-फर्जी बाबाओं पर सरकार की कार्रवाई ना होने से बढ़ा आक्रोश

-परिषद की बैठक में फर्जी बाबाओं को नहीं घुसने देने का लिया संकल्प

ALLAHABAD: देश भर में भगवा चोला पहनकर जनमानस को भ्रमित करने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने से संत-महात्माओं का आक्रोश बढ़ गया है। खासतौर से संगम की रेती पर अगले साल लगने जा रहे कुंभ मेला में एक भी फर्जी बाबा को एंट्री नहीं देना तय किया गया है। इसके लिए सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से चौथी लिस्ट जारी होने के बाद सभी तेरह अखाड़ों के संत-महात्माओं ने 21 फर्जी बाबाओं व उनके नाम पर शिविर लगाने वालों को मेला क्षेत्र में नहीं घुसने देने का संकल्प लिया। वहीं शासन स्तर से भी उन बाबाओं पर शिकंजा कसने के लिए परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि पीएम नरेन्द्र मोदी से अपील करेंगे।

आक्रोश की मुख्य वजह

-माघ मेले के दौरान आचार्य कुशमुनि और ओम नम: शिवाय बाबा लगातार सक्रिय थे। जबकि दोनों फर्जी बाबा घोषित किए जा चुके हैं।

-सितम्बर महीने में पहली लिस्ट जारी की गई थी। प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक फर्जी बाबाओं की लिस्ट के अनुसार कार्रवाई नहीं की गई।

वर्जन

परिषद लगातार सनातन संस्कृति को बचाने के लिए प्रयास कर रहा है। इसीलिए फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की गई लेकिन उन लोगों को रोकने का काम शासन को करना चाहिए था।

-महंत प्रेम गिरि, जूना अखाड़ा

दूसरी लिस्ट पिछले साल दिसम्बर महीने में घोषित की गई थी। उस समय सरकार से मांग की गई थी कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की। फिर भी कई लोग मेले में अपना शिविर लगाए थे।

-महंत आशीष गिरि, निरंजनी अखाड़ा

अखाड़ा परिषद का काम सिर्फ ऐसे लोगों से जनमानस को सावधान करने का है। हर बैठक में फर्जी नाम उजागर किया गया है। सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए।

-महंत गिरिजानंद सरस्वती, नया उदासीन अखाड़ा

हम लोगों ने फर्जी बाबाओं को कुंभ में नहीं घुसने देने का संकल्प लिया है। सरकार जब इतना भव्य आयोजन करने जा रही है तो उन लोगों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि मेले की गरिमा को बचाया जाए।

-महंत व्यास मुनि, पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा

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बॉक्स

परिषद की बैठक में पारित हुए प्रस्ताव

एक : जिन अखाड़ों के सामने सार्वजनिक रूप से अतिक्रमण करके रखा गया है। उसे जिला प्रशासन की ओर से तत्काल हटाने का काम किया जाना चाहिए।

दो : कुंभ मेला में पेशवाई का अपना महत्व है। अखाड़ों के पेशवाई मार्ग को सुचारू रूप से ठीक कराया जाए। इन मार्गो पर बिजली के तार ऊंचे किए जाएं।

तीन : शक्तिपीठ मां अ लो प शंकरी के अंदर व बाहर बहुत ज्यादा अतिक्रमण किया गया है। इसलिए पुलिस प्रशासन तत्काल अतिक्रमण को हटाने का काम शुरू करे।

चार : पंचकोशी परिक्रमा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और साधु संतों के माध्यम से कराने की व्यवस्था की जाए।

पांच : नया उदासीन अखाड़े के अंदर माया प्रेस जर्जर अवस्था में है। जिसका कई बार निरीक्षण हो चुका है। नगर निगम जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में दे।

छह : बड़ा उदासीन अखाड़ा की जगह में प्राइमरी स्कूल चल रहा था जो अब खाली पड़ा है। शासन व स्थानीय प्रशासन उस जगह को अखाड़ा को दिलाए।