कैंडिडेट्स के कम होते रुझान को देखकर कॉलेज ही नहीं यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स के भी कान खड़े हो गए हैं। दरअसल यूनिवर्सिटी सहित कॉलेजेज में यूजी की लगभग 20 हजार सीटें हैं। इन पर एडमिशन लेने के लिए केवल 51696 कैंडिडेट्स ने फॉर्म सबमिट किए हैं। ये संख्या लास्ट इयर की तुलना में काफी कम है। ऐसे में ऑफिसर्स की टेंशन बढऩा लाजिमी है। इसके दो रीजंस हैंं। पहला यह है कि इसमें बहुत से स्टूडेंट ऐसे होंगे जिन्होंने तमाम दूसरी यूनिवर्सिटीज में भी एडमिशन के लिए फॉर्म सब्मिट किया होगा और वह और कोई विकल्प न होने पर ही यूनिवर्सिटी या उससे एफीलिएटेड कॉलेजेज में एडमिशन लेने में इंट्रेस्ट दिखाएंगे। दूसरा यह कि लास्ट इयर फॉर्म सबमिट करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या अधिक होने के बावजूद कॉलेजेज में कई कोर्सेज की ज्यादातर सीटें खाली रह गई थीं.
कुछ तो करना ही होगा
समय रहते कुछ न किया गया तो आने वाले सालों में यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कुछ ऐसा ही कहना है। साथ ही उनका कमेटी ऑफ एडमिशंस के लिए सजेशन है कि इस बार कॉलेजों में एडमिशन का प्रॉसेज यूनिवर्सिटी के साथ ही शुरू कर दिया जाए। जिससे कैंडिडेट्स को कॉलेज में एडमिशन के लिए लम्बा इंतजार न करना पड़े। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि कैंडिडेट कॉलेज में एडमिशन प्रॉसेज शुरू होने का इंतजार करते-करते थक कर अन्य दूसरे यूनिवर्सिटी व कॉलेज में एडमिशन ले लेते हैं.
आधी seat रह गई खाली
लास्ट इयर जब यूजीएटी में फॉर्म सबमिट करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या 52644 थी। तब भी राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, सीएमपी डिग्री कॉलेज, ईश्वरशरण डिग्री कॉलेज श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय, आर्य कन्या डिग्री कॉलेज व जगत तारन गल्र्स डिग्री कॉलेज की खासतौर पर बीए की काफी सीटें खाली रह गई थी। सीट फुल हो सके इसके लिए कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने यूनिवर्सिटी के साथ ही एडमिशन शुरू करने व ओपेन एडमिशन यानी एंट्रेंस टेस्ट में न शामिल हो पाने वाले कैंडिडेट्स के एडमिशन की अनुमति मांगी थी, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके लिए ऑर्डर देने से इंकार कर दिया था.
No। of seats in AU & college
BA: 14656
B.Sc (Math): 1224
B.Sc (Bio): 916
B.Sc (HS): 46
B.Com: 2325
(सेल्फ फाइनेंस की सीट अलग)
एडमिशन की प्रॉब्लम हमारे कॉलेज बहुत अधिक है। आधी सीट भी भरने में मुश्किल हो जाती है। कॉलेज का नाम ओपेन यूनिवर्सिटी के नाम मिलता है। इसका खामियाजा भी कॉलेज को उठाना पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कॉलेज को इस बार एंट्रेंस टेस्ट का सेंटर बनाया है। जिससे कैंडिडेट्स को कॉलेज के बारे में मालूम हो। इसके अलावा यूनिवर्सिटी से रिक्वेस्ट की गई है कि प्रवेश भवन पर एडमिशन शुरू होने के साथ ही उनके कॉलेज को भी एक काउंटर अवेलेबल कराया जाए, जिससे सीट भरी जा सके.
