प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मोती लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज परिसर में पाइल्स, फिस्टुला पिलोनाइडल साइनस एवं एनोरेक्टल रीजन की अन्य बीमारियों के रोकथाम और इलाज को लेकर पांच दिवसीय फेलोशिप कोर्स के तीसरे दिन एसोसिएशन ऑफ कोलोरेक्टल सर्जन ऑफ इंडिया, एसोसिएशन सर्जन ऑफ इंडिया के उत्तर प्रदेश चैप्टर, इलाहाबाद सर्जन एसोसिएशन एवं सर्जरी की तरफ से चल रहे कोर्स में पूरे देश से करीब 150 चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। वहीं पांचवे दिन पांच सेशन हुए। इसके अलावा लेजर से ऑपरेशन की कार्यशाला भी हुई। जिसमें गुदा के ऊपर घाव (पाइलो निडल साइनस) के संबंध में जानकारी देते हुए नागपुर के डॉ। प्रदीप शर्मा ने बताया कि लंबे समय तक बैठने व शरीर पर अधिक बाल होने के कारण यह बीमारी होने की संभावना रहती है।

गर्भावस्था में बवासीर का ऑपरेशन नहीं
वहीं बवासीर पर श्रीनगर से आये डॉ। निशार चौधरी ने बताया कि अगर लीवर में कोई समस्या है या फिर गर्भावस्था है तो बवासीर का ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए। इस दौरान दवा से ही बवासीर का इलाज किया जाना बेहतर है। वहीं लखनऊ से आये डॉ। अरशद अहमद ने बवासीर के ऑपरेशन की विधि के बारे में जानकारी दी। जिसमें ओपेन, क्लोज व स्टेपलर विधि से इलाज के संबंध में उन्होंने बताया। इस अवसर पर मुंबई से डॉ। कुशल मित्तल मुंबई, डॉ। निरंजन अग्रवाल, जालंधर से डॉ। कमल गुप्ता व औरंगाबाद से डॉ। अतुल देश पांडेय ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। वहीं आयोजन समिति में डॉ। संतोष सिंह, डॉ। राजकुमार चौधरी, डॉ। कृष्णा सिंह, डॉ। अखिलेश यादव, डॉ। अशोक अग्रवाल, डॉ। सुजीत सिंह व डॉ। अभिनव अग्रवाल मौजूद रहे। वहीं शनिवार सुबह सात बजे से शाम तीन बजे तक एमएलएन मेडिकल कॉलेज परिसर में फेलोशिप कोर्स की परीक्षा होगी। जिसमें 43 चिकित्सक प्रतिभाग करेंगे।