प्रयागराज ब्यूरो । : एक के बाद एक कई त्योहार लोगों के सिर पर है। बावजूद इसके पीडीए रोड चौड़ीकरण के नाम पर लोगों के मकान तोडऩे पर आमादा है। अफसर भवन मालिकों मकानों में निशान लगाकर मकान मालिकों को स्वयं तोडऩे की घुड़की दे चुके हैं। रसूलाबाद व सलोरी से लेकर झूंसी तक कुछ लोग त्योहार की खुशियां भूलकर मकान तोड़वाने को मजबूर हैं। चौड़ीकरण का दायरा कम करने व पर्वों को देखते हुए कार्रवाई रोकने की मांड अफसर सुनने को तैयार नहीं हैं। ऐसी स्थिति में परेशान लोग बीवी व बच्चों संग रोड पर प्रदर्शन एवं धरना के लिए मजबूर हो गए हैं। शनिवार को सलोरी में सैकड़ों लोग परिवार संग मकान बचाओ आंदोलन की शुरुआत किए। इस आंदोलन में सिर्फ महिलाएं व पुरुष ही नहीं छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री सहित डिप्टी सीएम और अफसरों से सभी की मांग थी कि उनकी समस्या पर अमल किया जाय। महंगायी के इस दौर में वह मकान तोड़वा कर बनवाएं या किसी सूरत परिवार पालें? कई ऐसे परिवार हैं जिनका पूरा मकान इस चौड़ीकरण में टूट जाएगा। बीवी व बच्चों संग वे परिवार रोड पर आ जाएंगे।

त्योहार मनाएं कि छत बचाएं?
महाकुंभ के मद्देनजर भाजपा सरकार रोड चौड़ीकरण का निर्देश दे रखी है। अफसरों के द्वारा रोड चौड़ी करने के लिए प्लान तैयार किया गया। इसमें रसूलाबाद, सलोरी में लोगों के मकान को तोडऩे के लिए पीडीए ने निशान लगा दिया है। निशान पर गौर करें तो तमाम ऐसे लोग हैं जिनके मकान का दायरा काफी छोटा है। ऐसे में उनका पूरा मकान इस चौड़ीकरण में चला जाएगा। कुछ ऐसे भी मकान हैं जिनके पास रहने के लायक एक कमरा भी नहीं बचेगा। जिनके पास मकान का कुछ हिस्सा बचेगा भी, घर को तोड़वाकर दोबारा बनाने में उनके लाखों रुपये खर्च हो जाएंगे। इतने पैसों का इंतजाम उनके लिए काफी मुश्किल भरा कार्य है। ऊपर से नवरात्रि व दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व सिर पर हैं। बावजूद इसके कहीं चार तो किसी जगह पांच से छह मीटर तक मकान तोडऩे का निशान पीडीए द्वारा लगाया गया है। निशान लगाकर भवन मालिकों कों विभाग ने घुड़की दी है। कहा है कि वह खुद से मकान तोड़वा दें, नहीं तो जेसीबी लगाकर विभाग तोड़ेगा। सलोरी में प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि अधिकारी उनकी समस्या पर गौर नहीं कर रहे। इन सड़कों का माघ मेला या महाकुंभ रूट से कोई मतलब नहीं है। फिर भी जबरदस्ती लोगों के मकान अधिकारी तोड़वाने व तोडऩे पर आमादा हैं। कहना है कि मकान टूटने से कई परिवारों के सिर से छत छिन जाएगी। साल में एक बार आने वाले त्योहार को भी व सुकून से नहीं मना पाएंगे। कहना है कि नवरात्रि में लोगों के घर नवी की स्थापना व पूजा पाठ करना होता है। फिर भी पीडीए बार-बार कह रहा कि जल्द से जल्द लोग अपने मकान खुद से तोड़वा लें।

मकान को लेकर टेंशन में हैं परिवार
रोड चौड़ी करण के लिए मकानों में लगाए गए निशान से लोगों का पूरा परिवार डिस्टर्ब हो गया है। मकान टूटने की चिंता में बढऩे वाले बच्चे व परिवार की महिलाएं भी काफी चिंतित हैं। सबसे ज्यादा टेंशनाइज माहौल उन परिवारों में है जिनका ठीक से एक रूम भी नहीं बचेगा। परिजनों को परेशान देखकर उनके पाल्य भी काफी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई से टेंशनाइज परिवार को देखकर बच्चों का पढऩे में मन नहीं लग रहा है।

दिल पर पत्थर रख कुछ तोड़ रहे मकान
प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा घरों में निशान लगाकर तोडऩे का अल्टीमेटम देने के बाद त्योहार और नवरात्रि की खुशियां भूलकर कई लोग मकान खुद तोड़वाने लगे हैं। झूंसी के कटका से लेकर रसूलाबाद तक की है। इन इलाकों के लोग कहते हैं कि अधिकारी पर्व तक की भी मोहलत नहीं दे रहे हैं। महाकुंभ व माघ मेला कोई पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी यह मेला लगा है और रोडें ऐसी ही थीं। सलोरी, झूंसी के कटका और रसूलाबाद में माघ मेला व कुंभ की भीड़ कभी नहीं आती और न ही आएगी। रसूलाबाद घाट जाने के लिए तेलियरगंज अवतार टाकी से काफी चौड़ी रोड है। घाट तक जाने का ऑप्शन होने के बावजूद अधिकारी लोगों के सिर से छत छीनने पर आमादा हैं। पाई पाई जोड़कर जिस मकान को लोग बनवाए। आज उसी को तोड़वाने में उनका कलेजा चाक हो रहा है।

आधी से ज्यादा उम्र बीत गई तो किसी तरह एक मकान बनवाया था। इस रोड से महाकुंभ का कोई रास्ता नहीं है। फिर भी निशान लगाकर अधिकारी खुद तोडऩे का अल्टीमेटल दे गए थे। कहे थे कि यदि अपने से नहीं तोड़े तो जेसीबी गिराएगी। फिर पूरा मकान गिर जाएगी। सरकार और अधिकारी गरीबों की मजबूरी व वेदना तो सुनेंगे नहीं। त्योहार नजदीक हैं अब क्या मनाएंगे?
राधेश्याम, कटका झूंसी

यह सिर्फ मकान नहीं हमारे लिए तो पूरी जिंदगी की कमाई है बेटा। किसी तरह से पेट काटकर मकान बनाया था। यह हमीं जानते हैं। महाकुंभ का इस रोड से कोई खास मतलब नहीं है। मगर हमारी बात सुनने व समझने वाला कोई है? सरकार अपना गुणगान कराने के लिए सैकड़ों परिवारों का घर बेवजह उजाडऩे पर तुली है।
रेखा दुबे, कटका झूंसी

अब प्रशासन को क्या कहा जाएगा। सरकार आसानी से किसी को मकान बनाने के लिए लोन तक नहीं देती, और बने हुए मकान मकानों को तोडऩे का काम कर रही है। संगमवाटिका से रसूलाबाद घाट रोड का तोड़ा जाना इतना जरूरी तो नहीं है। तेलियरगंज अवतार टाकीज रोड से घाट पर जाने के लिए एक चौड़ा मार्ग बना है। त्योहार के वक्त इस तरह की कार्रवाई इंसानियत के खिलाफ है।
संजय कुमार, रसूलाबाद