभागों में संविदा पर भर्ती का विरोध और नियमित भर्ती की मांग

यह संगठन रहे हड़ताल पर

-उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ

-एटक

-इंडियन ऑयल कारपोरेशन पाइप लाइंस वर्कर्स यूनियन

-नॉर्थ सेंट्रल रेलवे इम्प्लाईज संघ

-यूपी बैंक इम्पलाईज यूनियन

-राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ

-सेतु निगम कर्मचारी संघ

-राजकीय निर्माण निगम

-लाल झंडा मजदूर यूनियन

ये कार्यालय रहे प्रभावित

-विकास भवन

-लोक निर्माण विभाग

-डाक विभाग

-बीएसएनएल

-जल संस्थान

-भारतीय जीवन बीमा निगम

रोड सेफ्टी बिल 2014 के ये हैं प्रोविजन, जिनका हो रहा है विरोध

-सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर ड्राइवर को तीन लाख रूपए का जुर्माना और सात साल की जेल भुगतनी होगी।

-अगर कोई स्कूल बस या बच्चों को ले जा रहा वाहन खतरनाक तरीके से या तेज रफ्तार से चलता हुआ मिला तो ड्राइवर का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और साथ ही उसे 15000 रुपए का जुर्माना और जेल भुगतनी होगी।

-नये नियम में जल्द ही लाल बत्ती पार करने, सड़क की गलत साइड गाड़ी चलाने, सीट बेल्ट न पहनने और इमरजेंसी गाड़ी जैसे की एंबुलेंस का रास्ता रोकने पर 5000 रुपए का भारी जुर्माना देना पड़ सकता है और अगर गलती दोहराई तो 10000 रुपए से 15000 रुपए जुर्माने के साथ ही आपका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

-हेलमेट न पहनने पर 2500 रुपए, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने पर 4000 रुपए जुर्माना लगेगा। इन गलतियों को दोहराने पर 10000 रुपए तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।

-नशे में गाड़ी चलाने वालों पर भी 15,000 रुपए से 50,000 रुपए तक का भारी जुर्माना लगेगा

-पांच साल पर कारों व दोपहिया वाहनों का रोड वर्दीनेस टेस्ट

-शराब पीकर स्कूल बस चलाने पर 50 हजार जुर्माना, तीन साल की कैद

- तीसरी बार लालबत्ती पार की तो भरना पड़ेगा 15 हजार जुर्माना

- त्रुटिपूर्ण वाहनों का अनिवार्य रीकॉल, निर्माता पर पांच लाख जुर्माना

-दुर्घटना पीडि़तों को तत्काल मदद के लिए मोटर दुर्घटना कोष बनेगा