रूपकथा और पश्चिम बंग नाट्य अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे राष्ट्रीय नाट्य मेले का तीसरा दिन

रवीन्द्रालय सभागार में प्रख्यात नाट्यकर्मी सीमा मुखोपाध्याय के नाटक तोखोन बिकेल का हुआ मंचन

<रूपकथा और पश्चिम बंग नाट्य अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे राष्ट्रीय नाट्य मेले का तीसरा दिन

रवीन्द्रालय सभागार में प्रख्यात नाट्यकर्मी सीमा मुखोपाध्याय के नाटक तोखोन बिकेल का हुआ मंचन

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: रूपकथा और पश्चिम बंग नाट्य अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे फ्0वें राष्ट्रीय नाट्य मेले के तीसरे दिन प्रख्यात नाट्यकर्मी सीमा मुखोपाध्याय निर्देशित नाटक तोखोन बिकेल का मंचन किया गया। रवीन्द्रालय सभागार में हुई नाट्य प्रस्तुति के केन्द्र में अस्पताल में डॉ। पार्थो सान्याल और एक अजीब शख्सियत वाले उमा राय के जीवन की कहानी को दर्शाया गया था। जिसमें दोनों की ख्भ् दिनों की मुलाकात और साथ-साथ उनका व्यक्तिगत वार्तालाप ही नाटक का अभिन्न रहा।

उमा अपनी जिंदगी अपने हिसाब से चलने के लिए सोचती है। धीरे-धीरे डॉ। सान्याल को उनकी सोच पसंद आने लगी और उनका कठोर व्यक्तित्व धूमिल होने लगता है। इतना ही नहीं हर कोई उमा की तारीफ करने लगा तो डॉ। सान्याल सहित अस्पताल के सभी लोग गहरे दोस्त बन जाते हैं। सभी एक-दूसरे के साथ हंसी मजाक करते और एक साथ घूमने लगते हैं। इसके बाद उमा अस्पताल से जाने लगती है तो उसे दिल का दौरा पड़ जाता है। फिर डॉ। सान्याल उमा का इलाज करते हैं।