प्रयागराज ब्यूरो ।बोर्ड मुख्यालय तक पहुंची शिकायतें, सचिव ने परीक्षार्थियों को किया आगाह
पिछले साल भी आयी थी शिकायतें, बोर्ड की तरफ से दर्ज कराये गये थे मुकदमे
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद अब बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का रिजल्ट तैयार करने की राह पर बढ़ चुका है। उम्मीद जतायी जा रही है कि इसी महीने के तीसरे या चौथे सप्ताह में बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। एक तरफ बोर्ड रिजल्ट घोषित करने की तैयारियों में जुटा है तो दूसरी तरफ साइबर फ्रॉड करने वाले भी पूरी तरह से एक्टिव हो चुके हैं। उन्होंने भी छात्रों के साथ उनके अभिभावकों को सूचना लगाने के लिए जाल फैलाना शुरू कर दिया है। छात्रों और उनके अभिभावकों के पास कॉल करके वे फेल बच्चे को पास कराने अथवा नंबर बढ़वाने का झांसा देकर पैसा ऐंठने की कोशिश में लग गये हैं। यह सूचना यूपी बोर्ड के मुख्यालय तक पहुंच चुकी है। इसे नोटिस लेकर हुए गुरुवार को बोर्ड सचिव ने छात्रों और उनके अभिभावकों के नाम एक लेटर जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है। यह साइबर फ्रॉड करने वालों की कोशिश है, इससे बचें।

नौ मार्च को समाप्त हुई थी परीक्षाएं
बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा इस साल 22 मार्च को शुरू हुई थी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षाएं कुल 12 वर्किंग डेज में पूरी कराने का टारगेट लिया था। इस बार आगरा के एक केन्द्र से पर्चा लीक होने की सूचना को छोड़ दिया जाय तो कुछ भी बड़ा नहीं हुआ था। इसके चलते बोर्ड को फिर से परीक्षा कराने की नौबत किसी भी पेपर में नहीं आयी और परीक्षा का नौ मार्च को समापन हो गया। आगरा के अतर सिंह इंटर कालेज रोझौली केंद्र से परीक्षा शुरू होने के 1.11 घंटे बाद प्रश्नपत्र को वाट्सएप ग्रुप पर भेजकर शुचिता प्रभावित करने का प्रयास किया गया था। इसके मुख्य आरोपित विनय चौधरी सहित सभी आरोपितों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। साथ ही उस विद्यालय की मान्यता समाप्त करने का निर्णय भी ले लिया गया।

17 फरवरी से शुरू हुई थी कापियों की चेकिंग
यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की कापियों का मूल्यांकन 16 फरवरी से शुरू हुआ था। बोर्ड ने परीक्षा की सभी कापियों की चेकिंग का काम 31 मार्च तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा था। कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के जरिए कापी चेकिंग की मॉनिटरिंग का नतीजा यह हुआ कि इस लेवल पर किसी भी प्रकार की सेटिंग काम नहीं आयी। इसका दूसरा फायदा यह हुआ कि बोर्ड ने निर्धारित समय सीमा से करीब चौबीस घंटे पहले ही सभी कापियों की चेकिंग का काम पूरा करा लिया। वह भी तब जबकि बीच में होली का पर्व होने के चलते तीन दिन का अवकाश घोषित किया गया था। बीच में वाराणसी के टीचर की हत्या के बाद कुछ सेंटर पर टीचर्स ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार भी किया लेकिन इसका बड़ा इंपैक्ट कापियों की चेकिंग पर नहीं आया।

सभी परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों से अनुरोध है कि वे फेल, पास अथवा नंबर बढ़ाने वाली कॉल को सीरियसली न लें। यह कृत्य साइबर फ्रॉड करने वाले कर रहे हैं। बोर्ड में नंबर बदले जाने की कोई संभावना नहीं है। ऐसी कॉल्स की शिकायत आने पर बोर्ड की ओर से रिपोर्ट दर्ज करायी जायेगी, जैसा पिछले साल भी किया गया था।
दिब्यकांत शुक्ला
सचिव, यूपी बोर्ड


तीनो बोर्ड की परीक्षा हो चुकी है समाप्त
बता दें कि प्रयागराज में इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षा देने के लिए मेजरली तीन बोर्ड काम करते हैं। छात्रों की सबसे बड़ी संख्या यूपी बोर्ड के पास होती है। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी के लास्ट वीक में शुरू हो गयी थीं। बोर्ड ने बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाएं 9 मार्च को सम्पन्न करा ली थी। दूसरे नंबर पर सीबीएसई आता है। तीसरे नंबर पर सीआईएससीई आता है। इन दोनों बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी गुरुवार को समाप्त हो गयी। इन दोनो बोर्ड ने कापियों की चेकिंग पर पैरलल काम शुरू करा दिया था यानी परीक्षा का सेंटर अलग था और कापी चेकिंग का सेंटर अलग। दोनो काम में अलग अलग टीचर्स की डयूटी लगायी गयी थी। इसके चलते इन दोनों बोर्डों की कापियों की चेकिंग का काम भी सुपरफास्ट स्पीड में आगे बढ़ा है। इसके चलते कयास लगाया जा रहा है कि इस मंथ के इंड या फिर अधिकतम मई के सेकंड वीक तक ये दोनो बोर्ड भी अपनी परीक्षाओं का फाइनल रिजल्ट घोषित कर देंगे। इन तीनो के अलावा मदरसा और संस्कृत बोर्ड परीक्षाएं करवाता है। इन दोनो बोर्डों के बदौलत आगे की पढ़ाई करने वाले छात्रों का आंकड़ा बेहद कम है।