टीजीटी परीक्षा में दूसरे दिन भी सामने आयी गड़बड़ी

टीजीटी कला और संस्कृत विषय के पेपर में मिलीं खामियां

ALLAHABAD: एक तो लंबे इंतजार के बाद परीक्षा शुरू की है उस पर खामियों की झड़ी लगा दी है। टीजीटी-पीजीटी 2011 का ऐसा ही हाल है। माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की लापरवाही के चलते क्वेश्चन पेपर में तरह-तरह की गड़बडि़यां सामने आ रही हैं। बुधवार को परीक्षा के पहले दिन संगीत का पर्चा केंद्र पर नहीं पहुंचा तो संस्कृत के पेपर से एक सवाल ही गायब था। गुरुवार को परीक्षा के दूसरे दिन कई विषयों के क्वेश्चन पेपर में गलतियों की भरमार दिखी। दूसरी पाली की परीक्षा के दौरान कला के पेपर में डी सीरिज के प्रश्न संख्या 18 में कोई विकल्प नहीं दिया गया था। अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत केंद्र व्यवस्थापकों से की तो अधिकारियों को सूचित किया गया। ए सीरिज के पेपर में तीन प्रश्न ऐसे थे, जो एक से अधिक बार रिपीट हुए थे। इसमें प्रश्न संख्या 49 को फिर से प्रश्न संख्या 70 में पूछा गया था। इसी प्रकार प्रश्न संख्या 63 को 85 और प्रश्न संख्या चार को 107 नम्बर प्रश्न पर फिर से पूछा गया था।

संस्कृति में गलत विकल्प

टीजीटी कला की तरह ही संस्कृत विषय के क्वैश्चन पेपर में कई गलतियां देखने को मिलीं। संस्कृत के बी सीरिज के बुकलेट में प्रश्न संख्या 76 में बालक की सप्तमी विभक्ति के बारे में पूछा गया था। जबकि उसके सही आंसर के लिए दिए गए विकल्प में राम के रूप को दर्शाया गया था।

बाक्स-

आलमोस्ट खाली छोड़ा पेपर

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी की परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए कई कदम उठाए थे। इसी क्रम में बोर्ड ने इस बार परीक्षा के दौरान ब्लैंक ओएमआर सीट छोड़ने वाले अभ्यर्थियों के ओएमआर की जांच नहीं करने की व्यवस्था लागू की गई थी। इसके बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों रहे, जिन्होंने सिर्फ दो या तीन प्रश्नों के आंसर लिखकर बाकी प्रश्न को छोड़ दिए।

ऐसे प्रश्नों की जांच कराकर उन्हें बाहर करके मार्किंग की जाएगी। जिससे अभ्यर्थियों को नुकसान ना हो।

हीरा लाल गुप्ता, अध्यक्ष माशिसे चयन बोर्ड

गड़बडि़यों की फेहरिस्त

कला के पेपर में डी सीरिज के प्रश्न संख्या 18 में कोई विकल्प नहीं दिया

ए सीरिज के पेपर में तीन सवाल रिपीट कर पूछे गए

संस्कृत बी सीरिज के पेपर में प्रश्न संख्या 76 में गलत विकल्प दिया