देर आए लेकिन दुरुस्त आए
परदादी कमला नेहरू के जन्मदिन के मौके पर राहुल गांधी तकरीबन एक घंटे लेट पहुंचे। कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल में उन्होंने सबसे पहले आईसीयू, पीओपी, केयर, फॉर्मेसी और जवाहर वार्ड का इनॉगरेशन किया। इस दौरान वह पूरी तरह अकेले रहे। उनके साथ प्रोग्राम में केवल हॉस्पिटल ट्रस्टी और केंद्रीय मंत्री मुरली देवड़ा को ही अंदर जाने दिया गया.
बाहर से लौट गए अनुग्रह और रीता
कांग्रेसी युवराज ने हालांकि दौरे पर आने से पहले ही कहा था कि उनका ये प्रोग्राम पूरी तरह से पॉलिटिक्स से अछूता रहेगा। उनकी कथनी और करनी में कोई फर्क भी नजर नहीं आया। काफिले में शामिल एमएलए अनुग्रह नारायण सिंह और यूपी कांग्रेस की प्रेसीडेंट डॉ। रीता बहुगुणा जोशी को भी इस प्रोग्राम में इनवाइट नहीं किया गया था। ये लोग भी हॉस्पिटल के मेन गेट से वापस लौट गए। और तो और, एनएसयूआई और कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को भी गेट से ही पुलिस ने जबरन वापस कर दिया.
ये गरीबों का हॉस्पिटल है
प्रोग्राम के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वे प्रयाग की धरती पर आकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये गरीबों का हॉस्पिटल है और हमारा सपना है कि यहां आने वाले कैंसर पेशेंट्स को सस्ता और सुलभ ट्रीटमेंट अवेलेबल कराया जाए। इस दौरान उन्होंने नवनिर्मित जवाहर वार्ड का इंस्पेक्शन कर वहां एडमिट बच्चों से मुलाकात की। उनसे मिलकर हालचाल पूछा और टॉफियां बांटीं। हॉस्पिटल सीईओ मधुचंद्रा के कार्यों की भी मौके पर सराहना की गई.
युवाओं में दिखा क्रेज-
हमेशा की तरह वेडनसडे को भी राहुल गांधी का स्टाइल यंगस्टर्स के सिर चढ़कर बोला। व्हाइट कुर्ते पायजामे में हॉस्पिटल पहुंचे राहुल इस बार क्लीन शेव थे। उनकी एक झलक पाने के लिए यंगस्टर्स कई घंटे रोड पर नजरे गड़ाए खड़े रहे। इनमें गल्र्स भी शामिल थीं। ज्यादा रश हो जाने पर उन्हें कई बार पुलिस की नाराजगी का भी शिकार होना पड़ा.
इनका हुआ इनॉगरेशन
जवाहर वार्ड-11 बेड वाले इस वार्ड को खासतौर से बच्चों के लिए बनाया गया है। इसमें कैंसर से पीडि़त बच्चों को एडमिट करने की व्यवस्था है। देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम इस वार्ड को बच्चों के लिए खासतौर से डेकोरेट किया गया है.
राजीव गांधी विंग- इसमें आठ बेड का आईसीयू, नेफ्रो डायलिसिस यूनिट सहित अन्य फैसिलिटीज हैं.
स्कूल ऑफ हेल्थ साइंस- यहां यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी की ओर से रिकग्नाइज्ड डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा.
एचडीआर मशीन- एचडीआर यानी हाई डेंसिटी रेडियन नाम की इस मशीन से कैंसर पेशेंट्स का पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से ट्रीटमेंट किया जाएगा.