प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आखिरकार प्रतियोगी छात्र जीत गए और नकल माफिया हार गए। ये जीत छात्रों के आंदोलन की है। उनके धैर्य, उनके विश्वास, उनके शांतिपूर्ण रवैये की है। सैकड़ों छात्र लगातार आंदोलन चलाकर पेपर रद करने की मांग कर रहे हैं। आरओ, एआरओ पेपर लीक प्रकरण में प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। प्रदेश सरकार ने आरओ, एआरओ का पेपर रद कर दिया है। छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए आंदोलन चला रखा था। जिस पर यहां से भेजी गई रिपोर्टों के आधार पर प्रदेश सरकार ने परीक्षा का निरस्त कर देने की घोषणा की है। सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल से यह सूचना जारी की है। परीक्षा रद होने से आंदोलन में शामिल छात्रों में उत्साह है। छात्रों का कहना है कि देर से ही सही सरकार ने छात्रों के हित में फैसला लिया है।

11 फरवरी को हुई थी परीक्षा
समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा 11 फरवरी को हुई थी। प्रथम पाली की परीक्षा चल रही थी तभी पेपर लीक हो गया। पेपर का हल वायरल होने लगा। प्रथम पाली की परीक्षा देकर छात्र सेंटर से बाहर निकले तो उन्हें इसकी जानकारी हुई। छात्रों को लगा कि पेपर निरस्त कर दिया जाएगा, मगर दूसरी पाली की भी परीक्षा हुई। शाम को जब पेपर देकर खाली हुए तो पेपर लीक प्रकरण पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। दूसरे दिन से छात्र परीक्षा रद करने की मांग उठाने लगे। छात्रों ने आंदोलन का रुख कर लिया।

आयोग ने बनाई जांच कमेटी
छात्रों की मांग को देखते हुए लोक सेवा आयोग ने एक आंतरिक जांच कमेटी का गठन कर दिया.् साथ ही एसटीएफ को भी जांच सौंप दी गई। मगर छात्र परीक्षा रद कर देने की मांग पर अड़ गए। मगर आयोग जांच कराने का आश्वासन देता रहा।


आयोग गेट को चार दिन घेरा
आंदोलन के मूड में आए प्रतियोगी छात्रों ने चार दिन तक लोक सेवा आयोग गेट को घेरा। रोज छात्र आयोग गेट पर पहुंच रहे थे। मगर वहां पर आयोग ने बात नहीं सुनी। इसके बाद छात्र सिविल लाइंस पत्थर गिरिजा घर धरना स्थल पर पहुंच गए। वहां पर छात्र लगातार धरना दिए हुए थे। धरना स्थल से रोज गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही थी। आखिरकर छात्रों की मांग मान ली गई, पेपर रद कर दिया गया।

सीएम ने एक्स पर किया पोस्ट
सीएम योगी ने अपनी पोस्ट में लिखा है, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी को आयोजित समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा 2023 को निरस्त करने तथा आगामी छह माह में इसे पुन: कराने के आदेश दिए गए हैं।
परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी दश में बख्शा नहीं जाएगा।
युवाओं के दोषियों को ऐसी सजा दिलाएंगे, जो नजीर बन जाएगी।

आरओ, एआरओ पेपर रद करने का फैसला सराहनीय है। छात्रों को आंदोलन के लिए बधाई। सरकार ने छात्र हित में संवेदनशील फैसला लिया है। सरकार को आगे सख्ती से परीक्षा करानी चाहिए। ताकि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न हो।
अनिल सिंह, अध्यक्ष युवा मंच

छात्रों की मांग मानी गई। पेपर लीक हुआ। सरकार को पहले ही मांग मान लेनी चाहिए थी। आयोग को अपनी कार्यशैली में बदलाव करना होगा। ताकि उसकी प्रतिष्ठा छात्रों के बीच बनी रहे।
कौशल सिंह, भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा

जो नजीर बन जाएगी
सीएम योगी की इस पोस्ट पर तमाम कमेंट आ रहे हैं। कमेंट करने वाले अधिकतर यही बात कह रहे हैं कि आगे से पेपर लीक न हो।

- छात्रों के हित में फैसला लेने के लिए शुक्रिया। छह महीने बाद भी ऐसी स्थिति न आए इसके लिए कार्रवाई तो नजीर वाली ही करनी होगी। - रक्षा

- आप एक संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं, आपने फिर से एक बार साबित किया है। सुनील विश्नोई


पुलिस भर्ती के बाद अब आरओ, एआरओ परीक्षा भी निरस्त हुई है। दोषियों पर बुलडोजर कब चलेगा, संपत्ति कब जब्त होगी। प्रवीण कुमार


लेकिन मुख्यमंत्री जी सारे माफिया और अराजक तत्व तो प्रदेश छोड़ के चले गए थे। फिर ये पेपर कैसे लीक हो जा रहा है। सात साल शासन में रहने के बाद भी आप एक पेपर तक ढंग से नहीं करवा पा रहे हैं, ये सरकार की नाकामी है। झोला छाप फकीर

मुख्यमंत्री जी ये कब सुनिश्चित होगा कि पेपर लीक ही न हो। विपिन पटेल

पीसीएस को आगे बढ़ाने के लिए क्या किया जाएगा। खुरपेंच


सात सालों में एक भी एग्जाम बिना नकल ओर धांधली न करा पाए और हर बार यही डायलाग होता है, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। रवीश


छात्रा ने पेपर लीक का भेजा साक्ष्य छात्रा का दावा, उसके मोबाइल पर आया हल

आरओ, एआरओ पेपर लीक प्रकरण में एक छात्रा ने साक्ष्य सहित अपना शपथ पत्र लोक सेवा आयोग को भेजा है। जिसमें छात्रा ने दावा किया है कि उसके व्हाट्स एप पर पेपर की हल कापी आई थी। छात्रों ने भेजे गए साक्ष्य के साथ पेपर को रद करने की मांग की है।
11 फरवरी को आरओ, एआरओ पेपर हुआ था। इस दौरान प्रथम पाली का पेपर लीक हो गया। इस मसले पर छात्रों ने आंदोलन शुरु किया तो आयोग ने साक्ष्य मांगा। इस क्रम में एक छात्रा ने साक्ष्य भेजा है। साक्ष्य के साथ भेजे गए शपथ पत्र में छात्रा ने दावा किया है कि उसके मोबाइल नंबर पर पेपर की हल कापी भेजी गई है। छात्रा ने अपना मोबाइल नंबर भी दिया है।