प्रयागराज ब्यूरो बद्दीक मारवाड़ी गिरोह के सदस्य बेहद शातिर हैं। ये एक रात में ही कई घटना को एक साथ अंजाम देते हैं। हर घटना के बाद ये कपड़े बदल लेते हैं। गले में चप्पल की माला पहन लेते हैं। घटना को अंजाम देने के बाद अलग अलग रास्ते से भागते हैं। घटना वाली रात ही डेरा उठा लिया जाता है। ताकि पुलिस उन तक पहुंच न सके। हालांकि प्रयागराज पुलिस ने इन डकैतों के सारे शातिराने अंदाज पर पानी फेर दिया।
अभी नया नया है गिरोह
बद्दीक मारवाड़ी गिरोह अभी नया नया है। हालांकि अभी तमाम तफ्तीश होनी बाकी है। मगर जो राज खुले हैं वो बेहद चौकाने वाले हैं। लालगोपालगंज में पकड़े गए डकैतों से पुलिस को पता चला है कि ये डकैत ग्रामीण इलाके के बाजारों में ही घटनाओं को अंजाम देते हैं। सबसे पहले ये पुलिस के आने का रास्ता देखते हैं। समझते हैं कि अगर पुलिस तेजी भी दिखाती है तो कितनी देर में घटना स्थल तक पहुंच सकती है। इसके बाद घटना स्थल से इनके सुरक्षित बच निकलने के रास्ते में पुलिस कहां इन्हें पकड़ सकती है। पुलिस से सुरक्षित बच निकलने का रास्ता तय होने के बाद ये अपने साथ रहने वाली महिलाओं से रेकी कराते हैं। रेकी हो जाने के बाद ये घटना स्थल पर जाते हैं।
घटना के बाद बदल लेते हैं कपड़ा
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि ये डकैत एक रात में ही एक साथ कई घटना को अंजाम देते हैं। ताकि महीने दो महीने खर्च की कोई दिक्कत इनको न हो। ये डकैत हर घटना में अपने कपड़े बदल लेते हैं। ताकि इनकी पहचान को लेकर पुलिस चकरघिन्नी बन जाए।
आंख पर जरुर करते हैं हमला
इस गैंग की खासियत है ये घर में घुसने के बाद परिवार के सदस्यों पर इस तरह हमला करते हैं कि उसकी आंख पर चोट आ जाय। ताकि इनकी पहचान होने में दिक्कत हो। हेतापट्टी में भी डकैतों ने संतोष केसरवानी और अशोक केसरवानी की आंख को चोटहिल कर दिया था।
एक हफ्ते में कर देते हैं घटना
बद्दीक मारवाड़ी गिरोह जहां पर भी डेरा डालता है वहां एक हफ्ते में घटना को अंजाम देकर निकल जाता है। हेतापट्टी में भी घटना को अंजाम देने के एक हफ्ता पहले ये डकैत झूंसी में डेरा डाले थे। डकैतों ने हेतापट्टी बाजार में घटना को अंजाम देना तय किया। इसके बाद तीन बदमाशों ने जाने और भागने के रास्ते को तय किया। इसके बाद डेरे की महिलाओं से रेकी कराई। डेरे की महिलाएं चटाई और खिलौना बेचने के बहाने हेतापट्टी में घूमती रहीं। इन महिलाओं ने कारोबारी अशोक का घर डकैती के लिए चिन्हित किया था। छह अगस्त की रात को घटना को अंजाम दे दिया।

सरिया से लग गई थी चोट
हेतापट्टी में जिस डकैत के लड़खड़ा के चलने की बात आई वह पकड़ा गया जयराम उर्फ नन्हें है। चौकीदार को पकडऩे के चक्कर में जब डकैत दीवार फांदकर अंदर घुसे तो इस दौरान जयराम को पैर में चोट आ गई। पुलिस के मुताबिक इस कांड को धीरेंद्र उर्फ लड्डू ने लीड किया है। झूंसी से डेरे से शाम को निकलने के बाद इन सातों डकैतों ने एक जगह शराब पी, इसके बाद हेतापट्टी पहुंचे।

सीसीटीवी से बचने की रहती है कवायद
पूछताछ में एक अहम बात ये पता चली कि ये डकैत घटना को अंजाम देने के पहले सबसे पहले सीसीटीवी कैमरा देखते हैं। अगर सीसीटीवी तय स्पॉट पर लगा है तो फिर वहां घटना नहीं करते। एक बात और पता चली है कि घटना के दौरान भागते समय चप्पल न छूट जाए इसके लिए डकैत चप्पल को डोरी से बांध कर अपने गले में लटका लेते हैं।
विधायक ने की चौकीदार के परिवार से मुलाकात
विधायक पूजा पाल ने हेतापट्टी जाकर चौकीदार रामकृपाल पाल के परिवार से मुलाकात की। विधायक ने पीडि़त परिवार को सरकार से मदद दिलवाने का आश्वासन दिया। कहा कि पीडि़त परिवार के साथ न्याय होगा।