प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यूपी बोर्ड का रिजल्ट जा चुका है। हजारों बच्चे बच्चे इंटर और हाईस्कूल में फेल हो चुके हैं। अब ये अगले साल फिर से एग्जाम में एपीयर होंगे। लेकिन, इससे पहले एक्सपट्र्स ने उनके लिए सलाह जारी की है। उनका कहना है कि फेल होने से चिंता करने की बात नही है। यह एग्जाम का हिस्सा है। आज नही तो नेक्स्ट ईयर सफलता जरूर मिलेगी। काल्विन अस्पताल स्थित मनोविज्ञान केंद्र के डॉक्टर्स का कहना है कि हर साल रिजल्ट आने के बाद बड़ी संख्या में परिजन आकर अपने फेल हुए बच्चों की काउंसिलिंग कराते हैं।

बेहतर रिजल्ट आने पर होती है अधिक चिंता
इस बार यूपी बोर्ड हाई स्कूल में 89.55 फीसदी और इंटर में 82.60 फीसदी रिजल्ट आया है। बेहतर रिजल्ट आने के बाद फेल होने वाले स्टूडेंट्स को अधिक समस्या होती है। एक्सपट्र्स का कहना है कि ऐसे में परिजनों का रोल अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। उनको साधारण तरीके से बच्चों से पेश आना है। अगर किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है तो इसके लिए एक्सपट्र्स से सलाह ले सकते हैं।

इन बातों का रखना होगा ध्यान
- किसी दूसरे की परफार्मेंस से अपने बच्चों के रिजल्ट का नही करना है मिलान।
- पब्लिकली कोई कमेंट नही है पास करना, करना है एप्रिशिएट।
- डांट फटकार और मारपीट से परिजनों को बनानी होगी दूरी।
- बच्चों की कमियों पर ध्यान देना जरूरी है, उसको स्ट्रांग करने पर दें ध्यान।
- अगर बच्चा अवसाद मे ंचला गया है तो इसके लिए किसी डॉक्टर से संपर्क करें।

दर्जनों मामले आते हैं सामने
मनोचिकित्सा केंद्र में हर साल रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद दर्जनों मामले डॉक्टर्स के सामने आते हैं। जिसमें बच्चे या तो अवसाद ग्रस्त होते हैं या उनमें सांस फूलने या भूख नही लगने जैसे लक्षण नजर आते हैं। ऐसे मामलों में बच्चों की काउंसिलिंग कर उनका इलाज कराया जाता है। ऐसे में यह स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए पहले से ही परिजनों को एफर्ट करना होगा।

सीबीएसई और आईसीएसई का रिजल्ट भी आना है
डॉक्टर्स का कहना है कि अभी यूपी बोर्ड का रिजल्ट आया है। इसके बाद सीबीएसई और आईसीएसई का रिजल्ट भी आना शेष है। इसलिए पहले से ही परिजनों को तैयारी करनी होगी। किसी प्रकार का घर में तनाव का वातावरण नही बनाना है। अगर बच्चा रिजल्ट आने से पहले या बाद में तनाव में हैं तो उसको एप्रिशिएट करना है न कि उसे नीचा दिखाना है। किसी अन्य बच्चे से बिल्कुल कम्पेयर नही करना है। अगर नंबर कम आते हैँ या फेल होता है तो नेक्स्ट टाइम के लिए उसे एक और चांस देना चाहिए।

यह समय काफी महत्वपूर्ण है। यूपी बोर्ड का रिजल्ट आ चुका है और सीबीएसई और आईसीएसई का आना बाकी है। इस समय पैरेंट्स को काफी सतर्क रहना होगा। अगर नंबर कम आते हैं या बच्चा फेल हो जाता है तो उसका हौसला बढ़ाना होगा न कि उसे डाटना। ऐसा करने से बात बिगड़ सकती है। हर साल रिजल्ट आने के बाद ऐसे कई मामले दस्तक देते हैं।
डॉ राकेश पासवान, मनोचिकित्सक

सालभर बच्चे मेहनत करते हैं और जब परीक्षा का परिणाम आता है तो नंबर कम आने या फेल हो जाने पर उनको चिंता होती है। वह अवसाद में भी चले जाते हैं। ऐसे में यह समय पैरेंट्स के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। उनको बच्चों के साथ सामंजस्य बनाकर चलना होगा। उनको एक और चांस देना चाहिए।
डॉ। कमलेश तिवारी, मनोवैज्ञानिक