प्रयागराज (ब्यूरो)पुलिस उपायुक्त यमुनानगर सौरभ दीक्षित द्वारा घटना का खुलासा किया गया। उन्होंने बताया कि शातिर अजीत कुमार पांडेय करछना के भुण्डा गांव निवासी सकल नारायण पांडेय का बेटा है। वह गंगा नगर नैनी में रहकर रेडियण्ट सीएमएस में मनी कलेक्शन का काम किया करता था। कलेक्शन के रुपयों पर उसकी नीयत डोल गई। वह साढ़े तीन लाख रुपये को हजम करने की कोशिश में जुट गया। इसी प्रयास को अमल में लाने के लिए परिचित के अनिरुद्ध प्रसाद पांडेय निवासी ककरम थाना करछना व उसके मौसी के बेटे नितेश पांडेय निवासी वीरपुर थाना करछना से संपर्क किया। खुद के द्वारा तैयार किए गए प्लान के तहत दोनों को अपने साथ लूट के लिए राजी किया। क्राइम स्क्रिप्ट के मुताबिक वह दफ्तर से साढ़े तीन लाख रुपये लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा करने के लिए निकला। पूर्व में तैयार प्लान के तहत बाइक से अनिरुद्ध व नितेश पहुंच कर रुपयों से भरा बैग लेकर चले गए। मोबाइल लोकेशन और हुई बातचीत के आधार पर पुलिस अजीत के दोनों साथियों तक पहुंच गई। पहले तो अजीत दोनों को पहचाने से इंकार करता रहा। बाद में उसके मोबाइल में अनिरुद्घ की फोटो पुलिस के हाथ लग गई। इसके बाद अजीत को सच बोलना ही पड़ा। सच्चाई उगला तो दिन दहाड़े करछना में हुई लूट की घटना फेक साबित और सुनियोजित साबित हुई।

इंश्योर्ड था पूरा पैसा

अजीत ने पुलिस को कहा कि कंपनी के पैसे का इंश्योरेंस था। इसलिए उसे लगा कर पैसा लूट बता देंगे तो इंश्योरेंस से कंपनी को रुपये मिल जाएंगे। ज्यादा पूछताछ होगी नहीं और वह सारा पैसा खा जाएगा। पुलिस उपायुक्त यमुनापार ने कहा कि अजीत के पास से 50 हजार रुपये व अनिरुद्ध के कब्जे से ढाई लाख रुपये एवं नितेश के पास से 50 हजार कुल साढ़े तीन लाख रुपये व घटना में प्रयुक्त बाइक एवं तमंचा व कारतूस बरामद किए गए हैं।

लूट की सूचना देने वाला अजीत ही लूट करवाया था। उसे व उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार करके पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया है। लूटे गए रुपयों व घटना में प्रयुक्त बाइक व तमंचा आदि भी बरामद किए गए हैं।

सौरभ दीक्षित, पुलिस उपायुक्त यमुनानगर