डॉ। प्रमिला टंडन, प्रिंसिपल राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय
बढ़ गई officers की tension
कैंडिडेट्स के कम होते रुझान को देखकर कॉलेज ही नहीं यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स के भी कान खड़े हो गए हैं। दरअसल यूनिवर्सिटी सहित कॉलेजेज में यूजी की लगभग 20 हजार सीटें हैं। इन पर एडमिशन लेने के लिए केवल 51696 कैंडिडेट्स ने फॉर्म सबमिट किए हैं। ये संख्या लास्ट इयर की तुलना में काफी कम है। ऐसे में ऑफिसर्स की टेंशन बढऩा लाजिमी है। इसके दो रीजंस हैंं। पहला यह है कि इसमें बहुत से स्टूडेंट ऐसे होंगे जिन्होंने तमाम दूसरी यूनिवर्सिटीज में भी एडमिशन के लिए फॉर्म सब्मिट किया होगा और वह और कोई विकल्प न होने पर ही यूनिवर्सिटी या उससे एफीलिएटेड कॉलेजेज में एडमिशन लेने में इंट्रेस्ट दिखाएंगे। दूसरा यह कि लास्ट इयर फॉर्म सबमिट करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या अधिक होने के बावजूद कॉलेजेज में कई कोर्सेज की ज्यादातर सीटें खाली रह गई थीं.
कुछ तो करना ही होगा
समय रहते कुछ न किया गया तो आने वाले सालों में यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कुछ ऐसा ही कहना है। साथ ही उनका कमेटी ऑफ एडमिशंस के लिए सजेशन है कि इस बार कॉलेजों में एडमिशन का प्रॉसेज यूनिवर्सिटी के साथ ही शुरू कर दिया जाए। जिससे कैंडिडेट्स को कॉलेज में एडमिशन के लिए लम्बा इंतजार न करना पड़े। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि कैंडिडेट कॉलेज में एडमिशन प्रॉसेज शुरू होने का इंतजार करते-करते थक कर अन्य दूसरे यूनिवर्सिटी व कॉलेज में एडमिशन ले लेते हैं।
आधी seat रह गई खाली
लास्ट इयर जब यूजीएटी में फॉर्म सबमिट करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या 52644 थी। तब भी राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, सीएमपी डिग्री कॉलेज, ईश्वरशरण डिग्री कॉलेज श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय, आर्य कन्या डिग्री कॉलेज व जगत तारन गल्र्स डिग्री कॉलेज की खासतौर पर बीए की काफी सीटें खाली रह गई थी। सीट फुल हो सके इसके लिए कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने यूनिवर्सिटी के साथ ही एडमिशन शुरू करने व ओपेन एडमिशन यानी एंट्रेंस टेस्ट में न शामिल हो पाने वाले कैंडिडेट्स के एडमिशन की अनुमति मांगी थी, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके लिए ऑर्डर देने से इंकार कर दिया था.
No। of seats in AU & college
BA: 14656
B.Sc (Math): 1224
B.Sc (Bio): 916
B.Sc (HS): 46
B.Com: 2325
(सेल्फ फाइनेंस की सीट अलग)
एडमिशन की प्रॉब्लम हमारे कॉलेज बहुत अधिक है। आधी सीट भी भरने में मुश्किल हो जाती है। कॉलेज का नाम ओपेन यूनिवर्सिटी के नाम मिलता है। इसका खामियाजा भी कॉलेज को उठाना पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कॉलेज को इस बार एंट्रेंस टेस्ट का सेंटर बनाया है। जिससे कैंडिडेट्स को कॉलेज के बारे में मालूम हो। इसके अलावा यूनिवर्सिटी से रिक्वेस्ट की गई है कि प्रवेश भवन पर एडमिशन शुरू होने के साथ ही उनके कॉलेज को भी एक काउंटर अवेलेबल कराया जाए, जिससे सीट भरी जा सके।
डॉ। प्रमिला टंडन, प्रिंसिपल राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय
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